वाशिंगटनः व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन के हकदार हैं और उन्होंने कड़ी मेहनत की है.
व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रम्प ने शांति को अपने विदेश नीति प्रयासों का आधार बनाया है.
नॉर्वे के एक धुर दक्षिणपंथी सांसद क्रिश्चन टायब्रिंग-गेजेड ने ट्रम्प को पश्चिम एशिया में उनके प्रयासों को देखते हुए नोबेल शांति पुरस्कार के लिये बुधवार को नामित किया था.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केली मेकनैनी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प को इज़राजल-संयुक्त अरब अमीरात के बीच शांति समझौता करने में उनकी भूमिका के कारण नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है. यह ऐतिहासिक समझौता था और यह दो दशकों से अधिक समय में इस प्रकार का पहला समझौता है. राष्ट्रपति इसके हकदार हैं और उन्होंने कड़ी मेहनत की है.
उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने शांति को अपने हालिया विदेश नीति प्रयासों का आधार बनाया है.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल ने 13 अगस्त को घोषणा की थी कि वे पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित कर रहे हैं.
मध्य एशिया में शांति की ओर ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच पहला वाणिज्यिक विमान 31 अगस्त को अबु धाबी में उतरा था.
दक्षिणपंथी प्रोग्रेस पार्टी की तरफ से नॉर्वे की संसद के सदस्य क्रिश्चन टायब्रिंग-गेजेड ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल के बीच शांति समझौते को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार देने के लिये ट्रम्प के नाम पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ट्रंप की इस पहल से पश्चिम एशिया में संभावित शांति का रास्ता बना है.
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टायब्रिंग-गेजेड नॉर्वे के उन दो सांसदों में से एक हैं जिन्होंने 2018 में भी ट्रंप को उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच सुलह के प्रयासों को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार के लिये नामित किया था। कोई भी सांसद किसी को नोबेल शांति पुरस्कार के लिये नामित कर सकता है.
नोबेल शांति पुरस्कारों के लिये उम्मीदवारों के नाम पर विचार और उन्हें पुरस्कार देने की प्रक्रिया नॉर्वे में पूरी होती है जबकि अन्य नोबेल पुरस्कार पड़ोसी देश स्वीडन में दिये जाते हैं.