वाशिंगटन: अमेरिका की एक संघीय अपीलीय अदालत ने मंगलवार को एक निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराया है. अपील कोर्ट ने फैसला सुनाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राजनीतिक मतभेदों के आधार पर 'टि्वटर' पर उपयोगकर्ताओं को कानूनी रूप से ब्लॉक नहीं कर सकते.
तीन न्यायाधीशों की समिति ने एक संघीय न्यायाधीश के पिछले साल के इस फैसले पर सहमति जताई कि ट्रंप, विरोधी नजरिया रखने वाले लोगों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करके 'वैचारिक भेदभाव' कर रहे हैं.
अदालत ने एक निजी इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर संविधान के पहले संशोधन के तहत राष्ट्रपति की अभिव्यक्ति की आजादी के सवाल को नजरअंदाज किया लेकिन स्पष्ट किया कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस के आधिकारिक कामकाज के लिए एक सार्वजनिक मंच तैयार किया है.
न्यायाधीशों ने 29 पन्नों में अपनी राय जाहिर की है. इस केस में कोर्ट ने अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन की व्याख्या की है.
कोर्ट ने कहा कि पहला संशोधन एक जनसेवक को लोगों ओपन ऑनलाइन संवाद से अलग रखने की आजादी नहीं देता है. वो भी सिर्फ इसलिए, क्योंकि लोगों ने ऐसा नजरिया पेश किया जिससे अधिकारी असहमत हों.
अमेरिकी संविधान के पहले संविधान संशोधन की व्याख्या करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये वैसे जनसेवकों पर लागू होता है जो अपने सोशल मीडिया अकाउंट को, हर तरह के आधिकारिक उद्देश्य के लिए उपयोग करते हैं.
कोर्ट ने ये आदेश एक लॉ-सूट पर पारित किया है. लॉ सूट में एक ट्विटर यूजर समूह और कोलंबिया विश्वविद्यालय के नाइट फर्स्ट अमेंडमेंट इंस्टीट्यूट संयुक्त याचिकाकर्ता थे. याचिका में आरोप लगाया गया था कि ट्रंप ने अपने राजनीतिक विरोधियों को गलत तरीके से ब्लॉक किया है.
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याचिकाकर्ताओं में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरिलैंड, टेक्सास पुलिस ऑफिसर और न्यूयॉर्क के एक कॉमिक भी शामिल थे. सभी लोगों ने आरोप लगाए थे कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की आलोचना करने पर उन्हें ट्रंप के ट्विटर अकाउंट (@realDonaldTrump) से ब्लॉक कर दिया गया.
ट्रंप के वकील ने कोर्ट में ये कहा कि वे ट्विटर यूजर्स को ब्लॉक करने के समय बतौर राष्ट्रपति के रूप में काम नहीं कर रहे थे. हालांकि, कोर्ट ने उनकी दलील को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने कहा 'राष्ट्रपति और उनके प्रशासन के कई सदस्यों ने उनके ट्विटर अकाउंट के प्रयोग को आधिकारिक करार दिया है.'
कोर्ट ने कहा 'हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ट्विटर की प्रकृति आधिकारिक साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.' उन्होंने कहा कि एक बार जब राष्ट्रपति ने ट्विटर का चयन कर, करोड़ों लोगों के लिए संवाद का रास्ता खोल दिया, तब वे वैसे चुनिंदा लोगों निकाल नहीं सकते को जिससे वे असहमत हैं.