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भारत का अमेरिकी कच्चे तेल के लिए चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत अब अमेरिकी कच्चे तेल के लिए चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार है और अमेरिकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस के लिए पांचवां सबसे बड़ा बाजार है.

Indian Ambassador Taranjit Singh Sandhu
भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू
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Published : Sep 28, 2020, 1:54 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी भारत-अमेरिका संबंधों के विस्तार की आधारशिला बनाकर उभरी है और पिछले दो वर्षों में द्विपक्षीय हाइड्रोकार्बन व्यापार में 93 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. संधू ने द ह्यूस्टन क्रॉनिकल में एक आलेख में लिखा कि आंकड़े अपनी बात खुद कहते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच हाइड्रोकार्बन व्यापार में 93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2019 में यह 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. भारत अब अमेरिकी कच्चे तेल के लिए चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार है और अमेरिकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस के लिए पांचवां सबसे बड़ा बाजार है.

उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों ने अमेरिका से कच्चा माल मंगाने के लिए कई करार किए हैं और वह अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ा रही हैं, जिससे रोजगार तथा आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जून 2017 में अमेरिका की यात्रा के दौरान इस रणनीतिक साझेदारी की घोषणा हुई और इसमें उस समय तेजी आई जब मोदी ने सितंबर 2019 में ह्यूस्टन का दौरा किया.

पढ़ें - 2016 के पहले ट्रंप ने 10 वर्षों के आयकर का भुगतान नहीं किया : रिपोर्ट

उन्होंने लिखा कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी तीन पहलुओं- मजबूती, भरोसा और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पर आधारित है और कोरोना वायरस महामारी ने एक बार फिर पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के जरिए आर्थिक विकास को गति देने की जरूरत को रेखांकित किया है.

वॉशिंगटन : अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी भारत-अमेरिका संबंधों के विस्तार की आधारशिला बनाकर उभरी है और पिछले दो वर्षों में द्विपक्षीय हाइड्रोकार्बन व्यापार में 93 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. संधू ने द ह्यूस्टन क्रॉनिकल में एक आलेख में लिखा कि आंकड़े अपनी बात खुद कहते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच हाइड्रोकार्बन व्यापार में 93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2019 में यह 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. भारत अब अमेरिकी कच्चे तेल के लिए चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार है और अमेरिकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस के लिए पांचवां सबसे बड़ा बाजार है.

उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों ने अमेरिका से कच्चा माल मंगाने के लिए कई करार किए हैं और वह अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ा रही हैं, जिससे रोजगार तथा आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जून 2017 में अमेरिका की यात्रा के दौरान इस रणनीतिक साझेदारी की घोषणा हुई और इसमें उस समय तेजी आई जब मोदी ने सितंबर 2019 में ह्यूस्टन का दौरा किया.

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उन्होंने लिखा कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी तीन पहलुओं- मजबूती, भरोसा और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पर आधारित है और कोरोना वायरस महामारी ने एक बार फिर पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के जरिए आर्थिक विकास को गति देने की जरूरत को रेखांकित किया है.

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