संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने यूक्रेन में जारी संकट के राजनयिक समाधान तलाशने की अपील की है. यहां तक कि रूस के उप विदेश मंत्री ने भी कहा कि सारे प्रयास राजनयिक समाधान तलाशने की दिशा में ही होने चाहिए, लेकिन उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary 0f State Antony Blinken) की उस अपील पर कोई जवाब नहीं दिया कि वह स्पष्ट कहें कि रूस यूक्रेन पर आक्रमण नहीं करेगा (State it clearly that Russia will not invade Ukraine). सुरक्षा परिषद की सालाना बैठक रूस ने बुलाई थी और बैठक का मकसद मिंस्क समझौते को लागू कराना तथा पूर्वी यूक्रेन में शांति बहाल करना है. इस स्थान पर रूस समर्थित अलगाववादी 2014 में क्रीमिया पर मॉस्को के हमला के बाद से सरकारी बलों के साथ संघर्ष कर रहे हैं.
इस सत्र में वे सभी देश शामिल हुए जो सीमा सुरक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर रूस के विरोध में हैं.ब्लिंकन ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा कि वह स्पष्ट कर देना चाहते हैं, मैं यहां आज युद्ध शुरू करने नहीं बल्कि उसे रोकने आया हूं.उन्होंने कहा कि अमेरिका को सूचनाएं मिली हैं कि 1,50,000 रूसी सैनिक यूक्रेन के पास मौजूद हैं और वे आने वाले दिनों में यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहे हैं.
रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई वर्शिनिन ने परिषद को ब्लिंकन से ठीक पहले संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों के जमावड़े के संबंध में कुछ नहीं कहा,बल्कि यूक्रेन पर मिंस्क समझौते को लागू नहीं करने का आरोप लगाया. उनके अनुसार यह समझौता, पूर्वी यूक्रेन में असैन्य संघर्ष के समाधान का एकमात्र कानूनी उपाय है.
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने आगाह किया है कि रूस आने वाले दिनों में यूक्रेन पर हमला कर सकता है (Russian threat to invade Ukraine still very high). दुनियाभर के नेता इस संघर्ष का समाधान निकालने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन पूर्व और पश्चिम के बीच संदेह बढ़ता जा रहा है. नाटो सहयोगी देशों ने रूस के इस दावे को खारिज कर दिया है कि वह सीमा से सैनिकों को हटा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि रूस ने यूक्रेन से लगती सीमा पर करीब 1,50,000 सैनिकों को एकत्रित किया है