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स्मार्टवाच लक्षण दिखने से पहले ही कोविड-19 का पता लगाने में सहायक !

स्मार्टवाच जैसे उपकरण कोविड-19 के लक्षण सामने आने से करीब नौ दिन पहले ही शरीर में परिवर्तन का पता लगा सकते हैं. यह दावा अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं ने किया है.

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Published : Nov 20, 2020, 7:45 PM IST

बोस्टन : शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण लक्षणों जैसे दिल की धड़कन और नाड़ी की लगातार जानकारी देने वाली स्मार्टवाच जैसे पहनने योग्य उपकरण कोविड-19 के लक्षण सामने आने से करीब नौ दिन पहले ही शरीर में परिवर्तन का पता लगा सकते हैं.

अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 5,300 प्रतिभागियों में से कोविड-19 के 32 मरीजों से जुड़ी सूचनाओं का विश्लेषण किया है.

उन्होंने पाया कि 32 मरीजों में से 26 (81 प्रतिशत) की हृदय गति, रोजाना पैदल चलने की दूरी या सोने के समय में बदलाव हुआ है.

नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 22 मामलों में लक्षण सामने आने से पहले ही बदलाव नजर आने लगे थे, वहीं चार मामले ऐसे थे जिनमें कम से कम नौ दिन पहले ही संक्रमण का पता चल गया था.

श्वसन संबंधी संक्रमण का समय पर लग जाता है पता

अध्ययन के निष्कर्ष से पता चलता है कि आपकी दैनिक शारीरिक गतिविधियों और स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए विकसित किए गए स्मार्टवाच जैसे उपकरण श्वसन संबंधी संक्रमण का समय पर पता लगाने में बड़े पैमाने पर सहायक सिद्ध हो सकते हैं.

पढ़ें- 2024 तक भारत के हर नागरिक तक पहुंचेगी कोरोना की वैक्सीन : सीरम

अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि संक्रमण के शुरुआती दिनों में पता लगने से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी. इसकी मदद से व्यक्ति स्व-पृथकवास में जा सकता है या फिर समय पर इलाज करवा सकता है.

कोविड-19 के लिए फिलहाल हो रही ज्यादातर जांच में नाक और मुंह से लिए गए स्वाब या फिर रक्त को नमूने के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

बोस्टन : शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण लक्षणों जैसे दिल की धड़कन और नाड़ी की लगातार जानकारी देने वाली स्मार्टवाच जैसे पहनने योग्य उपकरण कोविड-19 के लक्षण सामने आने से करीब नौ दिन पहले ही शरीर में परिवर्तन का पता लगा सकते हैं.

अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 5,300 प्रतिभागियों में से कोविड-19 के 32 मरीजों से जुड़ी सूचनाओं का विश्लेषण किया है.

उन्होंने पाया कि 32 मरीजों में से 26 (81 प्रतिशत) की हृदय गति, रोजाना पैदल चलने की दूरी या सोने के समय में बदलाव हुआ है.

नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 22 मामलों में लक्षण सामने आने से पहले ही बदलाव नजर आने लगे थे, वहीं चार मामले ऐसे थे जिनमें कम से कम नौ दिन पहले ही संक्रमण का पता चल गया था.

श्वसन संबंधी संक्रमण का समय पर लग जाता है पता

अध्ययन के निष्कर्ष से पता चलता है कि आपकी दैनिक शारीरिक गतिविधियों और स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए विकसित किए गए स्मार्टवाच जैसे उपकरण श्वसन संबंधी संक्रमण का समय पर पता लगाने में बड़े पैमाने पर सहायक सिद्ध हो सकते हैं.

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अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि संक्रमण के शुरुआती दिनों में पता लगने से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी. इसकी मदद से व्यक्ति स्व-पृथकवास में जा सकता है या फिर समय पर इलाज करवा सकता है.

कोविड-19 के लिए फिलहाल हो रही ज्यादातर जांच में नाक और मुंह से लिए गए स्वाब या फिर रक्त को नमूने के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

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