वॉशिंगटन : एक रिपोर्ट के मुताबिक विदेश सेवा में तीन दशक के करियर के बाद 2014 में डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट (उप विदेश मंत्री) के पद से रिटायर होने वाले बर्न्स के नाम का एलान कर दिया गया है. सीआईए का नेतृत्व करने के लिए जैसे ही राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रस्ताव रखा दोनों पक्षों की ओर से उन्हें भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ.
फरवरी में सीनेट की सुनवाई के दौरान ही उनके नाम की पुष्टि के संकेत मिल गए थे. टेक्सास के रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज ने भी 'स्वागतयोग्य घोषणा' के बाद अपना समर्थन व्यक्त किया. साथ ही कहा कि बाइडेन प्रशासन रूस और जर्मनी के बीच नेचुरल गैस पाइपलाइन परियोजना में शामिल संस्थाओं को मंजूरी देने में कानूनों का पालन करेगा.
यह भी पढ़ें-अमेरिकी प्रत्यर्पण के मुद्दे पर मलेशिया के साथ कूटनीतिक संबंध तोड़ेगा उत्तर कोरिया
पिछले महीने उनके नाम की पुष्टि की सुनवाई में बर्न्स ने जोर देकर कहा कि खुफिया एजेंसी को राजनीतिक नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन को सीआईए से यही उम्मीद है. जब उन्होंने मुझसे सीआईए की कमान संभलाने के लिए कहा तो सबसे पहली बात उन्होंने मुझसे यही कही थी.