वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति (US President) जो बाइडन (Joe Biden) ने रूस के राष्ट्रपति (Russian President) व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को जब से अपने देश में रैनसमवेयर गिरोहों पर कार्रवाई (action against Ransomware Groups) करने को कहा है, तब से अमेरिका में कोई बड़ा साइबर हमला नहीं हुआ है. इससे पहले बड़ा साइबर हमला मई में हुआ था, जिससे पेट्रोल की किल्लत हो गयी थी.
हालांकि, लुइस एंड क्लार्क कम्युनिटी कॉलेज (Lewis and Clark Community College) के अध्यक्ष केन ट्रास्का ने पिछले महीने एक रैनसमवेयर हमले के बाद कई दिनों के लिए कक्षाओं को रद्द कर दिया था.
गौरतलब है कि रैनसमवेयर एक तरह का दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर है जिससे कम्यूटर प्रणाली में सभी फाइलों को इनक्रिप्ट करके फिरौती मांगी जाती है. रैनसमवेयर हमलों में हैकर्स पीड़ितों के डेटा लॉक कर देते हैं और इसके बदले में उनसे फिरौती मांगते हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने फिरौती की कुछ रकम वापस ली, क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) के दुरुपयोगों पर कार्रवाई की और कुछ गिरफ्तारियां की. जासूसी एजेंसियों ने रैनसमवेयर समूहों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और अमेरिका ने संघीय, राज्य और स्थानीय सरकारों के साथ ही निजी उद्योगों पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए जोर डाला.
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बाइडन के पुतिन से बात करने के छह महीने बाद यह कहना मुश्किल है कि क्या हैकर्स अमेरिकी दबाव के आगे झुक गए हैं. छोटे पैमाने पर हमले जारी है और रैनसमवेयर अपराधी लगातार रूस से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बारे में विरोधाभासी बयान दिए है कि क्या पिछली गर्मियों के बाद से रूस के रवैये में बदलाव आया है.
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि वह अपने विभिन्न उपकरणों के जरिए 'रैनसमवेयर से लड़ने' के लिए दृढ़ है लेकिन सरकार की प्रतिक्रिया हमले की गंभीरता पर निर्भर करती है. कुछ कानून प्रवर्तन के मामले हैं और अन्य ऐसे मामले हैं जिनका ज्यादा असर होता है, बाधाकारी रैंसमवेयर गतिविधि से राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधा खतरा हो रहा है.
(पीटीआई-भाषा)