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चीन में अमेरिकी राजदूत ब्रान्स्टेड छोड़ सकते हैं पद, पोम्पिओ ने बताई वजह

अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रान्स्टेड ने अमेरिका-चीन संबंधों को पुनर्जीवित करने में योगदान दिया है लेकिन अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि चीन में अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रान्स्टेड अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. जानें क्या है पूरा मामला...

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Published : Sep 14, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Sep 14, 2020, 7:31 PM IST

पोम्पिओ
पोम्पिओ

बीजिंग : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के किये गये ट्वीट के आधार पर ऐसे संकेत है कि चीन में अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रान्स्टेड अपना पद छोड़ रहे हैं. पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह ट्वीट किया था कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने ब्रान्स्टेड के लेख को प्रकाशित करने से मना कर दिया जबकि अमेरिका में चीनी राजदूत 'किसी भी अमेरिकी मीडिया आउटलेट में प्रकाशित कराने के लिए स्वतंत्र हैं.'

पोम्पिओ ने तीन साल से अधिक समय तक सेवा के लिए ट्विटर पर राजदूत ब्रान्स्टेड को धन्यवाद दिया. हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग से इसकी तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है.

पोम्पिओ ने लिखा, 'राजदूत ब्रान्स्टेड ने अमेरिका-चीन संबंधों को पुनर्जीवित करने में योगदान दिया है ताकि यह परिणामोन्मुखी, पारस्परिक और निष्पक्ष हो.'

ब्रान्स्टेड उस समय एक विवादों में आ गये थे जब चीन के सरकारी समाचार पत्र ने उस लेख (कॉलम) को खारिज कर दिया था जो उन्होंने दिया था.

यह भी पढ़ें- गवर्नर के आदेश की अवहेलना कर ट्रंप ने बंद स्थान पर की रैली

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने इसके जवाब में कहा था कि ब्रान्स्टेड का लेख 'खामियों से भरा हुआ था, तथ्यों के साथ गंभीर रूप से असंगत था और चीन पर हमला करता हुआ प्रतीत हो रहा था.'

बीजिंग : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के किये गये ट्वीट के आधार पर ऐसे संकेत है कि चीन में अमेरिकी राजदूत टेरी ब्रान्स्टेड अपना पद छोड़ रहे हैं. पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह ट्वीट किया था कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने ब्रान्स्टेड के लेख को प्रकाशित करने से मना कर दिया जबकि अमेरिका में चीनी राजदूत 'किसी भी अमेरिकी मीडिया आउटलेट में प्रकाशित कराने के लिए स्वतंत्र हैं.'

पोम्पिओ ने तीन साल से अधिक समय तक सेवा के लिए ट्विटर पर राजदूत ब्रान्स्टेड को धन्यवाद दिया. हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग से इसकी तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है.

पोम्पिओ ने लिखा, 'राजदूत ब्रान्स्टेड ने अमेरिका-चीन संबंधों को पुनर्जीवित करने में योगदान दिया है ताकि यह परिणामोन्मुखी, पारस्परिक और निष्पक्ष हो.'

ब्रान्स्टेड उस समय एक विवादों में आ गये थे जब चीन के सरकारी समाचार पत्र ने उस लेख (कॉलम) को खारिज कर दिया था जो उन्होंने दिया था.

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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने इसके जवाब में कहा था कि ब्रान्स्टेड का लेख 'खामियों से भरा हुआ था, तथ्यों के साथ गंभीर रूप से असंगत था और चीन पर हमला करता हुआ प्रतीत हो रहा था.'

Last Updated : Sep 14, 2020, 7:31 PM IST
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