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अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हल होना चाहिए दक्षिण चीन सागर विवाद : पोम्पिओ - US Secretary of State Michael Pompeo

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर आसियान के सदस्य देशों के बयान का स्वागत किया है. आसियान के सदस्य देशों ने दक्षिण चीन सागर विवाद का हल अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत किए जाने की मांग की है. विस्तार से पढ़ें पोम्पिओ ने क्या कहा...

माइक पोम्पिओ
माइक पोम्पिओ
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Published : Jun 28, 2020, 12:17 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 12:23 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आसियान के सदस्य देशों के बयान का स्वागत किया है, जिसमें कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर विवाद का हल अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत किया जाना चाहिए.

पोम्पिओ ने ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका आसियान नेताओं के आग्रह का स्वागत करता है. जिसमें कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर के विवाद को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सुलझाया जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून में यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन फॉर द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) भी शामिल है. चीन को साउथ चाइना सी (एससीएस) को अपने समुद्री साम्राज्य के रूप में मानने की अनुमति नहीं दी जा सकती. हमें इस मुद्दे पर जल्द ही कुछ और कदम उठाना होगा.

पढ़ें- एलएसी घटना पर बोले अमेरिकी सांसद- चीन को जवाब देने का वक्त आ गया

आसियान के 36वें सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए सामूहिक बयान दिया. आसियान नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में शांति बनाए रखने और उसे बढ़ावा देने, सुरक्षा, स्थिरता, रक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता पर जोर दिया.

बता दें कि आसियान दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन है. इसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

वॉशिंगटन : अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आसियान के सदस्य देशों के बयान का स्वागत किया है, जिसमें कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर विवाद का हल अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत किया जाना चाहिए.

पोम्पिओ ने ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका आसियान नेताओं के आग्रह का स्वागत करता है. जिसमें कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर के विवाद को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सुलझाया जाना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून में यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन फॉर द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) भी शामिल है. चीन को साउथ चाइना सी (एससीएस) को अपने समुद्री साम्राज्य के रूप में मानने की अनुमति नहीं दी जा सकती. हमें इस मुद्दे पर जल्द ही कुछ और कदम उठाना होगा.

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आसियान के 36वें सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए सामूहिक बयान दिया. आसियान नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में शांति बनाए रखने और उसे बढ़ावा देने, सुरक्षा, स्थिरता, रक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता पर जोर दिया.

बता दें कि आसियान दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन है. इसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं.

Last Updated : Jun 28, 2020, 12:23 PM IST
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