ETV Bharat / international

फाइजर, मॉडर्ना के कोविड टीके पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करते: अध्ययन - कोविड टीके पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करते

एक अध्ययन में पाया गया कि फाइजर और मॉडर्ना के कोविड-19 टीकों से पुरुषों के शुक्राणुओं के स्तर पर प्रभाव नहीं पड़ा.

फाइजर, मॉडर्ना
फाइजर, मॉडर्ना
author img

By

Published : Jun 18, 2021, 9:37 PM IST

वाशिंगटन : फाइजर और मॉडर्ना के कोविड-19 टीकों से पुरुषों की प्रजनन क्षमता को नुकसान नहीं होने का दावा करने वाले एक अध्ययन में पाया गया कि इसमें प्रतिभागी लोगों को टीके की दो खुराक लगने के बाद भी उनके शुक्राणुओं के स्तर पर प्रभाव नहीं पड़ा.

'जामा' जर्नल में बृहस्पतिवार को प्रकाशित अध्ययन में 18 से 50 वर्ष के 45 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया जिन्हें फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना के एमएआरएनए कोविड-19 टीके लगने थे.

इस अध्ययन में प्रतिभागियों की पूर्व में ही जांच कर यह भी पता लगाया कि उन्हें पहले से कोई प्रजनन संबंधी समस्या नहीं हो. इसमें 90 दिन पहले तक कोविड-19 से ग्रस्त हुए या उसके लक्षण वाले लोगों को शामिल नहीं किया गया.

पढ़ें - फिलस्तीनियों के लिए कोविड-19 टीके की 10 लाख खुराक भेजेगा इजराइल

इसमें पुरुषों को टीके की पहली खुराक लगाए जाने से पहले उनके वीर्य के नमूने लिए गए और दूसरी खुराक के करीब 70 दिन बाद नमूने लिए गए.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रशिक्षित विशेषज्ञों ने विभिन्न मानकों पर शुक्राणुओं की जांच की. अध्ययन के लेखकों में शामिल अमेरिका की मियामी यूनिवर्सिटी के एक अध्ययनकर्ता ने कहा, 'टीका लगवाने में लोगों की हिचक का एक कारण प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर होने की धारणा भी है.'

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : फाइजर और मॉडर्ना के कोविड-19 टीकों से पुरुषों की प्रजनन क्षमता को नुकसान नहीं होने का दावा करने वाले एक अध्ययन में पाया गया कि इसमें प्रतिभागी लोगों को टीके की दो खुराक लगने के बाद भी उनके शुक्राणुओं के स्तर पर प्रभाव नहीं पड़ा.

'जामा' जर्नल में बृहस्पतिवार को प्रकाशित अध्ययन में 18 से 50 वर्ष के 45 स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया जिन्हें फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना के एमएआरएनए कोविड-19 टीके लगने थे.

इस अध्ययन में प्रतिभागियों की पूर्व में ही जांच कर यह भी पता लगाया कि उन्हें पहले से कोई प्रजनन संबंधी समस्या नहीं हो. इसमें 90 दिन पहले तक कोविड-19 से ग्रस्त हुए या उसके लक्षण वाले लोगों को शामिल नहीं किया गया.

पढ़ें - फिलस्तीनियों के लिए कोविड-19 टीके की 10 लाख खुराक भेजेगा इजराइल

इसमें पुरुषों को टीके की पहली खुराक लगाए जाने से पहले उनके वीर्य के नमूने लिए गए और दूसरी खुराक के करीब 70 दिन बाद नमूने लिए गए.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रशिक्षित विशेषज्ञों ने विभिन्न मानकों पर शुक्राणुओं की जांच की. अध्ययन के लेखकों में शामिल अमेरिका की मियामी यूनिवर्सिटी के एक अध्ययनकर्ता ने कहा, 'टीका लगवाने में लोगों की हिचक का एक कारण प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर होने की धारणा भी है.'

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.