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केवल पेरिस समझौते से कुछ नहीं होगा: जॉन कैरी - paris agreement

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए केवल पेरिस समझौते से कुछ नहीं होगा. सभी देशों को एक साथ आने की जरूरत है. यह बयान अमेरिका के जॉन कैरी द्वारा दिया गया है. कैरी अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के जलवायु दूत हैं.

paris agreement will do nothing
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Published : Nov 25, 2020, 12:52 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा उनके जलवायु दूत के तौर पर नामित जॉन कैरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए विश्व को एक साथ आने की जरूरत है और केवल ऐतिहासिक पेरिस समझौता इसके लिए काफी नहीं होगा.

कैरी ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन ने एक साहसिक, परिवर्तनकारी जलवायु योजना को आगे बढ़ाया है, जो मौजूदा समय में कारगर साबित होगी. बाइडन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि केवल एक देश अकेले इस चुनौती से नहीं निपट सकता.

पढ़ें-अमेरिका : जॉन कैरी होंगे बाइडन के जलवायु दूत

पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, 'जबकि अमेरिका केवल 15 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन के लिए ही जिम्मेदार है, लेकिन इस समस्या को हल करने के लिए विश्व को एक साथ आना होगा.' बाइडन ने कहा था कि वह उनके प्रशासन के काम शुरू करने के पहले दिन ही जलवायु परिवर्तन पर हुए पेरिस समझौते का अमेरिका एक बार फिर हिस्सा बन जाएंगे.

कैरी ने कहा, 'आप सही हैं कि हम पहले दिन ही पेरिस समझौते का एक बार फिर हिस्सा बन जाएंगे और आपका यह कहना भी सही है कि अकेले पेरिस (समझौते) से कुछ नहीं होगा. आज से एक वर्ष बाद ग्लासगो में वैश्विक बैठक है, सभी राष्ट्रों को एक साथ महत्वाकांक्षाएं बढ़ानी होंगी - या हम सभी एक साथ विफल होंगे. विफल होना कोई विकल्प नहीं है.'

कैरी जलवायु परिवर्तन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पहले सदस्य होंगे.

वाशिंगटन : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा उनके जलवायु दूत के तौर पर नामित जॉन कैरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए विश्व को एक साथ आने की जरूरत है और केवल ऐतिहासिक पेरिस समझौता इसके लिए काफी नहीं होगा.

कैरी ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन ने एक साहसिक, परिवर्तनकारी जलवायु योजना को आगे बढ़ाया है, जो मौजूदा समय में कारगर साबित होगी. बाइडन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि केवल एक देश अकेले इस चुनौती से नहीं निपट सकता.

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पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, 'जबकि अमेरिका केवल 15 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन के लिए ही जिम्मेदार है, लेकिन इस समस्या को हल करने के लिए विश्व को एक साथ आना होगा.' बाइडन ने कहा था कि वह उनके प्रशासन के काम शुरू करने के पहले दिन ही जलवायु परिवर्तन पर हुए पेरिस समझौते का अमेरिका एक बार फिर हिस्सा बन जाएंगे.

कैरी ने कहा, 'आप सही हैं कि हम पहले दिन ही पेरिस समझौते का एक बार फिर हिस्सा बन जाएंगे और आपका यह कहना भी सही है कि अकेले पेरिस (समझौते) से कुछ नहीं होगा. आज से एक वर्ष बाद ग्लासगो में वैश्विक बैठक है, सभी राष्ट्रों को एक साथ महत्वाकांक्षाएं बढ़ानी होंगी - या हम सभी एक साथ विफल होंगे. विफल होना कोई विकल्प नहीं है.'

कैरी जलवायु परिवर्तन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पहले सदस्य होंगे.

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