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भारत सहित छह देशों पर अब उत्तर कोरियाई साइबर हमले का खतरा

उत्तर कोरिया का फिशिंग कैंपेन, जो कोविड-19 थीम पर आधारित है, एक बड़े साइबर हमले की साजिश रच रहा है. जेडीनेट (ZDNet) की रिपोर्ट के अनुसार 50 लाख से ज्यादा लोग इस हमले की मार झेल सकते हैं. साथ ही छह बड़े देशों के छोटे और बड़े उद्यमों को हैकर्स अपना निशाना बना सकते हैं. इन छह देशों में भारत, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.

nkorean hackers may attack Indians with covid-19 phishing emails
भारत सहित छह देशों पर अब साइबर हमले का खतरा
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Published : Jun 20, 2020, 2:16 PM IST

Updated : Jun 22, 2020, 2:45 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस का दंश झेल रहे भारत पर अब साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है. इस क्रम में भारत सहित छह देशों पर रविवार 21 जून को साइबर हैकर हमला कर सकते हैं. यह आशंका इसलिए उत्पन्न हुई है कि उत्तर कोरिया का हैकर ग्रुप 'लैजारस' इन देशों में कोविड-19 से संबंधित राहत कार्यों के नाम पर लोगों को ठगने की योजना बना रहा है. भारत भी इन छह देशों में शामिल है.

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया का फिशिंग कैंपेन, जो कोविड-19 थीम पर आधारित है, एक बड़े साइबर हमले की साजिश रच रहा है.

देशभर में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और साइबर क्रिमिनल हर रोज धोखाधड़ी के नए पैतरें अपना रहे हैं. इसी क्रम में साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का एक और नया तरीका निकाला है, जिसे फिशिंग कहते है. फिशिंग के बारे में साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने ईटीवी भारत को बताया कि यह साइबर क्राइम का एक तरीका है, जिसके तहत अपराधी पीड़ित व्यक्ति का विश्वास जीतकर उनको ठगता है.

साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

जेडीनेट (ZDNet) की रिपोर्ट के अनुसार, 50 लाख से ज्यादा लोग इस हमले की मार झेल सकते हैं. साथ ही छह बड़े देशों के छोटे और बड़े उद्यमों को हैकर्स अपना निशाना बना सकते हैं. इन छह देशों में भारत, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.

12new
ग्राफिक्स.

सिंगापुर में साइबर सुरक्षा विक्रेता वफिरमा के अनुसार, उत्तर कोरियाई हैकर समूह अभियान से वित्तीय रूप से लाभ प्राप्त करना चाहता है, जहां वह ईमेल प्राप्तकर्ताओं को धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों पर ले जाकर उनके निजी और फाइनेंशियल डेटा का खुलासा करने का लालच देगा.

आपको बता दें कि लैजारस नाम के इस हैकर ग्रुप ने जापान के 11 लाख और भारत के 20 लाख लोगों की ईमेल आईडी के अलावा यूके में 180,000 व्यापारिक संपर्क होने का दावा किया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले में सिंगापुर के 8,000 संगठन शामिल होंगे, जहां उनके सभी बिजनेस संपर्क ईमेल में होंगे और जिनके जरिए सिंगापुर बिजनेज फेडरेशन के सदस्यों को संबोधन किया गया होगा.

पढ़ें : जागते रहो : साइबर अपराधियों के लिए आपको पीड़ित करने का नया तरीका 'जूस जैकिंग'

गौरतलब है कि 2001 में व्यापार और उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत किया गया एसबीएफ (सिंगापुर व्यापार महासंघ) सिंगापुर में व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है और वह 27,200 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है.

हालिया रिपोर्ट में कुछ मामले सामने आए थे, जिनमें टारगेट किए गए सिंगापुर के व्यवसायों को कथित तौर पर फिशिंग ईमेल संदेश मिले, जो चीनी भाषा में लिखे गए थे. बताया गया कि फर्जी तरीके से उन्हें सरकार के कोरोना राहत कोष के तहत पैसों का लालच दिया गया.

पढें : साइबर क्राइम विशेष : जानिए क्या होता है फिशिंग, लोग कैसे बनते हैं इसका शिकार

साइफरमा के संस्थापक और सीईओ कुमार रितेश के अनुसार, उन्होंने सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र में सरकारी सीईआरटी (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) को अधिसूचित किया है. सभी छह एजेंसियों ने अलर्ट को स्वीकार कर लिया था और वर्तमान में जांच कर रहीं हैं.

साइफरमा के संस्थापक के हवाले से कहा गया कि पिछले छह महीनों में, हमने कोविड-19 महामारी से संबंधित हैकर गतिविधियों पर भी नजर रखी है, जिनमें फिशिंग और घोटाले से संबंधित योजनाएं शामिल हैं.

पढ़ें : ऑस्ट्रेलिया में बड़ा साइबर हमला, निशाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र

लैजारस ग्रुप को उत्तर कोरिया के शीर्ष खुफिया ब्यूरो- रेकोनाइजेंस जनरल ब्यूरो द्वारा नियंत्रित किया जाता है.

लैजारस समूह की गतिविधियों को व्यापक रूप से सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट पर 2014 के साइबर हमले और अमेरिका व ब्रिटेन सहित अन्य देशों पर 2017 WannaCry रैनसमवेयर हमले के लिए दोषी ठहराया गया था.

पिछले साल सितंबर में भारत में एटीएम में घुसपैठ करने और ग्राहकों के कार्ड डेटा चुराने के लिए एक मैलवेयर बनाया गया था और इसे लैजारस समूह के कैस्परस्की सिक्योरिटी रिसर्चर्स ट्रेस कर रहा था.

नई दिल्ली : कोरोना वायरस का दंश झेल रहे भारत पर अब साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है. इस क्रम में भारत सहित छह देशों पर रविवार 21 जून को साइबर हैकर हमला कर सकते हैं. यह आशंका इसलिए उत्पन्न हुई है कि उत्तर कोरिया का हैकर ग्रुप 'लैजारस' इन देशों में कोविड-19 से संबंधित राहत कार्यों के नाम पर लोगों को ठगने की योजना बना रहा है. भारत भी इन छह देशों में शामिल है.

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया का फिशिंग कैंपेन, जो कोविड-19 थीम पर आधारित है, एक बड़े साइबर हमले की साजिश रच रहा है.

देशभर में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और साइबर क्रिमिनल हर रोज धोखाधड़ी के नए पैतरें अपना रहे हैं. इसी क्रम में साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का एक और नया तरीका निकाला है, जिसे फिशिंग कहते है. फिशिंग के बारे में साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने ईटीवी भारत को बताया कि यह साइबर क्राइम का एक तरीका है, जिसके तहत अपराधी पीड़ित व्यक्ति का विश्वास जीतकर उनको ठगता है.

साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

जेडीनेट (ZDNet) की रिपोर्ट के अनुसार, 50 लाख से ज्यादा लोग इस हमले की मार झेल सकते हैं. साथ ही छह बड़े देशों के छोटे और बड़े उद्यमों को हैकर्स अपना निशाना बना सकते हैं. इन छह देशों में भारत, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.

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ग्राफिक्स.

सिंगापुर में साइबर सुरक्षा विक्रेता वफिरमा के अनुसार, उत्तर कोरियाई हैकर समूह अभियान से वित्तीय रूप से लाभ प्राप्त करना चाहता है, जहां वह ईमेल प्राप्तकर्ताओं को धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों पर ले जाकर उनके निजी और फाइनेंशियल डेटा का खुलासा करने का लालच देगा.

आपको बता दें कि लैजारस नाम के इस हैकर ग्रुप ने जापान के 11 लाख और भारत के 20 लाख लोगों की ईमेल आईडी के अलावा यूके में 180,000 व्यापारिक संपर्क होने का दावा किया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले में सिंगापुर के 8,000 संगठन शामिल होंगे, जहां उनके सभी बिजनेस संपर्क ईमेल में होंगे और जिनके जरिए सिंगापुर बिजनेज फेडरेशन के सदस्यों को संबोधन किया गया होगा.

पढ़ें : जागते रहो : साइबर अपराधियों के लिए आपको पीड़ित करने का नया तरीका 'जूस जैकिंग'

गौरतलब है कि 2001 में व्यापार और उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत किया गया एसबीएफ (सिंगापुर व्यापार महासंघ) सिंगापुर में व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है और वह 27,200 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है.

हालिया रिपोर्ट में कुछ मामले सामने आए थे, जिनमें टारगेट किए गए सिंगापुर के व्यवसायों को कथित तौर पर फिशिंग ईमेल संदेश मिले, जो चीनी भाषा में लिखे गए थे. बताया गया कि फर्जी तरीके से उन्हें सरकार के कोरोना राहत कोष के तहत पैसों का लालच दिया गया.

पढें : साइबर क्राइम विशेष : जानिए क्या होता है फिशिंग, लोग कैसे बनते हैं इसका शिकार

साइफरमा के संस्थापक और सीईओ कुमार रितेश के अनुसार, उन्होंने सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र में सरकारी सीईआरटी (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) को अधिसूचित किया है. सभी छह एजेंसियों ने अलर्ट को स्वीकार कर लिया था और वर्तमान में जांच कर रहीं हैं.

साइफरमा के संस्थापक के हवाले से कहा गया कि पिछले छह महीनों में, हमने कोविड-19 महामारी से संबंधित हैकर गतिविधियों पर भी नजर रखी है, जिनमें फिशिंग और घोटाले से संबंधित योजनाएं शामिल हैं.

पढ़ें : ऑस्ट्रेलिया में बड़ा साइबर हमला, निशाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र

लैजारस ग्रुप को उत्तर कोरिया के शीर्ष खुफिया ब्यूरो- रेकोनाइजेंस जनरल ब्यूरो द्वारा नियंत्रित किया जाता है.

लैजारस समूह की गतिविधियों को व्यापक रूप से सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट पर 2014 के साइबर हमले और अमेरिका व ब्रिटेन सहित अन्य देशों पर 2017 WannaCry रैनसमवेयर हमले के लिए दोषी ठहराया गया था.

पिछले साल सितंबर में भारत में एटीएम में घुसपैठ करने और ग्राहकों के कार्ड डेटा चुराने के लिए एक मैलवेयर बनाया गया था और इसे लैजारस समूह के कैस्परस्की सिक्योरिटी रिसर्चर्स ट्रेस कर रहा था.

Last Updated : Jun 22, 2020, 2:45 PM IST
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