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कनाडा संसदीय चुनाव : पीएम जस्टिन ट्रूडो की दोबारा सरकार बनाने की उम्मीदें प्रबल - north america

कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दोबारा सत्ता में आने की संभावना दिख रही है. चार वर्षों के अपने पहले कार्यकाल में ट्रूडो कनाडाई राजनीति में छाए रहे.

पीएम जस्टिन ट्रूडो
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Published : Oct 22, 2019, 12:28 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 8:01 PM IST

ओटावा : कनाडा में हुए संसदीय चुनाव के परिणाम आने लगे हैं. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दोबारा से सत्ता में आने की संभावना दिख रही है. चुनाव में लिबरल और कंजर्वेटिव दो प्रमुख पार्टियां हैं. ट्रूडो लिबरल पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं.

कनाडा के प्रसारणकर्ताओं - टीवीए, सीटीवी और सीबीसी ने यह अनुमान जताया है. इन प्रसारणकर्ताओं ने घोषणा की कि ‘लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा’ अल्पमत की सरकार बनाएगी, क्योंकि पार्टी 338 चुनावी जिलों में 145 में विजयी रही है या आगे चल रही है, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी एंड्रयू शीर और उनकी कन्जर्वेटिव पार्टी 107 सीटों पर जीती है या आगे चल रही है.

अपने पहले कार्यकाल के चार वर्षों में ट्रूडो कनाडाई राजनीति में छाये रहे, लेकिन 40 दिवसीय चुनाव प्रचार मुहिम में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस बार की चुनाव प्रचार मुहिम को कनाडा के इतिहास की सबसे निचले दर्जे की मुहिम बताया जा रहा है.

47 वर्षीय ट्रूडो ने अपने उदारवादी पिता एवं दिवंगत प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो की अपार लोकप्रियता को आगे बढ़ाते हुए 2015 का चुनाव जीता था, लेकिन घोटाले और लोगों की भारी उम्मीदों ने उनकी जीत की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है.

पिछले 84 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि पूर्ण बहुमत के साथ पहली बार कनाडा का प्रधानमंत्री बना कोई व्यक्ति अगले चुनाव में हार गया हो.

पढ़ें: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

ट्रुडो ने कनाडा में करीब 10 साल तक चले कंजर्वेटिव पार्टी के शासन के बाद 2015 में उदारवादी सरकार बनाई थी और वह दुनिया के चुनिंदा उदारवादी नेताओं में एक हैं.

इस आम चुनाव में 19 पंजाबी-भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है. इसमें से 18 मूल रूप से पंजाबी हैं.

लिबरल पार्टी के उम्मीदवार

  • हर्जीत सिंह सज्जन (दक्षिणी वैंकूवर, ब्रिटिश कोलंबिया)
  • रणदीप सिह सराई (सुर्रे सेंटर, ब्रिटिश कोलंबिया)
  • सुख धालिवाल (सुर्रे न्यूटन, ब्रिटिश कोलंबिया)
  • नवदीप सिंह बैंस (मिसीसुआगा-मालटान, ओंटेरियो)
  • गगन सिकंद (मिसीसुआगा-स्ट्रीटविले, ओंटेरियो)
  • रामेश्वर सिंग सांघा (ब्राम्पटन सेंटर, ओंटेरियो)
  • मनिंदर सिंह सिंधु (ब्राम्पटन ईस्ट, ओंटेरियो)
  • कमाल खेड़ा (ब्राम्पटन वेस्ट, ओंटेरियो)
  • रूबी सहोटा (ब्राम्पटन नार्थ, ओंटेरियो)
  • सोनिया सिंधु (ब्राम्पटन साउथ, ओंटेरियो)
  • बारदिश चग्गण (वॉटरलू, ओंटेरियो)
  • राज सैनी (किचनर सेंटर, ओंटेरियो)
  • अनुज ढिल्लन (लाचिने-लसाल्ले, क्वेबेक)

एनडीपी (न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी)

  • जगमीत सिंह (बर्नी साउथ, ब्रिटिश कोलंबिया)

कंजर्वेटिव पार्टी

  • टिम सिंह उप्पल (एडमॉनटन-मिलवुड्स, एलबर्टा)
  • जसराज सिंह हल्लान (कलगारी मैककाल, एलबर्टा)
  • जग सहोटा (कलगारी स्काईव्यू, एलबर्टा)
  • बॉब सरोया (मारखम यूनियनविले, ओंटेरियो).

ओटावा : कनाडा में हुए संसदीय चुनाव के परिणाम आने लगे हैं. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के दोबारा से सत्ता में आने की संभावना दिख रही है. चुनाव में लिबरल और कंजर्वेटिव दो प्रमुख पार्टियां हैं. ट्रूडो लिबरल पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं.

कनाडा के प्रसारणकर्ताओं - टीवीए, सीटीवी और सीबीसी ने यह अनुमान जताया है. इन प्रसारणकर्ताओं ने घोषणा की कि ‘लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा’ अल्पमत की सरकार बनाएगी, क्योंकि पार्टी 338 चुनावी जिलों में 145 में विजयी रही है या आगे चल रही है, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी एंड्रयू शीर और उनकी कन्जर्वेटिव पार्टी 107 सीटों पर जीती है या आगे चल रही है.

अपने पहले कार्यकाल के चार वर्षों में ट्रूडो कनाडाई राजनीति में छाये रहे, लेकिन 40 दिवसीय चुनाव प्रचार मुहिम में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस बार की चुनाव प्रचार मुहिम को कनाडा के इतिहास की सबसे निचले दर्जे की मुहिम बताया जा रहा है.

47 वर्षीय ट्रूडो ने अपने उदारवादी पिता एवं दिवंगत प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो की अपार लोकप्रियता को आगे बढ़ाते हुए 2015 का चुनाव जीता था, लेकिन घोटाले और लोगों की भारी उम्मीदों ने उनकी जीत की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है.

पिछले 84 वर्षों में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि पूर्ण बहुमत के साथ पहली बार कनाडा का प्रधानमंत्री बना कोई व्यक्ति अगले चुनाव में हार गया हो.

पढ़ें: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

ट्रुडो ने कनाडा में करीब 10 साल तक चले कंजर्वेटिव पार्टी के शासन के बाद 2015 में उदारवादी सरकार बनाई थी और वह दुनिया के चुनिंदा उदारवादी नेताओं में एक हैं.

इस आम चुनाव में 19 पंजाबी-भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है. इसमें से 18 मूल रूप से पंजाबी हैं.

लिबरल पार्टी के उम्मीदवार

  • हर्जीत सिंह सज्जन (दक्षिणी वैंकूवर, ब्रिटिश कोलंबिया)
  • रणदीप सिह सराई (सुर्रे सेंटर, ब्रिटिश कोलंबिया)
  • सुख धालिवाल (सुर्रे न्यूटन, ब्रिटिश कोलंबिया)
  • नवदीप सिंह बैंस (मिसीसुआगा-मालटान, ओंटेरियो)
  • गगन सिकंद (मिसीसुआगा-स्ट्रीटविले, ओंटेरियो)
  • रामेश्वर सिंग सांघा (ब्राम्पटन सेंटर, ओंटेरियो)
  • मनिंदर सिंह सिंधु (ब्राम्पटन ईस्ट, ओंटेरियो)
  • कमाल खेड़ा (ब्राम्पटन वेस्ट, ओंटेरियो)
  • रूबी सहोटा (ब्राम्पटन नार्थ, ओंटेरियो)
  • सोनिया सिंधु (ब्राम्पटन साउथ, ओंटेरियो)
  • बारदिश चग्गण (वॉटरलू, ओंटेरियो)
  • राज सैनी (किचनर सेंटर, ओंटेरियो)
  • अनुज ढिल्लन (लाचिने-लसाल्ले, क्वेबेक)

एनडीपी (न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी)

  • जगमीत सिंह (बर्नी साउथ, ब्रिटिश कोलंबिया)

कंजर्वेटिव पार्टी

  • टिम सिंह उप्पल (एडमॉनटन-मिलवुड्स, एलबर्टा)
  • जसराज सिंह हल्लान (कलगारी मैककाल, एलबर्टा)
  • जग सहोटा (कलगारी स्काईव्यू, एलबर्टा)
  • बॉब सरोया (मारखम यूनियनविले, ओंटेरियो).
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Last Updated : Oct 22, 2019, 8:01 PM IST
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