वॉशिंगटन : अमेरिका में तीन नवंबर को होने वाले चुनाव के बाद संसद में भारतीय-अमेरिकी सांसदों की संख्या बढ़ सकती है. सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भारतीय-अमेरिकी सांसदों के अनौपचारिक समूह के लिए 'समोसा कॉकस' शब्द गढ़ा है.
इस समूह में पांच भारतीय-अमेरिकी सांसद हैं, जिनमें से चार हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के सदस्य हैं और एक अन्य सदस्य कमला हैरिस हैं, जो सीनेटर हैं. साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं.
इस बार फिर से जीत सकते हैं चुनाव
ऐसी उम्मीद है कि हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर एमी बेरा, सांसद रो खन्ना और कृष्णामूर्ति समेत प्रमिला जयपाल फिर से चुनाव जीत सकते हैं. जयपाल इस सदन में पहली और एकमात्र भारतीय अमेरिकी महिला हैं.
बाइडेन ने किया उम्मीदवारी का समर्थन
ऐसी संभावना है कि अगले साल से जयपाल को संसद में डॉक्टर हिराल तिपिरनेनी का साथ मिल सकता है. वह पेश से डॉक्टर हैं और एरिजोना में छठे निर्वाचन क्षेत्र से रिपब्लिक उम्मीदवार डेविड एस से कम मतों से आगे चल रहे हैं. उनकी उम्मीदवारी का समर्थन डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं समेत पूर्व उप राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से इस बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने किया है.
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पांच फीसदी मतों से आगे
विदेश मंत्रालय के पूर्व राजनयिक प्रेस्टन कुलकर्णी अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी ट्रॉय नेल्स से टेक्सास के 22वें निर्वाचन क्षेत्र में पांच फीसदी मतों से आगे चल रहे हैं.
तीन मतदानों में कॉलिन्स से आगे सारा
इसके अलावा लोगों की नजरें मेन क्षेत्र पर भी हैं. यहां भारतीय मूल की सीनेटर सारा गाइडन का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी की मजबूत उम्मीदवार सीनेटर सुसन कॉलिन्स से है. 48 वर्षीय गाइडन के पिता भारत से हैं और मां आर्मेनिया की हैं. वह हाल के तीन मतदानों में कॉलिन्स से आगे चल रही हैं.