वाशिंगटन : अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कहा है कि पद के चुनावों में कई राज्यों में भारतीय-अमेरिकी बड़ा अंतर पैदा करने वाले मतदाता साबित हो सकते हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए करीब 100 दिन बचे हैं. ऐसे में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता मिशिगन, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन जैसे कई अहम राज्यों में प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.
डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष थॉमस पेरेज ने कहा कि मिशिगन में 1,25,000 भारतीय-अमेरिकी मतदाता हैं. उन्होंने राष्ट्रपति पद के पिछले चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के हाथों हार का जिक्र करते हुए कहा, 'हम 2016 में मिशिगन में 10,700 मतों से हारे थे.'
उन्होंने कहा, 'पेंसिल्वेनिया में 1,56,000 भारतीय-अमेरिकी हैं. हम पेंसिल्वेनिया में 42 हजार से 43 हजार मतों से हारे थे. विस्कॉन्सिन में 37,000 भारतीय-अमेरिकी हैं. हम 2016 में विस्कॉन्सिन में 21हजार मतों से हारे थे.'
पेरेज ने एक डिजिटल बैठक में कहा कि भारतीय-अमेरिकी मत 2020 राष्ट्रपति पद के चुनाव में बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं. उन्होने कहा, मैंने जिन तीन राज्यों का जिक्र किया, उन्हीं के बारे में सोचिए. केवल भारतीय-अमेरिकी मत आगे बढ़ने के लिए बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं.
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एएपीआई विक्ट्री फंड के अध्यक्ष शेखर नरसिम्हन ने बताया कि एरिजोना (66,000), फ्लोरिडा (193,000), जॉर्जिया (150,000), मिशिगन (125,000), उत्तरी कैरोलिना (111,000), पेंसिल्वेनिया (1,56,000), टेक्सास (4,75,000) और विस्कॉन्सिन (37,000) में करीब 13 लाख भारतीय अमेरिकी मतदाता हैं.
बाइडेन चुनाव प्रचार मुहिम के लिए एएपीआई के राष्ट्रीय निदेशक अमित जॉनी ने कहा कि भारतीय अमेरिकी समुदाय का आकार और प्रभाव बढ़ा है. अब भारतीय-अमेरिकी बड़ी संख्या में राजनीति और सरकार का हिस्सा बन रहे हैं.
जॉनी ने कहा, 'नवंबर में राष्ट्रपति पद के चुनाव ऐतिहासिक होंगे और हमें अंतर पैदा करने के लिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सहयोग की बहुत आवश्यकता है.'