ETV Bharat / international

भारतीय-अमेरिकी शख्स 'हीरोज ऑफ 2020' की सूची में शामिल

author img

By

Published : Dec 11, 2020, 8:08 PM IST

भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति राहुल दुबे टाइम पत्रिका की 'हीरोज ऑफ 2020' की सूची में शामिल किए गए है. दुबे ने कहा था कि ज्यादातर युवा प्रदर्शनकारियों के लिए अपने घर का दरवाजा खोलना उनके लिए कोई विकल्प वाली बात नहीं थी बल्कि उनकी आंखों के आगे जो हो रहा था, उसे देखते हुए उनके पास कोई विकल्प ही नहीं था.

Indian US
हीरोज ऑफ 2020

न्यूयॉर्क : अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉइड की हत्या के बाद नस्ली न्याय को लेकर प्रदर्शन कर रहे 70 से अधिक लोगों के लिए वॉशिंगटन स्थित अपने घर के दरवाजे खोलने के लिए भारतीय अमेरिकी राहुल दुबे को टाइम पत्रिका की 'हीरोज ऑफ 2020' में शामिल किया गया है और उनके कार्य की प्रशंसा की गई है.

पत्रिका के 'हीरोज ऑफ 2020' यानी 2020 के नायक की सूची में ऑस्ट्रेलिया में आग से जूझने वाले उस स्वयंसेवी व्यक्ति का नाम है, जिसने अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया. इसके अलावा सिंगापुर में खाद्य पदार्थ बेचने वाले जैसन चुआ और हुंग झेन लोंग का भी नाम है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान किसी को भी भूखा रहने नहीं देना सुनिश्चित किया.

Indian US
प्रदर्शनकारियों को राहुल ने दी थी अपने घर में पनाह

महामारी काल में इस जोड़े ने की लोगों की मदद
वहीं, शिकागो के पास्टर रेशोर्ना फिट्जपैट्रिक और उनके पति बिशप डेरिक फिट्जपैट्रिक का भी नाम है, जिन्होंने इस महामारी के काल में लोगों की मदद करने के लिए अपने चर्च का स्वरूप बदल दिया.

राहुल दुबे ने इस तरह की मदद
टाइम ने दुबे की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'जरूरतमंद को आश्रय देने वाला बताया' है. एक जून को वॉशिंगटन डीसी की सड़कों पर लोग अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति फ्लॉइड की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और दुबे उस समय अपने घर पर थे, जो कि ह्वाइट हाउस से ज्यादा दूर नहीं है. शाम सात बजे कर्फ्यू लगने के बाद उन्होंने पाया कि सड़क पर भीड़ है और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़ने के लिए अवरोधक लगा रखे हैं और सड़क पर जो बचे हैं उन पर पैपर स्प्रे कर रहे हैं. दुबे ने सोचा कि उन्हें कुछ करना चाहिए.

पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया ने एचआईवी ऐंटीबॉडी मिलने के बाद कोविड-19 टीके का परीक्षण रोका

करीब 70 प्रदर्शनकारियों को अपने घर में दी पनाह
स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले दुबे ने कहा, मैंने अपने घर का दरवाजा खोला और यह चिल्लाना शुरू कर दिया कि आप लोग यहां आ जाएं. दुबे ने बताया कि उन्होंने करीब 70 प्रदर्शनकारियों को अपने घर में जगह दी ताकि वह रात में कर्फ्यू का उल्लंघन करने से बच सकें.

दुबे ने कहा- मैं ये सब होते नहीं देख पाया
दुबे ने बजफीड न्यूज से कहा था कि ज्यादातर युवा प्रदर्शनकारियों के लिए अपने घर का दरवाजा खोलना उनके लिए कोई विकल्प वाली बात नहीं थी बल्कि उनकी आंखों के आगे जो हो रहा था, उसे देखते हुए उनके पास कोई विकल्प ही नहीं था. लोगों पर पैपर स्प्रे का छिड़काव किया गया था. उन्हें जमीन पर पटककर पीटा गया था.

न्यूयॉर्क : अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉइड की हत्या के बाद नस्ली न्याय को लेकर प्रदर्शन कर रहे 70 से अधिक लोगों के लिए वॉशिंगटन स्थित अपने घर के दरवाजे खोलने के लिए भारतीय अमेरिकी राहुल दुबे को टाइम पत्रिका की 'हीरोज ऑफ 2020' में शामिल किया गया है और उनके कार्य की प्रशंसा की गई है.

पत्रिका के 'हीरोज ऑफ 2020' यानी 2020 के नायक की सूची में ऑस्ट्रेलिया में आग से जूझने वाले उस स्वयंसेवी व्यक्ति का नाम है, जिसने अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया. इसके अलावा सिंगापुर में खाद्य पदार्थ बेचने वाले जैसन चुआ और हुंग झेन लोंग का भी नाम है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान किसी को भी भूखा रहने नहीं देना सुनिश्चित किया.

Indian US
प्रदर्शनकारियों को राहुल ने दी थी अपने घर में पनाह

महामारी काल में इस जोड़े ने की लोगों की मदद
वहीं, शिकागो के पास्टर रेशोर्ना फिट्जपैट्रिक और उनके पति बिशप डेरिक फिट्जपैट्रिक का भी नाम है, जिन्होंने इस महामारी के काल में लोगों की मदद करने के लिए अपने चर्च का स्वरूप बदल दिया.

राहुल दुबे ने इस तरह की मदद
टाइम ने दुबे की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'जरूरतमंद को आश्रय देने वाला बताया' है. एक जून को वॉशिंगटन डीसी की सड़कों पर लोग अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति फ्लॉइड की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और दुबे उस समय अपने घर पर थे, जो कि ह्वाइट हाउस से ज्यादा दूर नहीं है. शाम सात बजे कर्फ्यू लगने के बाद उन्होंने पाया कि सड़क पर भीड़ है और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़ने के लिए अवरोधक लगा रखे हैं और सड़क पर जो बचे हैं उन पर पैपर स्प्रे कर रहे हैं. दुबे ने सोचा कि उन्हें कुछ करना चाहिए.

पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया ने एचआईवी ऐंटीबॉडी मिलने के बाद कोविड-19 टीके का परीक्षण रोका

करीब 70 प्रदर्शनकारियों को अपने घर में दी पनाह
स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले दुबे ने कहा, मैंने अपने घर का दरवाजा खोला और यह चिल्लाना शुरू कर दिया कि आप लोग यहां आ जाएं. दुबे ने बताया कि उन्होंने करीब 70 प्रदर्शनकारियों को अपने घर में जगह दी ताकि वह रात में कर्फ्यू का उल्लंघन करने से बच सकें.

दुबे ने कहा- मैं ये सब होते नहीं देख पाया
दुबे ने बजफीड न्यूज से कहा था कि ज्यादातर युवा प्रदर्शनकारियों के लिए अपने घर का दरवाजा खोलना उनके लिए कोई विकल्प वाली बात नहीं थी बल्कि उनकी आंखों के आगे जो हो रहा था, उसे देखते हुए उनके पास कोई विकल्प ही नहीं था. लोगों पर पैपर स्प्रे का छिड़काव किया गया था. उन्हें जमीन पर पटककर पीटा गया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.