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छात्र वीजा मामला : अमेरिकी अधिकारियों से चर्चा करेगा भारतीय दूतावास

अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन ने छात्र वीजा को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों के तहत, अगर अमेरिका की शैक्षणिक संस्थाएं पूरी तरह से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करती हैं, तो उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है. इसको लेकर भारतीय दूतावास ने अमेरिकी अधिकारियों से चर्चा करने की बात कही है. पढ़ें पूरी खबर...

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छात्र वीजा संशोधन
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Published : Jul 9, 2020, 2:52 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 4:14 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते छात्र वीजा में किए जा रहे संशोधनों के मामले में दूतावास अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों से बात करेगा. इस नए संशोधनों से अमेरिका में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्र प्रभावित होंगे.

भारतीय दूतावास ने कहा कि ये नए संशोधन ऐसे समय में हुए हैं, जब अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नए शैक्षणिक वर्ष के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा नहीं की है. इस मामले को संबंधित अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया है. हाल ही में आयोजित भारत-यूएस विदेश कार्यालय परामर्श में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस मामले को अमेरिकी राजनीतिक मामलों के राज्य सचिव डेविड हेल के सामने रखा है.

भारतीय दूतावास का मानना है कि उच्च शिक्षा में भागीदारी भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है. पिछले दो दशकों में, अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी की है.

दूतावास ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी अधिकारी भारतीय छात्रों के लिए कोरोना महामारी की असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने वीजा नियम में बदलाव करेंगे.

उच्च शिक्षा में भागीदारी को आगे बढ़ाने के लिए दूतावास अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों, नेताओं, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के साथ-साथ अमेरिका में भारतीय छात्र समुदाय के साथ इस मामले पर चर्चा करेगा.

बता दें कि आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने सोमवार को घोषणा की थी कि साल 2020 में पड़ने वाले सेमेस्टर में पूरी तरह से ऑनलाइन चलने वाले स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र पूर्ण ऑनलाइन पाठ्यक्रम का लाभ लेकर अमेरिका में नहीं रह सकते हैं.

अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले ये छात्र एफ-1 वीजा पर यहां आते हैं. वहीं अमेरिका में वोकेशनल या अन्य मान्यता प्राप्त गैर-शैक्षणिक संस्थानों में तकनीकी कार्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्र (भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम से इतर) एम-1 वीजा पर यहां आते हैं.

नए संशोधनों के बाद एफ-1 और एम-1 वीजा पर आने वाले छात्रों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.

पढ़ें :- नए नियम : विदेशी छात्रों को अमेरिका छोड़ना होगा, भारतीयों पर भी असर

आव्रजन एजेंसी ने कहा है कि वर्तमान में जो छात्र अमेरिका में इन पाठ्यक्रमों में पंजीकृत हैं, उन्हें अपने देश लौट जाना चाहिए या वैधता बनाए रखने या आव्रजन नियमों के तहत संभावित कार्रवाई से बचने के लिए अन्य उपाय जैसे उन स्कूलों में स्थानांतरण कराना चाहिए जहां पारंपरिक कक्षाओं में पढ़ाई हो रही है.

अंतरराष्ट्रीय छात्रों के अमेरिका में रहने की अर्हता को बताते हुए आईसीई ने कहा कि छात्रों को संघीय कानून के अंतर्गत चल रहे स्कूलों में पारंपरिक कक्षाओं में पढ़ाई करनी होगी. गैर आव्रजक एफ-1 छात्र जो हाइब्रिड मॉडल- ऑनलाइन और पारंपरिक कक्षा समिश्रण के तहत अध्ययन कर रहे हैं, उन्हें एक से अधिक कक्षाएं या तीन क्रेडिट घंटे ऑनलाइन लेने की अनुमति होगी.

पढ़ें :- अमेरिका : रूढ़िवादी मतदाताओं को रिझाने की कोशिश है वीजा नीति में बदलाव

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने एफ-1 और एम-1 गैर अस्थायी आप्रवासी वीजा आवश्यकताओं में अस्थाई संशोधन के लिए अपनी योजना की घोषणा की है, जो हाइब्रिड मॉडल- ऑनलाइन और पारंपरिक कक्षा समिश्रण के तहत अध्ययन कर रहे गैर-आप्रवासी छात्रों के लिए मददगार होगा.

वॉशिंगटन : अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते छात्र वीजा में किए जा रहे संशोधनों के मामले में दूतावास अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों से बात करेगा. इस नए संशोधनों से अमेरिका में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्र प्रभावित होंगे.

भारतीय दूतावास ने कहा कि ये नए संशोधन ऐसे समय में हुए हैं, जब अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नए शैक्षणिक वर्ष के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा नहीं की है. इस मामले को संबंधित अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाया है. हाल ही में आयोजित भारत-यूएस विदेश कार्यालय परामर्श में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस मामले को अमेरिकी राजनीतिक मामलों के राज्य सचिव डेविड हेल के सामने रखा है.

भारतीय दूतावास का मानना है कि उच्च शिक्षा में भागीदारी भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है. पिछले दो दशकों में, अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी की है.

दूतावास ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी अधिकारी भारतीय छात्रों के लिए कोरोना महामारी की असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने वीजा नियम में बदलाव करेंगे.

उच्च शिक्षा में भागीदारी को आगे बढ़ाने के लिए दूतावास अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों, नेताओं, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के साथ-साथ अमेरिका में भारतीय छात्र समुदाय के साथ इस मामले पर चर्चा करेगा.

बता दें कि आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने सोमवार को घोषणा की थी कि साल 2020 में पड़ने वाले सेमेस्टर में पूरी तरह से ऑनलाइन चलने वाले स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र पूर्ण ऑनलाइन पाठ्यक्रम का लाभ लेकर अमेरिका में नहीं रह सकते हैं.

अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले ये छात्र एफ-1 वीजा पर यहां आते हैं. वहीं अमेरिका में वोकेशनल या अन्य मान्यता प्राप्त गैर-शैक्षणिक संस्थानों में तकनीकी कार्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्र (भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम से इतर) एम-1 वीजा पर यहां आते हैं.

नए संशोधनों के बाद एफ-1 और एम-1 वीजा पर आने वाले छात्रों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.

पढ़ें :- नए नियम : विदेशी छात्रों को अमेरिका छोड़ना होगा, भारतीयों पर भी असर

आव्रजन एजेंसी ने कहा है कि वर्तमान में जो छात्र अमेरिका में इन पाठ्यक्रमों में पंजीकृत हैं, उन्हें अपने देश लौट जाना चाहिए या वैधता बनाए रखने या आव्रजन नियमों के तहत संभावित कार्रवाई से बचने के लिए अन्य उपाय जैसे उन स्कूलों में स्थानांतरण कराना चाहिए जहां पारंपरिक कक्षाओं में पढ़ाई हो रही है.

अंतरराष्ट्रीय छात्रों के अमेरिका में रहने की अर्हता को बताते हुए आईसीई ने कहा कि छात्रों को संघीय कानून के अंतर्गत चल रहे स्कूलों में पारंपरिक कक्षाओं में पढ़ाई करनी होगी. गैर आव्रजक एफ-1 छात्र जो हाइब्रिड मॉडल- ऑनलाइन और पारंपरिक कक्षा समिश्रण के तहत अध्ययन कर रहे हैं, उन्हें एक से अधिक कक्षाएं या तीन क्रेडिट घंटे ऑनलाइन लेने की अनुमति होगी.

पढ़ें :- अमेरिका : रूढ़िवादी मतदाताओं को रिझाने की कोशिश है वीजा नीति में बदलाव

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने एफ-1 और एम-1 गैर अस्थायी आप्रवासी वीजा आवश्यकताओं में अस्थाई संशोधन के लिए अपनी योजना की घोषणा की है, जो हाइब्रिड मॉडल- ऑनलाइन और पारंपरिक कक्षा समिश्रण के तहत अध्ययन कर रहे गैर-आप्रवासी छात्रों के लिए मददगार होगा.

Last Updated : Jul 9, 2020, 4:14 PM IST
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