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अमेरिका के वित्त और वाणिज्य विभागों में हैकिंग, जांच में जुटी एजेंसियां

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Published : Dec 14, 2020, 10:51 PM IST

अमेरिका के वित्त और वाणिज्य विभागों में हैकिंग का पता चलने के बाद सरकारी एजेंसियों को मालवेयर का पता लगाने के लिए अपने अपने नेटवर्क की बारीकी से पड़ताल करने को कहा गया है. ऐसे सर्वर से कनेक्शन समाप्त करने को कहा गया है जिनकी विदेशी जासूसी का खतरा है.

जांच में जुटी एजेंसियां
जांच में जुटी एजेंसियां

वॉशिंगटन : अमेरिकी सरकारी अधिकारी अमेरिका में वित्त एवं वाणिज्य मंत्रालयों समेत संघीय एंजेंसियों के नेटवर्क हैक होने के मामले की जांच कर रहे हैं.

एफबीआई और गृह सुरक्षा विभाग की साइबरसिक्योरिटी शाखा इस मामले की जांच कर रही है. हैक का खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जब कुछ दिन पहले ही साइबर सुरक्षा से जुड़ी एक बड़ी कंपनी ने कहा था कि विदेशी सरकारी हैकरों ने उनके नेटवर्क की सुरक्षा को तोड़ते हुए कंपनी के हैकिंग माध्यमों की चोरी की.

कई विशेषज्ञों को संदेह है कि रूस ‘फायरआई’ पर साइबर हमले के लिए जिम्मेदार हो सकता है. फायरआई एक बड़ी साइबर सुरक्षा कंपनी है और वह संघीय, राज्य और स्थानीय सरकारों समेत दुनिया की कई शीर्ष वैश्विक कंपनियों के लिए काम करती है.

हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वित्त मंत्रालय के नेटवर्क को हैक करने के लिए रूस जिम्मेदार है या नहीं. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन यूलियोट ने एक बयान में बताया कि सरकार इससे संबंधित समस्याओं की पहचान और उससे निपटने की हर संभव कोशिश कर रही है.

सरकार की ‘साइबरसिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी’ एजेंसी ने कहा कि वे भी अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सरकार के नेटवर्कों संबंधी हालिया गतिविधियों की जांच कर रहे हैं.

पढ़ें- अमेरिका का दावा, रूसी हैकर्स ने हमारे नेटवर्क से चुराया डेटा

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ दिमित्री अल्परोविच ने कहा कि एक प्रमुख साइबर सुरक्षा फर्म को पता चला कि ट्रेजरी और वाणिज्य विभागों को एक महीने के वैश्विक साइबर जासूसी अभियान में हैक कर लिया गया था. इस पर होमलैंड सिक्योरिटी के साइबर सुरक्षा विभाग ने अमेरिकी सरकारी एजेंसियों को अलर्ट किया.

साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के निदेशक हटाए गए थे
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (Cisa) के निदेशक क्रिस क्रेब्स को राष्ट्रपति चुनाव की सत्यनिष्ठा न बनाए रख पाने और व्यापक चुनावी धोखाधड़ी पर उपजे विवाद के बाद निकाल दिया था. रविवार को एक ट्वीट में क्रेब्स ने कहा कि 'इस प्रकार के हैक असाधारण परंपरा और समय लेते हैं.'

वॉशिंगटन : अमेरिकी सरकारी अधिकारी अमेरिका में वित्त एवं वाणिज्य मंत्रालयों समेत संघीय एंजेंसियों के नेटवर्क हैक होने के मामले की जांच कर रहे हैं.

एफबीआई और गृह सुरक्षा विभाग की साइबरसिक्योरिटी शाखा इस मामले की जांच कर रही है. हैक का खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जब कुछ दिन पहले ही साइबर सुरक्षा से जुड़ी एक बड़ी कंपनी ने कहा था कि विदेशी सरकारी हैकरों ने उनके नेटवर्क की सुरक्षा को तोड़ते हुए कंपनी के हैकिंग माध्यमों की चोरी की.

कई विशेषज्ञों को संदेह है कि रूस ‘फायरआई’ पर साइबर हमले के लिए जिम्मेदार हो सकता है. फायरआई एक बड़ी साइबर सुरक्षा कंपनी है और वह संघीय, राज्य और स्थानीय सरकारों समेत दुनिया की कई शीर्ष वैश्विक कंपनियों के लिए काम करती है.

हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वित्त मंत्रालय के नेटवर्क को हैक करने के लिए रूस जिम्मेदार है या नहीं. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन यूलियोट ने एक बयान में बताया कि सरकार इससे संबंधित समस्याओं की पहचान और उससे निपटने की हर संभव कोशिश कर रही है.

सरकार की ‘साइबरसिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी’ एजेंसी ने कहा कि वे भी अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सरकार के नेटवर्कों संबंधी हालिया गतिविधियों की जांच कर रहे हैं.

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साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ दिमित्री अल्परोविच ने कहा कि एक प्रमुख साइबर सुरक्षा फर्म को पता चला कि ट्रेजरी और वाणिज्य विभागों को एक महीने के वैश्विक साइबर जासूसी अभियान में हैक कर लिया गया था. इस पर होमलैंड सिक्योरिटी के साइबर सुरक्षा विभाग ने अमेरिकी सरकारी एजेंसियों को अलर्ट किया.

साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के निदेशक हटाए गए थे
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी (Cisa) के निदेशक क्रिस क्रेब्स को राष्ट्रपति चुनाव की सत्यनिष्ठा न बनाए रख पाने और व्यापक चुनावी धोखाधड़ी पर उपजे विवाद के बाद निकाल दिया था. रविवार को एक ट्वीट में क्रेब्स ने कहा कि 'इस प्रकार के हैक असाधारण परंपरा और समय लेते हैं.'

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