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मानवाधिकार दिवस पर यूएन प्रमुख ने किया मिलकर कोविड से लड़ने का आह्वान

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए वैश्विक एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि मानवाधिकार दिवस पर हम कोविड-19 महामारी से उबरने और सभी के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का संकल्प लेते हैं.

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Published : Dec 11, 2020, 2:32 PM IST

Guterres
एंटोनियो गुटेरेस

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मानव अधिकार दिवस पर एक संदेश में कोविड-19 से लड़ने के लिए वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया है. गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दो बुनियादी सच्चाइयों को दिखाया है. एक, मानवाधिकारों का उल्लंघन हम सभी को नुकसान पहुंचाता है और दूसरा मानवाधिकार सार्वभौमिक है. हम सभी की रक्षा करता है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 महामारी का असर कमजोर लोगों पर ज्यादा पड़ा है, जिसमें फ्रंट लाइन वर्कर्स, दिव्यांग लोग, वृद्ध महिलाएं और लड़कियां और अल्पसंख्यक शामिल हैं.

'कोरोना के कारण समाज में पैदा हुई कमजोरियां'
उन्होंने कहा, 'यह गरीबी, असमानता, भेदभाव, पर्यावरण के विनाश और अन्य मानवाधिकारों की विफलता के कारण बढ़ा है, जिससे समाज में बहुत अधिक कमजोरियां पैदा हुई हैं.'

पढ़ें- अमेरिकी पैनल ने फाइजर वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को दी हरी झंडी

एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि महामारी के लिए एक प्रभावी प्रतिक्रिया एकजुटता और सहयोग पर आधारित होनी चाहिए. विभाजनकारी दृष्टिकोण, अधिनायकवाद और राष्ट्रवाद एक वैश्विक खतरे के खिलाफ कोई मतलब नहीं रखता है.

'बेहतर भविष्य का निर्माण'
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि हमें इस महामारी को हराने और भविष्य के लिए रक्षा करने के लिए हेल्थ कवरेज जैसे ढांचे की जरूरत है. मानवाधिकार दिवस पर हम कोविड-19 महामारी से उबरने और सभी के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का संकल्प लेते हैं.

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मानव अधिकार दिवस पर एक संदेश में कोविड-19 से लड़ने के लिए वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया है. गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दो बुनियादी सच्चाइयों को दिखाया है. एक, मानवाधिकारों का उल्लंघन हम सभी को नुकसान पहुंचाता है और दूसरा मानवाधिकार सार्वभौमिक है. हम सभी की रक्षा करता है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 महामारी का असर कमजोर लोगों पर ज्यादा पड़ा है, जिसमें फ्रंट लाइन वर्कर्स, दिव्यांग लोग, वृद्ध महिलाएं और लड़कियां और अल्पसंख्यक शामिल हैं.

'कोरोना के कारण समाज में पैदा हुई कमजोरियां'
उन्होंने कहा, 'यह गरीबी, असमानता, भेदभाव, पर्यावरण के विनाश और अन्य मानवाधिकारों की विफलता के कारण बढ़ा है, जिससे समाज में बहुत अधिक कमजोरियां पैदा हुई हैं.'

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एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि महामारी के लिए एक प्रभावी प्रतिक्रिया एकजुटता और सहयोग पर आधारित होनी चाहिए. विभाजनकारी दृष्टिकोण, अधिनायकवाद और राष्ट्रवाद एक वैश्विक खतरे के खिलाफ कोई मतलब नहीं रखता है.

'बेहतर भविष्य का निर्माण'
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि हमें इस महामारी को हराने और भविष्य के लिए रक्षा करने के लिए हेल्थ कवरेज जैसे ढांचे की जरूरत है. मानवाधिकार दिवस पर हम कोविड-19 महामारी से उबरने और सभी के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का संकल्प लेते हैं.

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