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फेसबुक को पिछले डेढ़ साल से है इंस्टाग्राम के किशोरों के लिए हानिकारक होने की जानकारी

किशोरों द्वारा सर्वाधिक इस्तेमाल किए जाने वाले सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम का उपयोग उनके लिए हानिकारक है. यह बात फेसबुक के आंतरिक शोध में सामने आई है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 17, 2021, 6:31 PM IST

लेक्सिंगटन (अमेरिका) : फेसबुक के अधिकारियों ने मार्च 2020 में एक आंतरिक शोध किया था, जिसमें सामने आया था कि किशोरों द्वारा सर्वाधिक इस्तेमाल किए जाने वाले सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम का उपयोग उनके लिए हानिकारक है और इस शोध के परिणामों को उजागर नहीं किया गया, ताकि सोशल मीडिया मंच का कारोबार प्रभावित नहीं हो. 'वाल स्ट्रीट जर्नल' की 14 सितंबर, 2021 की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

इंस्टाग्राम के नुकसान के बारे में लिखित जानकारी होने के बावजूद लाभ कमाने की फेसबुक की नीति की तुलना 'बिग टोबैको' से की जा रही है, जिसे 1950 के दशक में जानकारी थी कि उसके उत्पाद कैंसर रोग का कारण है, लेकिन उसने 21वीं सदी तक इस बात से इनकार किया.

किशोरों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल का अध्ययन करने वालों से यह बात छिपी नहीं है कि इंस्टाग्राम किशोरों के लिए किस प्रकार हानिकारक है. कई शोध पत्र इस बात की पुष्टि कर चुके हैं.

किशोरों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि लगभग सभी किशोर प्रतिदिन ऑनलाइन होते हैं. प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 89 प्रतिशत किशोरों का कहना हैं कि वे 'लगभग लगातार' या 'दिन में कई बार' ऑनलाइन होते हैं.

किशोरों के किसी भी अन्य सोशल मीडिया साइट की तुलना में इंस्टाग्राम पर लॉगइन करने की अधिक संभावना होती है. विभिन्न अध्ययन दिखाते हैं कि किशोर इंस्टाग्राम का जितना अधिक इस्तेमाल करते हैं, उसका उनके समग्र कल्याण, आत्म-सम्मान, जीवन संतुष्टि, मनोदशा और शरीर की छवि पर उतना ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

अस्वस्थ तुलना

इंस्टाग्राम केवल इसलिए समस्या का कारण नहीं है क्योंकि यह लोकप्रिय है. इंस्टाग्राम की दो प्रमुख विशेषताएं हैं जो इसे विशेष रूप से जोखिम भरा बनाती हैं. पहली विशेष यह है कि यह उपयोगकर्ताओं को मशहूर हस्तियों और अपने साथियों को 'फॉलो' करने की अनुमति देता है, जो अपनी ऐसी तस्वीरें पोस्ट कर सकते हैं, जिन्हें फिल्टर किया गया हो और वे अपने जीवन के आदर्श होने की झूठी छवि पेश कर सकते हैं.

पढ़ें :- 'लाइक' और 'शेयर' लोगों को ऑनलाइन अधिक आक्रोश व्यक्त करना सिखाते हैं: अध्धयन

मनुष्य की प्रवृत्ति है कि वह अपने जीवन का आकलन करने के लिए और स्वयं को उसके अनुसार ढालने के लिए अन्य लोगों से अपनी तुलना करता है. इस प्रकार की सामाजिक तुलना का शिकार किशोर अधिक होते हैं. इंस्टाग्राम इस प्रवृत्ति को उकसाता है. दूसरों के साथ नकारात्मक तुलना करने से लोगों को दूसरों के बेहतर जीवन और बेहतर शरीर से ईर्ष्या होने लगती है. कुछ अध्ययनों में सामने आया है कि इंस्टाग्राम उपयोग करने वाली किशोरियों को भले ही इस बात की जानकारी थी कि उन्हें दिखाई जा रही तस्वीरों को फिल्टर किया गया है, इसके बावजूद इन तस्वीरों को देखने के बाद उनके मन में अपनी शारीरिक बनावट को लेकर हीनभावना पैदा हुई.

शारीरिक छवि को लेकर समस्याएं

इंस्टाग्राम इसलिए भी किशोरों के लिए हानिकारक है, क्योंकि इस पर लोग ऐसी तस्वीरें पोस्ट करते हैं, जिन्हें देखकर अन्य लोगों का ध्यान अपने शरीर पर जाता है. हमारे शोध में पता चला है कि जो किशोर अपने शरीर को तस्वीर की वस्तु के रूप में देखते हैं, वे इस बात को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं कि वे कैसे दिखते हैं और उन्हें अपने शरीर को लेकर शर्मिंदगी महसूस होती है. किशोरावस्था के दौरान शरीर को लेकर असंतोष के कारण बाद में खाने संबंधी विकार पैदा हो सकते हैं.

फेसबुक ने आंतरिक रूप से उस बात को स्वीकार किया है जिसे शोधकर्ता वर्षों से बता रहे हैं कि इंस्टाग्राम किशोरों के लिए हानिकारक हो सकता है. माता-पिता किशोरों से तस्वीरों और वास्तविकता के बीच अंतर के बारे में बार-बार बात करके, उन्हें अपने मित्रों से आमने-सामने बातचीत करने और सेल्फी पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सक्रिय तरीके से अपने शरीर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करके मदद कर सकते हैं.

(द कन्वर्सेशन)

लेक्सिंगटन (अमेरिका) : फेसबुक के अधिकारियों ने मार्च 2020 में एक आंतरिक शोध किया था, जिसमें सामने आया था कि किशोरों द्वारा सर्वाधिक इस्तेमाल किए जाने वाले सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम का उपयोग उनके लिए हानिकारक है और इस शोध के परिणामों को उजागर नहीं किया गया, ताकि सोशल मीडिया मंच का कारोबार प्रभावित नहीं हो. 'वाल स्ट्रीट जर्नल' की 14 सितंबर, 2021 की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

इंस्टाग्राम के नुकसान के बारे में लिखित जानकारी होने के बावजूद लाभ कमाने की फेसबुक की नीति की तुलना 'बिग टोबैको' से की जा रही है, जिसे 1950 के दशक में जानकारी थी कि उसके उत्पाद कैंसर रोग का कारण है, लेकिन उसने 21वीं सदी तक इस बात से इनकार किया.

किशोरों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल का अध्ययन करने वालों से यह बात छिपी नहीं है कि इंस्टाग्राम किशोरों के लिए किस प्रकार हानिकारक है. कई शोध पत्र इस बात की पुष्टि कर चुके हैं.

किशोरों पर सोशल मीडिया के प्रभाव को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि लगभग सभी किशोर प्रतिदिन ऑनलाइन होते हैं. प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 89 प्रतिशत किशोरों का कहना हैं कि वे 'लगभग लगातार' या 'दिन में कई बार' ऑनलाइन होते हैं.

किशोरों के किसी भी अन्य सोशल मीडिया साइट की तुलना में इंस्टाग्राम पर लॉगइन करने की अधिक संभावना होती है. विभिन्न अध्ययन दिखाते हैं कि किशोर इंस्टाग्राम का जितना अधिक इस्तेमाल करते हैं, उसका उनके समग्र कल्याण, आत्म-सम्मान, जीवन संतुष्टि, मनोदशा और शरीर की छवि पर उतना ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

अस्वस्थ तुलना

इंस्टाग्राम केवल इसलिए समस्या का कारण नहीं है क्योंकि यह लोकप्रिय है. इंस्टाग्राम की दो प्रमुख विशेषताएं हैं जो इसे विशेष रूप से जोखिम भरा बनाती हैं. पहली विशेष यह है कि यह उपयोगकर्ताओं को मशहूर हस्तियों और अपने साथियों को 'फॉलो' करने की अनुमति देता है, जो अपनी ऐसी तस्वीरें पोस्ट कर सकते हैं, जिन्हें फिल्टर किया गया हो और वे अपने जीवन के आदर्श होने की झूठी छवि पेश कर सकते हैं.

पढ़ें :- 'लाइक' और 'शेयर' लोगों को ऑनलाइन अधिक आक्रोश व्यक्त करना सिखाते हैं: अध्धयन

मनुष्य की प्रवृत्ति है कि वह अपने जीवन का आकलन करने के लिए और स्वयं को उसके अनुसार ढालने के लिए अन्य लोगों से अपनी तुलना करता है. इस प्रकार की सामाजिक तुलना का शिकार किशोर अधिक होते हैं. इंस्टाग्राम इस प्रवृत्ति को उकसाता है. दूसरों के साथ नकारात्मक तुलना करने से लोगों को दूसरों के बेहतर जीवन और बेहतर शरीर से ईर्ष्या होने लगती है. कुछ अध्ययनों में सामने आया है कि इंस्टाग्राम उपयोग करने वाली किशोरियों को भले ही इस बात की जानकारी थी कि उन्हें दिखाई जा रही तस्वीरों को फिल्टर किया गया है, इसके बावजूद इन तस्वीरों को देखने के बाद उनके मन में अपनी शारीरिक बनावट को लेकर हीनभावना पैदा हुई.

शारीरिक छवि को लेकर समस्याएं

इंस्टाग्राम इसलिए भी किशोरों के लिए हानिकारक है, क्योंकि इस पर लोग ऐसी तस्वीरें पोस्ट करते हैं, जिन्हें देखकर अन्य लोगों का ध्यान अपने शरीर पर जाता है. हमारे शोध में पता चला है कि जो किशोर अपने शरीर को तस्वीर की वस्तु के रूप में देखते हैं, वे इस बात को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं कि वे कैसे दिखते हैं और उन्हें अपने शरीर को लेकर शर्मिंदगी महसूस होती है. किशोरावस्था के दौरान शरीर को लेकर असंतोष के कारण बाद में खाने संबंधी विकार पैदा हो सकते हैं.

फेसबुक ने आंतरिक रूप से उस बात को स्वीकार किया है जिसे शोधकर्ता वर्षों से बता रहे हैं कि इंस्टाग्राम किशोरों के लिए हानिकारक हो सकता है. माता-पिता किशोरों से तस्वीरों और वास्तविकता के बीच अंतर के बारे में बार-बार बात करके, उन्हें अपने मित्रों से आमने-सामने बातचीत करने और सेल्फी पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सक्रिय तरीके से अपने शरीर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करके मदद कर सकते हैं.

(द कन्वर्सेशन)

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