वाशिंगटन: व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मेकनैनी ने यहां भारतीय दूतावास के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर किए जाने की घटना को ‘‘स्तब्ध करने वाली’’ करार दिया और कहा कि उनकी प्रतिष्ठा का सम्मान होना चाहिए. भारत में नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में यहां सिख-अमेरिकी युवाओं ने शनिवार को प्रदर्शन किया था और इस दौरान खालिस्तानी अलगाववादियों ने अमेरिका में भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर किया था.
मेकनैनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस घटना संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि यह निंदनीय है. किसी भी प्रतिमा या स्मारक का अनादर नहीं किया जाना चाहिए और खासकर गांधी जैसी शख्सियत की प्रतिमा के साथ तो ऐसा कतई नहीं होना चाहिए जो शांति, न्याय एवं स्वतंत्रता के उन मूल्यों के लिए लड़े, जिनका प्रतिनिधित्व अमेरिका करता है. उन्होंने कहा कि यह स्तब्ध करने वाली बात है कि एक से अधिक बार ऐसा हुआ और हमारा मानना है कि महात्मा गांधी की प्रतिमा का सम्मान होना चाहिए, खासकर यहां अमेरिका की राजधानी में.
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No statue or memorial should be desecrated, & certainly not that of Gandhi who fought for the values that America represents - of peace, justice & freedom: White House Press Secretary Kayleigh McEnany on desecration of Mahatma Gandhi statue during a protest against new farm laws pic.twitter.com/4qtB0wAbF7
— ANI (@ANI) December 16, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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भारतीय दूतावास तक निकाली थी रैली
वहीं विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि वह वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने हाल में हुए प्रदर्शनों से अवगत हैं. प्रवक्ता ने कहा कि हम अमेरिका में विदेशी मिशन की सुरक्षा की जिम्मेदारी गंभीरता से लेते हैं और हालिया घटना को लेकर भारतीय दूतावास से बातचीत कर रहे हैं. ग्रेटर वाशिंगटन डीसी, मैरीलैंड और वर्जीनिया के अलावा न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, पेंसिल्वेनिया, इंडियाना, ओहायो और नॉर्थ कैरोलाइना जैसे राज्यों से आए सैंकड़ों सिखों ने शनिवार को वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास तक कार रैली निकाली थी.
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That desecration is appalling to see. It is appalling that it happened more than once and we believe the reputation of Mahatma Gandhi should be respected, especially here in America's capital: White House Press Secretary Kayleigh McEnany https://t.co/bZf3gCdQlN
— ANI (@ANI) December 16, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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16 दिसंबर 2000 को किया गया था प्रतिमा का अनावरण
इसी दौरान भारत विरोधी पोस्टरों और बैनरों के साथ खालिस्तानी झंडे लिए कुछ सिख वहां आए. इनमें से कुछ खालिस्तान समर्थक सिख हाथों में कृपाण लिए महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने आए और उस पर एक पोस्टर चिपका दिया. इस समूह ने भारत विरोधी और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे. भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर ‘‘प्रदर्शनकारियों के रूप में गुंडागर्दी करने वाले लोगों के इस दुष्ट कृत्य’’ की निंदा की. दूतावास ने कहा कि उसने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष इस संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराया है और अपराधियों के खिलाफ जांच तथा कानून के तहत कार्रवाई के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सामने भी यह मामला उठाया है. महात्मा गांधी की इस प्रतिमा का तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 सितंबर, 2000 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में अनावरण किया था.
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प्रतिमा के अनादर की यह घटना दूसरी बार हुई है. इससे पहले दो और तीन जून की मध्यरात्रि को भी कुछ अज्ञात बदमाशों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर किया था, जिसके बाद मिशन ने स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी. यह घटना 25 मई को मिनियापोलिस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई थी.