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कोविड-19: अमेरिकी सांसदों ने भारत को मदद देने के लिए बाइडेन प्रशासन की प्रशंसा की - covid-19 in india

अमेरिका: भारत में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी सांसदों ने देश को 10 करोड़ डॉलर की मदद देने के लिए बाइडेन प्रशासन की प्रशंसा की है. कांग्रेस सदस्य टॉम सूजी, सीनेट के सदस्य कोरी बूकर और भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल समेत कई ने इस कदम पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

US lawmakers praise Biden administration for helping India
अमेरिकी सांसदों ने भारत को मदद देने के लिए बाइडन प्रशासन की प्रशंसा की
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Published : May 1, 2021, 11:26 AM IST

वाशिंगटन: भारत में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी सांसदों ने देश को 10 करोड़ डॉलर की मदद देने के लिए बाइडन प्रशासन की प्रशंसा की है. कांग्रेस सदस्य टॉम सूजी ने कहा कि भारत में स्थिति गंभीर एवं बहुत ज्यादा दिल दुखाने वाली है.

सीनेट के सदस्य कोरी बूकर ने ट्वीट किया कि हम यह नहीं भूल सकते कि यह एक वैश्विक महामारी है. हमें दूसरे देशों की कोविड-19 से लड़ने के लिए जरूरी टीके एवं आपूर्ति प्राप्त करने में मदद करनी होगी. यह राष्ट्रपति बाइडन का सही कदम है क्योंकि भारत (वायरस के) अनियंत्रित प्रसार और निराश करने वाली कमियों से जूझ रहा है.

सूजी ने कहा कि कोविड-19 मामलों की नयी लहर से लड़ रहे भारत के साथ हमारी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए, बाइडन प्रशासन ने 10 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य की आपूर्ति की प्रतिबद्धता जताई है जिसमें अत्यावश्क ऑक्सीजन एवं संबंधित उपकरण, पीपीई और अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सहायता, जांच एवं टीका उत्पादन आपूर्ति, दवाइयां और जनस्वास्थ्य सहयोग शामिल है. उन्होंने कहा कि अमेरिका सरकार की सहायता उड़ानों ने शुक्रवार से भारत पहुंचना शुरू कर दिया और ये अगले हफ्ते भी जारी रहेंगी.

सूजी ने ये भी कहा कि हमारा भारतीय अमेरिकी समुदाय वहां घर पर अपने परिवार एवं दोस्तों को लेकर भयभीत एवं चिंतित है. हम एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और भारत के लोगों को हमारे देश की मानवीय सहायता के साथ ही हमारी प्रार्थनाओं की भी जरूरत है.

भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि यह वैश्विक महामारी है और जब तक इस वायरस को हर जगह से खत्म नहीं कर दिया जाता, कोई भी इससे उबर नहीं सकता है. भारत को हमारी मदद की जरूरत है और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम इस कठिन स्थिति से उबरने में सफल हों.

मदद का हाथ बढ़ाते हुए विमानन कंपनी बोइंग ने कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग को समर्थन देने के लिए एक करोड़ डॉलर के आपातकालीन सहायता पैकेज की शुक्रवार को घोषणा की. कंपनी ने एक बयान में कहा कि बोइंग की तरफ से यह मदद राहत कार्यों में लगे संगठनों को भेजी जाएगी, जिसमें चिकित्सीय आपूर्ति एवं कोविड-19 से जूझ रहे समुदायों एवं परिवारों के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा देना भी शामिल है. वह स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों के साथ साझेदारी कर और चिकित्सीय, सरकारी एवं जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर उन इलाकों में यह एक करोड़ डॉलर की मदद भेजेगी जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत होगी.

इससे पहले मास्टरकार्ड ने भी भारत को एक करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की थी. उधर, बाइडन प्रशासन ने यह भी कहा कि भारत में कोविड-19 की स्थिति भले ही भयावह हो लेकिन कोरोना वायरस के मामले अब भी चरम पर नहीं पहुंचे हैं.

वैश्विक कोविड प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए विदेश मंत्रालय के समन्वयक गेल ई स्मिथ ने संवादाताओं से कहा कि भारत में वायरस के मामले बढ़ने से स्थिति अत्यंत गंभीर है. भारत में लगभग हर दिन मामले बढ़ रहे हैं. मुझे भय है कि यह संकट अब भी अपने चरम पर नहीं पहुंचा है.

स्मिथ ने कहा कि मामलें उस वक्त चरम पर कहे जाते हैं जब लोगों के संक्रमित होने, उनके बीमार होने और उनके इलाज के बीच एक अंतराल होता है. उन्होंने कहा किल इस समस्या पर कुछ समय के लिए तत्काल एवं लगातार ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए हमने ऑक्सीजन, पीपीई, टीका उत्पादन आपूर्ति, जांच एवं अन्य महत्त्वपूर्ण आपूर्तियों पर तत्काल ध्यान दिया है.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला देवी हैरिस ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को त्रासदी करार दिया और कहा कि उन्होंने इस चुनौती से लड़ने के लिए देश को मदद देने की प्रतिबद्धता जताई है. हैरिस ने शुक्रवार को ओहियो के सिनसिनाती में संवाददाताओं से कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह मृतकों के लिहाज से बड़ी त्रासदी है और जैसा कि मैंने पहले भी कहा है और फिर कहूंगी कि एक राष्ट्र के तौर पर हमने भारत के लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्धता जताई है.

इससे पहले व्हाइट हाउस ने भारत में कोविड-19 के बहुत ज्यादा मामलों और वायरस के बहुत से प्रकारों के मिलने के चलते भारत से यात्रा पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी. हैरिस ने कहा कि प्रतिबंधों की खबर सार्वजनिक होने के बाद से वह भारत में अपने परिवार से बात नहीं कर पाई हैं।

वाशिंगटन: भारत में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिकी सांसदों ने देश को 10 करोड़ डॉलर की मदद देने के लिए बाइडन प्रशासन की प्रशंसा की है. कांग्रेस सदस्य टॉम सूजी ने कहा कि भारत में स्थिति गंभीर एवं बहुत ज्यादा दिल दुखाने वाली है.

सीनेट के सदस्य कोरी बूकर ने ट्वीट किया कि हम यह नहीं भूल सकते कि यह एक वैश्विक महामारी है. हमें दूसरे देशों की कोविड-19 से लड़ने के लिए जरूरी टीके एवं आपूर्ति प्राप्त करने में मदद करनी होगी. यह राष्ट्रपति बाइडन का सही कदम है क्योंकि भारत (वायरस के) अनियंत्रित प्रसार और निराश करने वाली कमियों से जूझ रहा है.

सूजी ने कहा कि कोविड-19 मामलों की नयी लहर से लड़ रहे भारत के साथ हमारी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए, बाइडन प्रशासन ने 10 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य की आपूर्ति की प्रतिबद्धता जताई है जिसमें अत्यावश्क ऑक्सीजन एवं संबंधित उपकरण, पीपीई और अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सहायता, जांच एवं टीका उत्पादन आपूर्ति, दवाइयां और जनस्वास्थ्य सहयोग शामिल है. उन्होंने कहा कि अमेरिका सरकार की सहायता उड़ानों ने शुक्रवार से भारत पहुंचना शुरू कर दिया और ये अगले हफ्ते भी जारी रहेंगी.

सूजी ने ये भी कहा कि हमारा भारतीय अमेरिकी समुदाय वहां घर पर अपने परिवार एवं दोस्तों को लेकर भयभीत एवं चिंतित है. हम एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और भारत के लोगों को हमारे देश की मानवीय सहायता के साथ ही हमारी प्रार्थनाओं की भी जरूरत है.

भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि यह वैश्विक महामारी है और जब तक इस वायरस को हर जगह से खत्म नहीं कर दिया जाता, कोई भी इससे उबर नहीं सकता है. भारत को हमारी मदद की जरूरत है और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम इस कठिन स्थिति से उबरने में सफल हों.

मदद का हाथ बढ़ाते हुए विमानन कंपनी बोइंग ने कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग को समर्थन देने के लिए एक करोड़ डॉलर के आपातकालीन सहायता पैकेज की शुक्रवार को घोषणा की. कंपनी ने एक बयान में कहा कि बोइंग की तरफ से यह मदद राहत कार्यों में लगे संगठनों को भेजी जाएगी, जिसमें चिकित्सीय आपूर्ति एवं कोविड-19 से जूझ रहे समुदायों एवं परिवारों के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा देना भी शामिल है. वह स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों के साथ साझेदारी कर और चिकित्सीय, सरकारी एवं जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर उन इलाकों में यह एक करोड़ डॉलर की मदद भेजेगी जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत होगी.

इससे पहले मास्टरकार्ड ने भी भारत को एक करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की थी. उधर, बाइडन प्रशासन ने यह भी कहा कि भारत में कोविड-19 की स्थिति भले ही भयावह हो लेकिन कोरोना वायरस के मामले अब भी चरम पर नहीं पहुंचे हैं.

वैश्विक कोविड प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए विदेश मंत्रालय के समन्वयक गेल ई स्मिथ ने संवादाताओं से कहा कि भारत में वायरस के मामले बढ़ने से स्थिति अत्यंत गंभीर है. भारत में लगभग हर दिन मामले बढ़ रहे हैं. मुझे भय है कि यह संकट अब भी अपने चरम पर नहीं पहुंचा है.

स्मिथ ने कहा कि मामलें उस वक्त चरम पर कहे जाते हैं जब लोगों के संक्रमित होने, उनके बीमार होने और उनके इलाज के बीच एक अंतराल होता है. उन्होंने कहा किल इस समस्या पर कुछ समय के लिए तत्काल एवं लगातार ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए हमने ऑक्सीजन, पीपीई, टीका उत्पादन आपूर्ति, जांच एवं अन्य महत्त्वपूर्ण आपूर्तियों पर तत्काल ध्यान दिया है.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला देवी हैरिस ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को त्रासदी करार दिया और कहा कि उन्होंने इस चुनौती से लड़ने के लिए देश को मदद देने की प्रतिबद्धता जताई है. हैरिस ने शुक्रवार को ओहियो के सिनसिनाती में संवाददाताओं से कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह मृतकों के लिहाज से बड़ी त्रासदी है और जैसा कि मैंने पहले भी कहा है और फिर कहूंगी कि एक राष्ट्र के तौर पर हमने भारत के लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्धता जताई है.

इससे पहले व्हाइट हाउस ने भारत में कोविड-19 के बहुत ज्यादा मामलों और वायरस के बहुत से प्रकारों के मिलने के चलते भारत से यात्रा पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी. हैरिस ने कहा कि प्रतिबंधों की खबर सार्वजनिक होने के बाद से वह भारत में अपने परिवार से बात नहीं कर पाई हैं।

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