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कोपा अमेरिका फाइनल के नायक डि मारिया को लेनी पड़ी से मनोचिकित्सक की मदद - डि मारिया मनोचिकित्सक की मदद

अर्जेंटीना के फुटबॉल खिलाड़ी एंजेल डि मारिया ने बताया कि कोपा अमेरिका कप के फाइनल में मैच के दौरान उन्हें मनोचिकित्सक से मदद लेनी पड़ी थी. जानिए क्या थी वजह...

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Published : Jul 11, 2021, 3:53 PM IST

ब्यूनस आयर्स : ब्राजील के खिलाफ कोपा अमेरिका कप के फाइनल में मैच का इकलौता गोल करने वाले अर्जेंटीना के फुटबॉल खिलाड़ी एंजेल डि मारिया कहा कि फाइनल मैच में अपने प्रदर्शन से उबरने के लिए उन्हें मनोचिकित्सक से मदद लेनी पड़ी थी.

शनिवार को रियो दि जिनेरियो के मराकाना स्टेडियम में खेले गए फाइनल में उनके गोल से टीम का 28 साल का खिताबी सूखा खत्म हुआ.

उन्होंने मैच के बाद कहा, मैं भावुक नहीं हो सकता, मैं जमीन पर गिर कर जश्न नहीं मना सकता, हमने इसे हासिल करने का बहुत सपने देखे थे. कितने लोगों ने कहा कि मुझे टीम में वापस नहीं आना चाहिए, मैं हिम्मत नहीं हारा और आज यह (खिताबी जीत) हो गया.

मैच के 22वें मिनट में रोड्रिगो डि पॉल ने डि मारिया की तरफ लंबा पास दिया. तैंतीस 33 साल के इस अनुभवी स्ट्राइकर ने लेफ्ट बैक रेना लोडी की खराब डिफेंडिंग का फायदा उठाते हुए गेंद को अपने कब्जे में लिया और गोलकीपर एंडरसन को छकाते हुए अर्जेंटीना को बढ़त दिला दी जो निर्णायक साबित हुई.

अर्जेंटीना की इस टीम में सिर्फ डि मारिया, कप्तान लियोनेल मेस्सी और स्ट्राइकर सर्जियो अगुएरो ही उस टीम का हिस्सा थे जिसे जर्मनी ने ब्राजील में 2014 विश्व कप फाइनल हराया था.

पढ़ें :- मनु भाकर और अंगद बाजवा का खेल मनोचिकित्सक की सेवाएं लेने की पेशकश मंजूर

डि मारिया हालांकि चोट के कारण विश्व कप फाइनल मैच में नहीं खेल पाए थे. वह चोट के कारण 2015 और 2016 में चिली के खिलाफ कोपा अमेरिका फाइनल में भी नहीं खेल सके थे.

इसके बाद डि मारिया ने एक मनोचिकित्सक से मदद लेना शुरू किया. अर्जेंटीना के प्रशंसक उन्हें टीम से बाहर करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने शनिवार को सबको गलत साबित करते हुए टीम को चैम्पियन बनाने में अहम योगदान दिया.

उन्होंने कहा, यह यही नहीं रुकेगा है. विश्व कप जल्द ही आ रहा है, और इस जीत से हमारा मनोबल काफी बढ़ेगा.

(एपी)

ब्यूनस आयर्स : ब्राजील के खिलाफ कोपा अमेरिका कप के फाइनल में मैच का इकलौता गोल करने वाले अर्जेंटीना के फुटबॉल खिलाड़ी एंजेल डि मारिया कहा कि फाइनल मैच में अपने प्रदर्शन से उबरने के लिए उन्हें मनोचिकित्सक से मदद लेनी पड़ी थी.

शनिवार को रियो दि जिनेरियो के मराकाना स्टेडियम में खेले गए फाइनल में उनके गोल से टीम का 28 साल का खिताबी सूखा खत्म हुआ.

उन्होंने मैच के बाद कहा, मैं भावुक नहीं हो सकता, मैं जमीन पर गिर कर जश्न नहीं मना सकता, हमने इसे हासिल करने का बहुत सपने देखे थे. कितने लोगों ने कहा कि मुझे टीम में वापस नहीं आना चाहिए, मैं हिम्मत नहीं हारा और आज यह (खिताबी जीत) हो गया.

मैच के 22वें मिनट में रोड्रिगो डि पॉल ने डि मारिया की तरफ लंबा पास दिया. तैंतीस 33 साल के इस अनुभवी स्ट्राइकर ने लेफ्ट बैक रेना लोडी की खराब डिफेंडिंग का फायदा उठाते हुए गेंद को अपने कब्जे में लिया और गोलकीपर एंडरसन को छकाते हुए अर्जेंटीना को बढ़त दिला दी जो निर्णायक साबित हुई.

अर्जेंटीना की इस टीम में सिर्फ डि मारिया, कप्तान लियोनेल मेस्सी और स्ट्राइकर सर्जियो अगुएरो ही उस टीम का हिस्सा थे जिसे जर्मनी ने ब्राजील में 2014 विश्व कप फाइनल हराया था.

पढ़ें :- मनु भाकर और अंगद बाजवा का खेल मनोचिकित्सक की सेवाएं लेने की पेशकश मंजूर

डि मारिया हालांकि चोट के कारण विश्व कप फाइनल मैच में नहीं खेल पाए थे. वह चोट के कारण 2015 और 2016 में चिली के खिलाफ कोपा अमेरिका फाइनल में भी नहीं खेल सके थे.

इसके बाद डि मारिया ने एक मनोचिकित्सक से मदद लेना शुरू किया. अर्जेंटीना के प्रशंसक उन्हें टीम से बाहर करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने शनिवार को सबको गलत साबित करते हुए टीम को चैम्पियन बनाने में अहम योगदान दिया.

उन्होंने कहा, यह यही नहीं रुकेगा है. विश्व कप जल्द ही आ रहा है, और इस जीत से हमारा मनोबल काफी बढ़ेगा.

(एपी)

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