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'उइगर के इमामों का उत्पीड़न कर रही है चीन सरकार'

चीन की सरकार और सेना लगातार उइगर मुसलिमों को निशाना बनाते आ रही है. इस बात का खुलासा वॉयस ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट में किया गया हैं.

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Published : Jun 17, 2020, 10:25 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 10:48 AM IST

uighur
चीनी सरकार के शिकार उइगर

वॉशिंगटन : पिछले कुछ समय से चीन उइगर मुस्लिमों को लेकर लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. चीन हमेशा से ही इन्‍हें अपने लिए खतरा मानता आया है और हमेशा से ही ये लोग चीन की सरकार और सेना के निशाने पर रहते आए हैं.

चीन सरकार शिनजियांग में अल्पसंख्यक मुस्लिमों को निशाना बना रही है, जो समुदाय के धार्मिक कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है. पीड़ितों के परिवार का कहना है कि उनके इमाम उत्पीड़न के लिए सबसे कमजोर हैं.

वॉयस ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 के बाद से चीनी अधिकारियों ने कम से कम 518 प्रमुख उइगर धार्मिक इमामों को हिरासत में लिया है.

पढ़ें- रूस ने भी चीन पर लगाया जासूसी का आरोप

संगठन ने कहा कि इमाम, जो पहले बीजिंग द्वारा प्रशिक्षित और कार्यरत थे, उन्हें अब लंबी जेल की सजा सुनाई गई है. जबकि, उनमें से कुछ नजरबंद शिविरों में अपनी जान गंवा चुके हैं.

अप्रैल में चीन की शिनजियांग स्वायत्त सरकार के प्रवक्ता एलिजान एनायट ने अमेरिकी अधिकारियों और मीडिया पर उइगर इमामों की नजरबंद करने और हिरासत में लेने के बारे में अफवाह फैलाने का आरोप लगाया था.

नॉटिंघम विश्वविद्यालय में चीन के एक इतिहासकार रियान थम ने कहा कि यह अपराध चीन के कानून से पहले भी अस्पष्ट रह चुके हैं.

थम ने आगे कहा कि चीन ने अवैध धार्मिक गतिविधियों की एक लंबी सूची बनाई है, जिनमें से अधिकांश वास्तव में अन्य संदर्भों में करने के लिए अवैध चीजें नहीं हैं. जैसे एक मस्जिद में प्रार्थना करना जो, आपका नगर मस्जिद नहीं है, यह एक अवैध धार्मिक गतिविधि हो सकती है.

चीन को देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर नकेल कसने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार निंदा की गई है. चीन पर उइगरों को बड़े पैमाने पर नजरबंदी शिविरों में भेजने, उनकी धार्मिक गतिविधियों में दखल देने और समुदाय को जबरदस्ती फिर से शिक्षा या स्वदेशीकरण से गुजरने के लिए भेजने का आरोप है.

वॉशिंगटन : पिछले कुछ समय से चीन उइगर मुस्लिमों को लेकर लेकर सुर्खियों में बना हुआ है. चीन हमेशा से ही इन्‍हें अपने लिए खतरा मानता आया है और हमेशा से ही ये लोग चीन की सरकार और सेना के निशाने पर रहते आए हैं.

चीन सरकार शिनजियांग में अल्पसंख्यक मुस्लिमों को निशाना बना रही है, जो समुदाय के धार्मिक कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है. पीड़ितों के परिवार का कहना है कि उनके इमाम उत्पीड़न के लिए सबसे कमजोर हैं.

वॉयस ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 के बाद से चीनी अधिकारियों ने कम से कम 518 प्रमुख उइगर धार्मिक इमामों को हिरासत में लिया है.

पढ़ें- रूस ने भी चीन पर लगाया जासूसी का आरोप

संगठन ने कहा कि इमाम, जो पहले बीजिंग द्वारा प्रशिक्षित और कार्यरत थे, उन्हें अब लंबी जेल की सजा सुनाई गई है. जबकि, उनमें से कुछ नजरबंद शिविरों में अपनी जान गंवा चुके हैं.

अप्रैल में चीन की शिनजियांग स्वायत्त सरकार के प्रवक्ता एलिजान एनायट ने अमेरिकी अधिकारियों और मीडिया पर उइगर इमामों की नजरबंद करने और हिरासत में लेने के बारे में अफवाह फैलाने का आरोप लगाया था.

नॉटिंघम विश्वविद्यालय में चीन के एक इतिहासकार रियान थम ने कहा कि यह अपराध चीन के कानून से पहले भी अस्पष्ट रह चुके हैं.

थम ने आगे कहा कि चीन ने अवैध धार्मिक गतिविधियों की एक लंबी सूची बनाई है, जिनमें से अधिकांश वास्तव में अन्य संदर्भों में करने के लिए अवैध चीजें नहीं हैं. जैसे एक मस्जिद में प्रार्थना करना जो, आपका नगर मस्जिद नहीं है, यह एक अवैध धार्मिक गतिविधि हो सकती है.

चीन को देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर नकेल कसने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार निंदा की गई है. चीन पर उइगरों को बड़े पैमाने पर नजरबंदी शिविरों में भेजने, उनकी धार्मिक गतिविधियों में दखल देने और समुदाय को जबरदस्ती फिर से शिक्षा या स्वदेशीकरण से गुजरने के लिए भेजने का आरोप है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 10:48 AM IST
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