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चीन हुवावै मामला : कनाडाई नागरिक को 11 साल जेल की सजा

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Published : Aug 11, 2021, 12:50 PM IST

चीन ने हुवावै से जुड़े एक मामले में कनाडाई नागरिक माइकल स्पैवर को 11 साल की सजा सुनाई है. पढ़ें पूरी खबर...

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दांडोंग : चीन की एक अदालत ने हुवावै से जुड़े एक मामले में जासूसी के आरोपों पर कनाडाई नागरिक माइकल स्पैवर को 11 साल की जेल की सजा सुनाई है.

कनाडा सरकार द्वारा चीन की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी की एक कार्यकारी अधिकारी को गिरफ्तार करने के बाद 2018 में स्पैवर को हिरासत में लिया गया. बुधवार को आया यह फैसला इस बात का ताजा संकेत है कि चीन कनाडा पर कैसे दबाव बढ़ा रहा है जहां एक अदालत में यह फैसला आना है कि कार्यकारी अधिकारी मेंग वानझोउ को अमेरिका में आपराधिक आरोपों का सामना करने के लिए उन्हें सौंपा जाए या नहीं. कनाडाई अदालत अगले कुछ हफ्तों में इस मामले पर सुनवाई करेगी.

स्पैवर और एक अन्य कनाडाई नागरिक को चीन में हिरासत में लिया गया था जिसे आलोचकों ने बंधक बनाने की राजनीति करार दिया. यह कार्रवाई ईरान पर व्यापार प्रतिबंधों के संभावित उल्लंघनों के संबंध में 2018 में चीन के कार्यकारी अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद की गयी.

चीन की एक अन्य अदालत ने मंगलवार को एक तीसरे कनाडाई नागरिक की अपील भी खारिज कर दी जिसकी मादक पदार्थ के एक मामले जेल की सजा को कार्यकारी अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद जीवन पर्यन्त उम्रकैद में बदल दिया गया.

बीजिंग से 340 किलोमीटर पूर्व में दांडोंग शहर में सुनवाई के दौरान कनाडाई राजदूत डोमिनिक बार्टन अदालत में मौजूद थे. कनाडा के पूर्व राजदूत माइकल कोवरिग के मुकदमे की तारीख के बारे में अभी कुछ नहीं कहा गया है. इन्हें भी दिसंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था और इन पर जासूसी के आरोप लगाए गए थे.

पढ़ें :- चीन में हिरासत में लिए गए कनाडा के नागरिकों से राजदूत ने की मुलाकात

हुवावै टेक्नोलॉजीस लिमिटेड की मुख्य वित्तीय अधिकारी और कंपनी के संस्थापक की बेटी मेंग को एक दिसंबर 2018 को वैंकूवर में गिरफ्तार किया गया था. अमेरिका ने उन पर व्यापार प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए ईरान के साथ संभावित लेनदेन को लेकर ब्रिटिश बैंक एचएसबीसी की हांगकांग शाखा से झूठ बोलने का आरोप लगाया था.

मेंग के वकीलों ने दलील की कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे कनाडा में अपराध नहीं हैं. चीनी सरकार ने इस गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए इसे उसके प्रौद्योगिकी विकास को बाधित करने की अमेरिका की कोशिशें बताया. बीजिंग लगातार मेंग को फौरन रिहा करने की मांग करता रहा है. मेंग और स्पैवर तथा कोवरिग की गिरफ्तारियों के बीच सीधा कोई संबंध होने से इनकार करते हुए चीनी अधिकारी और सरकारी मीडिया बार-बार यह कहते रहे हैं कि इन दोनों लोगों का भविष्य इस पर निर्भर करेगा कि मेंग को चीन लौटने दिया जाता है या नहीं.

इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति की जांच की मांग करने के बाद चीन ऑस्ट्रेलियाई गेंहू, शराब और अन्य उत्पादों के आयात पर रोक लगा रहा है.

(एपी)

दांडोंग : चीन की एक अदालत ने हुवावै से जुड़े एक मामले में जासूसी के आरोपों पर कनाडाई नागरिक माइकल स्पैवर को 11 साल की जेल की सजा सुनाई है.

कनाडा सरकार द्वारा चीन की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी की एक कार्यकारी अधिकारी को गिरफ्तार करने के बाद 2018 में स्पैवर को हिरासत में लिया गया. बुधवार को आया यह फैसला इस बात का ताजा संकेत है कि चीन कनाडा पर कैसे दबाव बढ़ा रहा है जहां एक अदालत में यह फैसला आना है कि कार्यकारी अधिकारी मेंग वानझोउ को अमेरिका में आपराधिक आरोपों का सामना करने के लिए उन्हें सौंपा जाए या नहीं. कनाडाई अदालत अगले कुछ हफ्तों में इस मामले पर सुनवाई करेगी.

स्पैवर और एक अन्य कनाडाई नागरिक को चीन में हिरासत में लिया गया था जिसे आलोचकों ने बंधक बनाने की राजनीति करार दिया. यह कार्रवाई ईरान पर व्यापार प्रतिबंधों के संभावित उल्लंघनों के संबंध में 2018 में चीन के कार्यकारी अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद की गयी.

चीन की एक अन्य अदालत ने मंगलवार को एक तीसरे कनाडाई नागरिक की अपील भी खारिज कर दी जिसकी मादक पदार्थ के एक मामले जेल की सजा को कार्यकारी अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद जीवन पर्यन्त उम्रकैद में बदल दिया गया.

बीजिंग से 340 किलोमीटर पूर्व में दांडोंग शहर में सुनवाई के दौरान कनाडाई राजदूत डोमिनिक बार्टन अदालत में मौजूद थे. कनाडा के पूर्व राजदूत माइकल कोवरिग के मुकदमे की तारीख के बारे में अभी कुछ नहीं कहा गया है. इन्हें भी दिसंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था और इन पर जासूसी के आरोप लगाए गए थे.

पढ़ें :- चीन में हिरासत में लिए गए कनाडा के नागरिकों से राजदूत ने की मुलाकात

हुवावै टेक्नोलॉजीस लिमिटेड की मुख्य वित्तीय अधिकारी और कंपनी के संस्थापक की बेटी मेंग को एक दिसंबर 2018 को वैंकूवर में गिरफ्तार किया गया था. अमेरिका ने उन पर व्यापार प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए ईरान के साथ संभावित लेनदेन को लेकर ब्रिटिश बैंक एचएसबीसी की हांगकांग शाखा से झूठ बोलने का आरोप लगाया था.

मेंग के वकीलों ने दलील की कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे कनाडा में अपराध नहीं हैं. चीनी सरकार ने इस गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए इसे उसके प्रौद्योगिकी विकास को बाधित करने की अमेरिका की कोशिशें बताया. बीजिंग लगातार मेंग को फौरन रिहा करने की मांग करता रहा है. मेंग और स्पैवर तथा कोवरिग की गिरफ्तारियों के बीच सीधा कोई संबंध होने से इनकार करते हुए चीनी अधिकारी और सरकारी मीडिया बार-बार यह कहते रहे हैं कि इन दोनों लोगों का भविष्य इस पर निर्भर करेगा कि मेंग को चीन लौटने दिया जाता है या नहीं.

इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति की जांच की मांग करने के बाद चीन ऑस्ट्रेलियाई गेंहू, शराब और अन्य उत्पादों के आयात पर रोक लगा रहा है.

(एपी)

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