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चीन, रूस छोटे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहे हैं : अमेरिका - अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक

अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक को संबोधित करते हुए चीन की ’वन बेल्ट वन रोड’ पहल निशाना साधा है.

चीन, रूस छोटे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहे हैं : अमेरिका
चीन, रूस छोटे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहे हैं : अमेरिका
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Published : Oct 21, 2020, 1:52 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि चीन और रूस अपनी सेनाओं का तेजी से आधुनिकीकरण कर अपनी बढ़ती ताकत का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनदेखी करने और छोटे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन कर सत्ता संतुलन को अपने पक्ष में प्रभावित करने में कर रहे हैं.

'अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक' को संबोधित करते हुए एस्पर ने चीन की 'वन बेल्ट वन रोड' पहल पर भी निशाना साधा और कहा कि बीजिंग इस परियोजना का इस्तेमाल एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका में अपने वित्तीय संबंधों का विस्तार करने के लिए कर रहा है और इसके पीछे उसका ‘‘परोक्ष' लक्ष्य रणनीतिक प्रभाव प्राप्त करना, दुनिया भर के प्रमुख संसाधनों और सैन्य तलहटी तक पहुंच हासिल करना है.

पढ़ें : भारत इस शताब्दी में अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण भागीदार होगा : एस्पर

एस्पर ने कहा, 'हमारे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी, चीन और रूस, तेजी से अपने सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं और अपनी बढ़ती ताकत का उपयोग अंतरराष्ट्रीय कानून की अनदेखी करने, छोटे राज्यों की संप्रभुता का उल्लंघन करने और सत्ता के संतुलन को अपने पक्ष में करने के लिए कर रहे हैं.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'दक्षिण चीन सागर में चीन के सैन्यीकरण और रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्ज़ा करने और पूर्वी यूक्रेन में घुसपैठ, उनकी दूसरों की स्वायत्तता छीनने और अमेरिकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण देशों और संस्थानों (नाटो सहित) के लचीलेपन और सामंजस्य को कम करने के उनके प्रयासों को दर्शाती है.'

वॉशिंगटन : अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि चीन और रूस अपनी सेनाओं का तेजी से आधुनिकीकरण कर अपनी बढ़ती ताकत का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनदेखी करने और छोटे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन कर सत्ता संतुलन को अपने पक्ष में प्रभावित करने में कर रहे हैं.

'अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक' को संबोधित करते हुए एस्पर ने चीन की 'वन बेल्ट वन रोड' पहल पर भी निशाना साधा और कहा कि बीजिंग इस परियोजना का इस्तेमाल एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका में अपने वित्तीय संबंधों का विस्तार करने के लिए कर रहा है और इसके पीछे उसका ‘‘परोक्ष' लक्ष्य रणनीतिक प्रभाव प्राप्त करना, दुनिया भर के प्रमुख संसाधनों और सैन्य तलहटी तक पहुंच हासिल करना है.

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एस्पर ने कहा, 'हमारे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी, चीन और रूस, तेजी से अपने सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं और अपनी बढ़ती ताकत का उपयोग अंतरराष्ट्रीय कानून की अनदेखी करने, छोटे राज्यों की संप्रभुता का उल्लंघन करने और सत्ता के संतुलन को अपने पक्ष में करने के लिए कर रहे हैं.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'दक्षिण चीन सागर में चीन के सैन्यीकरण और रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्ज़ा करने और पूर्वी यूक्रेन में घुसपैठ, उनकी दूसरों की स्वायत्तता छीनने और अमेरिकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण देशों और संस्थानों (नाटो सहित) के लचीलेपन और सामंजस्य को कम करने के उनके प्रयासों को दर्शाती है.'

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