टोरंटो : कनाडा में संसद के आसपास के ज्यादातर इलाकों में अब स्थिति नियंत्रण में हैं. ओटावा में जुटे ज्यादातर प्रदर्शनकारियों को पुलिसकर्मियों ने खदेड़ दिया है और ट्रकों के लगातार बज रहे हॉर्न अब शांत हो चुके हैं. इस विरोध प्रदर्शन के कारण अमेरिका-कनाडा सीमा की कुछ चौकियों समेत राजधानी के प्रमुख हिस्सों को भी हफ्तों तक बंद करना पड़ा था.
पहले यह विरोध प्रदर्शन सीमा पार के ट्रक चालकों के लिए अनिवार्य टीकाकरण के आदेश के खिलाफ था. लेकिन बाद में यह कोविड प्रतिबंधों और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विरोध पर केंद्रित हो गया. संसद के आसपास की सड़कों पर पुलिस के नियंत्रण के बाद हैमिल्टन में ओंटारियो के 33 वर्षीय एक प्रदर्शनकारी मार्क सूटर ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमने यहां कुछ शुरू किया है.' उनका मानना है कि विरोध प्रदर्शन देश को विभाजित करेगा.
उन्होंने कहा कि यह हमारे देश में एक बहुत बड़ा विभाजन करने जा रहा है, मुझे नहीं लगता है कि यह अंत है. इस बीच ज्यादातर विश्लेषकों को संदेह है कि यह विरोध प्रदर्शन कनाडा की राजनीति पर कोई ऐतिहासिक असर छोड़ेगा, लेकिन इसने कनाडा के दो प्रमुख दलों को झकझोर कर रख दिया है.
टोरंटो विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर नेल्सन वाइसमैन ने कहा कि विरोध ने उदारवादियों और रूढ़िवादियों दोनों की साख को नुकसान पहुंचाया है. प्रदर्शनकारियों को राजधानी में हफ्तों तक अराजकता फैलाने की अनुमति देने के लिहाज से ट्रूडो का उदारवादी रवैया लोगों को खराब लग रहा है.
मॉन्ट्रियल में मैकगिल विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डैनियल बेलैंड ने कहा, 'दक्षिण पंथियों को सावधान रहना होगा कि वे अधिक उदार मतदाताओं को अलग-थलग न करें, जो आमतौर पर प्रदर्शनकारियों या दक्षिणपंथी लोकप्रियतावाद के प्रति सहानुभूति नहीं रखते हैं.' प्रदर्शनकारियों के अंतिम बड़े केंद्र ओटावा में शनिवार शाम तक विरोध खत्म होता दिखा, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि वे फिर से समूह बनाने में जुटे हैं.
ये भी पढे़ं : यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बढ़ते तनाव के बीच पुतिन को बातचीत का प्रस्ताव दिया