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कॉल सेंटर धोखाधड़ी मामला : भारतीय को अमेरिका में तीन साल की कैद

कॉल सेंटर घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए एक भारतीय नागरिक को 36 महीने कैद की सजा सुनाई गई है. 30 अगस्त 2019 से एक मई 2019 के बीच नारंग ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अपनी योजनाओं की आड़ में हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी की और उन्हें करीब 15 लाख से लेकर 30 लाख डॉलर तक की चपत लगाई.

तीन साल कैद की सजा
तीन साल कैद की सजा
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Published : Mar 18, 2021, 10:26 AM IST

वॉशिंगटन : कॉल सेंटर धोखाधड़ी के एक मामले में भारत के एक नागरिक को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है. एक अमेरिकी अटॉर्नी ने यह जानकारी दी.

गुड़गांव के निवासी 29 वर्षीय साहिल नारंग को अमेरिका में मई 2019 में गिरफ्तार किया गया था. अदालत के दस्तावेजों में नारंग को अमेरिकी नागरिकों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए ऑनलाइन टेलीमार्केटिंग योजनाएं चलाने वाले मुख्य आरोपियों में से एक माना गया था.

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कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी रिचर्ड बी मायरय ने बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर में नारंग ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. बुधवार को उसे 36 महीने के लिए संघीय जेल भेज दिया गया. इसके बाद तीन वर्ष तक उस पर निगाह रखी जाएगी.

अदालत में पेश जानकारी के मुताबिक, 30 अगस्त 2019 से एक मई 2019 के बीच नारंग ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अपनी योजनाओं की आड़ में हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी की और उन्हें करीब 15 लाख से लेकर 30 लाख डॉलर तक की चपत लगाई.

पढ़ें- नेपाल : सत्तारूढ़ पार्टी के दो धड़ों में टकराव, ओली ने बुलाई संसदीय दल की बैठक

एफबीआई जांच के मुताबिक, नौ महीने की अवधि में नारंग ने प्रतिदिन औसतन 70 से अधिक फोन कॉल को कॉल सेंटरों को हस्तांतरित किया और ऐसा अनुमान है कि उसकी धोखाधड़ी वाली योजनाएं 30 फीसदी तक सफल रहीं.

वॉशिंगटन : कॉल सेंटर धोखाधड़ी के एक मामले में भारत के एक नागरिक को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है. एक अमेरिकी अटॉर्नी ने यह जानकारी दी.

गुड़गांव के निवासी 29 वर्षीय साहिल नारंग को अमेरिका में मई 2019 में गिरफ्तार किया गया था. अदालत के दस्तावेजों में नारंग को अमेरिकी नागरिकों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए ऑनलाइन टेलीमार्केटिंग योजनाएं चलाने वाले मुख्य आरोपियों में से एक माना गया था.

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कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी रिचर्ड बी मायरय ने बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर में नारंग ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. बुधवार को उसे 36 महीने के लिए संघीय जेल भेज दिया गया. इसके बाद तीन वर्ष तक उस पर निगाह रखी जाएगी.

अदालत में पेश जानकारी के मुताबिक, 30 अगस्त 2019 से एक मई 2019 के बीच नारंग ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अपनी योजनाओं की आड़ में हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी की और उन्हें करीब 15 लाख से लेकर 30 लाख डॉलर तक की चपत लगाई.

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एफबीआई जांच के मुताबिक, नौ महीने की अवधि में नारंग ने प्रतिदिन औसतन 70 से अधिक फोन कॉल को कॉल सेंटरों को हस्तांतरित किया और ऐसा अनुमान है कि उसकी धोखाधड़ी वाली योजनाएं 30 फीसदी तक सफल रहीं.

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