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ब्राजील :  लोगों ने नस्लवाद और पुलिस द्वारा की गई हत्याओं का किया विरोध - नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन

नस्लवाद और पुलिस हिंसा को खत्म करने की मांग को लेकर लोगों ने विरोध किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' के बैनर लेकर नारेबाजी की.

Brazilians protest
नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Jun 13, 2020, 2:41 AM IST

ब्रासीलिया : ब्राजील में नस्लवाद और पुलिस की हिंसा के खिलाफ को नीतेरोई शहर में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' के बैनर लेकर नारेबाजी करते हुए जातिवाद को खत्म करने की मांग की और राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन

कथित रूप से पुलिस द्वारा मारे गए कुछ युवा अश्वेतों की माताओं ने प्रदर्शन में भाग लिया और अपने बच्चों की तस्वीरों के साथ नारे लगाए.

पढ़ें:- स्वतंत्रता के ढाई सौ वर्ष बाद भी नस्लवाद से जूझ रहा है अमेरिका

मार्कोस डी सूसा की मां ब्रूना मोज़ी ने कहा कि वह न्याय के लिए लड़ रही हैं. मोज़ी ने बताया कि मार्कोस को पुलिस ने 2018 में मादक पदार्थों की तस्करी में कथित रूप से शामिल होने के बाद मार डाला था.

पब्लिक सिक्योरिटी इंस्टीट्यूट द्वारा रिपोर्ट किए गए आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2020 के पहले तिमाही में 606 लोग मारे गए हैं. इसमें पिछले साल की तुलना 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं अप्रैल 2019 और अप्रैल 2020 की तुलना करें तो पुलिस हस्तक्षेप के दौरान मौतों की संख्या में 43 प्रतिशत बढ़ गई है.

पढ़ें:- सामने आया वह वीडियो जिसमें है अश्वेत पर पुलिस बर्बरता की कहानी

ब्रासीलिया : ब्राजील में नस्लवाद और पुलिस की हिंसा के खिलाफ को नीतेरोई शहर में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' के बैनर लेकर नारेबाजी करते हुए जातिवाद को खत्म करने की मांग की और राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन

कथित रूप से पुलिस द्वारा मारे गए कुछ युवा अश्वेतों की माताओं ने प्रदर्शन में भाग लिया और अपने बच्चों की तस्वीरों के साथ नारे लगाए.

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मार्कोस डी सूसा की मां ब्रूना मोज़ी ने कहा कि वह न्याय के लिए लड़ रही हैं. मोज़ी ने बताया कि मार्कोस को पुलिस ने 2018 में मादक पदार्थों की तस्करी में कथित रूप से शामिल होने के बाद मार डाला था.

पब्लिक सिक्योरिटी इंस्टीट्यूट द्वारा रिपोर्ट किए गए आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2020 के पहले तिमाही में 606 लोग मारे गए हैं. इसमें पिछले साल की तुलना 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं अप्रैल 2019 और अप्रैल 2020 की तुलना करें तो पुलिस हस्तक्षेप के दौरान मौतों की संख्या में 43 प्रतिशत बढ़ गई है.

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