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बायकॉट चाइना : भारतीय-अमेरिकियों का टाइम्स स्क्वायर पर विरोध प्रदर्शन - boycott china protests

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बाद भी भारतीय मूल के अमेरिकी और अमेरिका में रह रहे तिब्बत और ताइवान के लोगों ने न्यूयोर्क के टाइम्स स्क्वायर पर चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर किया गया.

boycott china
बायकॉट चाइना
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Published : Jul 4, 2020, 8:38 AM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका में चीन के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए भारतीय-अमेरिकी लोगों ने न्यूयोर्क के टाइम्स स्क्वायर पर प्रदर्शन किया.

'बायकॉट चाइना' के नाम से किया गया यह प्रदर्शन, लद्दाख की गलवान घाटी पर हुई भारत-चीन झड़प को देखते हुए किया गया. इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे और 76 जवान घायल हुए थे.

बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बाद भी इस विरोध प्रदर्शन में भारतीय मूल के अमेरिकी और अमेरिका में रह रहे तिब्बत और ताइवान के लोगों ने चीन के खिलाफ अपना विरोध जताया.

गौर हो कि गलवान घाटी में हुई भारत-चीन की हिंसक झड़प के बाद से अमेरिका के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी क्रम में न्यूयोर्क में लोगों ने भारत, तिब्बत के झंडे लहराते हुए चीन के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रदर्शनकारियों का मानना है कि 'बायकॉट चाइना' अभियान के तहत सिर्फ चीन के सामान का उपयोग बंद करना काफी नहीं है. उनका कहना है कि चीन के साथ व्यापार यानि चीनी सामान का आयत प्रतिबंधित होना चाहिए.

पढ़ें :- बॉयकॉट चीन: चीनी व्यापार रणनीति का उपयोग करके कैसे पलटे चीन की बाजी

अमेरिकन इंडियन पब्लिक अफेयर कमेटी के अध्यक्ष, जगदीश सेवहानी ने कहा कि चीन में दुष्ट और क्रूर शासन है. वहीं तिब्बत निर्वासित संसद और स्टूडेंट फॉर ए फ्री तिब्बत के कार्यकारी निदेशक डोरजी त्सेतेन ने भी चीन की हरकत की निंदा की है.

इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार और विश्व की अन्य सरकारों से भी इस मुद्दे को लेकर चीन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 'वन चाइना पॉलिसी' पर विचार करने पर जोर दिया.

वॉशिंगटन : अमेरिका में चीन के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए भारतीय-अमेरिकी लोगों ने न्यूयोर्क के टाइम्स स्क्वायर पर प्रदर्शन किया.

'बायकॉट चाइना' के नाम से किया गया यह प्रदर्शन, लद्दाख की गलवान घाटी पर हुई भारत-चीन झड़प को देखते हुए किया गया. इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे और 76 जवान घायल हुए थे.

बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बाद भी इस विरोध प्रदर्शन में भारतीय मूल के अमेरिकी और अमेरिका में रह रहे तिब्बत और ताइवान के लोगों ने चीन के खिलाफ अपना विरोध जताया.

गौर हो कि गलवान घाटी में हुई भारत-चीन की हिंसक झड़प के बाद से अमेरिका के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी क्रम में न्यूयोर्क में लोगों ने भारत, तिब्बत के झंडे लहराते हुए चीन के खिलाफ नारेबाजी की.

प्रदर्शनकारियों का मानना है कि 'बायकॉट चाइना' अभियान के तहत सिर्फ चीन के सामान का उपयोग बंद करना काफी नहीं है. उनका कहना है कि चीन के साथ व्यापार यानि चीनी सामान का आयत प्रतिबंधित होना चाहिए.

पढ़ें :- बॉयकॉट चीन: चीनी व्यापार रणनीति का उपयोग करके कैसे पलटे चीन की बाजी

अमेरिकन इंडियन पब्लिक अफेयर कमेटी के अध्यक्ष, जगदीश सेवहानी ने कहा कि चीन में दुष्ट और क्रूर शासन है. वहीं तिब्बत निर्वासित संसद और स्टूडेंट फॉर ए फ्री तिब्बत के कार्यकारी निदेशक डोरजी त्सेतेन ने भी चीन की हरकत की निंदा की है.

इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार और विश्व की अन्य सरकारों से भी इस मुद्दे को लेकर चीन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 'वन चाइना पॉलिसी' पर विचार करने पर जोर दिया.

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