वाशिंगटन: अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने दीर्घावधि गैर-आव्रजक वीजा धारकों के आश्रितों को स्थायी निवास का अधिकार प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करने वाला एक विधेयक पेश किया है. इस विधेयक को अमेरिकी संसद की मंजूरी मिल जाने पर उन कई भारतीय बच्चों और युवाओं को फायदा होगा, जो 21 साल की आयु पूरी होने पर स्व-निर्वासन का सामना कर रहे हैं.
- जानें विधेयक का उद्देश्य
अमेरिका का चिल्ड्रेन एक्ट सांसद देबरा रोस, एम मिलर मीक्स, राजा कृष्णमूर्ति और यंग किम ने गुरुवार को इस विधेयक को प्रतिनिधि सभा में पेश किया. इस विधेयक का उद्देश्य ‘डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स’ का संरक्षण करना है, जो दीर्घावधि गैर आव्रजक वीजा धारकों के आश्रित हैं और 21 साल के होने पर स्व-निर्वासन का सामना कर रहे हैं. ऐसे लोगों की संख्या दो लाख से अधिक है. इसमें ज्यादातर भारतीय हैं.
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ये लोग अमेरिका में दीर्घावधि गैर आव्रजक वीजा धारकों (एच-1बी, एल-1, ई-1 और ई-2 कामगारों) के आश्रित के तौर पर रह रहे हैं. यह बच्चे अमेरिका में पले-बढ़े हैं, अमेरिकी स्कूलों में पढ़ाई की है और अमेरिकी विश्वविद्यालयों से स्नातक की उपाधि हासिल की है. डेमोक्रेट सांसद और भारतीय-अमेरिकी कृष्णमूर्ति ने कहा कि हमारे आव्रजन प्रणाली की मौजूदा नाकामी ने उन्हें यहां अपना करियर शुरू करने और घर परिवार बसाने से पहले यहां से जाने के लिए मजबूर कर दिया है.
(पीटीआई- भाषा)