वॉशिंगटन : चीन और रूस के साथ अमेरिका की बढ़ती प्रतिद्वंद्विता का जिक्र करते हुए अमेरिका के भावी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि बाइडेन प्रशासन दुनिया के देशों के साथ 'जैसा है' के आधार पर संबंध रखेगा न कि 'जैसा था' के आधार पर. उन्होंने संकेत दिया कि अगले राष्ट्रपति की कूटनीति जमीनी हकीकतों पर आधारित होगी.
ब्लिंकन ने विदेश संबंधों पर सीनेट समिति के समक्ष दिए गए बयान में कहा कि अगर अमेरिकी नागरिकों के जीवन को खतरा होता है तो विदेशों में सैन्य हस्तक्षेप किया जा सकता है. सीनेट ने अभी उनके पद की पुष्टि नहीं की है.
उन्होंने कहा, 'विभिन्न सरकारों के साथ काम करते हुए और दुनिया भर में साझेदारी करते हुए हम अमेरिकी कूटनीति को नई ऊर्जा देंगे ताकि हमारे समय की बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सके. जहां भी अमेरिकी नागरिकों को खतरा होगा, वहां हम कभी भी कार्रवाई कर सकते हैं.'
ब्लिंकन ने कहा, 'हम दुनिया के देशों के साथ 'जैसा था' के आधार पर नहीं बल्कि 'जैसा है' के आधार पर संबंध स्थापित करेंगे.'
उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष दुनिया में बढ़ते राष्ट्रवाद, घटते लोकतंत्र, चीन, रूस और अन्य तानाशाह देशों के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता, स्थिर एवं स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ता खतरा और हमारे जिंदगी के हर पहलु को प्रभावित करने वाली तकनीक क्रांति, खासकर साइबरस्पेस का सामना करने की चुनौती है.
पढ़ें- चीन के साथ वार्ता करने में भारत का साझेदार होना जरूरी : ब्लिंकेन
बाइडेन के 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद सीनेट इस पद के लिए ब्लिंकन (58) के नाम की पुष्टि कर सकता है.
पहले से तैयार किए गए बयान में ब्लींकेन ने कहा, 'कुछ चीजें बदल गईं, कुछ स्थाई बनी हुई हैं. अमेरिकी नेतृत्व अब भी मायने रखता है.'
एंटनी ब्लिंकन पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में 2015 से 2017 तक उप विदेश मंत्री थे.