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वाशिंगटन में पाकिस्तान के खिलाफ बलोच, सिंधियों और अफगानों ने किया प्रदर्शन

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Published : Aug 15, 2021, 2:03 PM IST

पाकिस्तानी दूतावास के सामने हो रहे प्रदर्शन का आयोजन 'बेनकाब पाकिस्तान अभियान समिति' ने किया था जिसमें बलोच राष्ट्रीय आंदोलन, पश्तून तहाफुज आंदोलन- यूएसए, जिय सिंध आजादी आंदोलन, बांग्लादेशी अल्पसंख्यक और कश्मीर/ गिलगिट बाल्टिस्तान के लिए मानवाधिकार कांग्रेस भी हिस्सा हैं.

पाकिस्तान के खिलाफ
पाकिस्तान के खिलाफ

वाशिंगटन : अमेरिका में रह रहे बलोच, सिंधी और अफगान समुदाय के सदस्यों ने कई बांग्लादेशी और गिलगिट बाल्टिस्तान के शरणार्थियों के साथ मिलकर पाकिस्तान द्वारा उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और एक कार रैली निकाली.

बलोच राष्ट्रीय आंदोलन के नबी बख्श बलोच ने शनिवार को हुए प्रदर्शन के दौरान बताया कि पाकिस्तान से सभी उत्पीड़ित समुदाय पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अमेरिका से पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं.

पाकिस्तानी दूतावास के सामने हो रहे प्रदर्शन का आयोजन 'बेनकाब पाकिस्तान अभियान समिति' ने किया था जिसमें बलोच राष्ट्रीय आंदोलन, पश्तून तहाफुज आंदोलन- यूएसए, जिय सिंध आजादी आंदोलन, बांग्लादेशी अल्पसंख्यक और कश्मीर/ गिलगिट बाल्टिस्तान के लिए मानवाधिकार कांग्रेस भी हिस्सा हैं.

आयोजकों ने एक बयान में कहा कि 14 अगस्त आजादी का दिन नहीं है बल्कि वह दिन है जब पाकिस्तान ने बलोचिस्तान और गिलगिट बाल्टिस्तान पर कब्जा कर लिया था. यह वह दिन है जब सिंध में सांस्कृतिक नरसंहार और नस्ली इंजीनियरिंग की शुरुआत हुई थी. यह वह दिन है जब पश्तूनों और अफगानों की सांस्कृतिक पहचान को नष्ट करने के लिए उनपर इस्लामी आतंकवाद थोपा गया था.

पढ़ें : तालिबान का जलालाबाद और वार्दक पर भी कब्जा, पूर्वी हिस्से से कटा काबुल

उन्होंने कहा कि यह वह दिन है जब हिंदू नागरिकों ने अपनी धार्मिक स्वतंत्रता एवं जिंदगी का अधिकार खो दिया. साथ ही कहा कि प्रदर्शन का आयोजन पाकिस्तान की क्रूर घरेलू एवं विदेश नीते से सीधे तौर पर प्रभावित लोगों ने किया है. प्रतिभागियों ने कहा कि पाकिस्तान खुले तौर पर तालिबान को आर्थिक मदद दे रहा है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल है.

उन्होंने मांग की कि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस्लामाबाद को हथियारों एवं सैन्य साजोसामान की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. इसके अलावा, हमारी मांग है कि एफएटीएफ पाकिस्तान को काली सूची में डाले.

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) पेरिस स्थित निकाय है जो आतंकवाद को वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए धनशोधन को रोकता है.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : अमेरिका में रह रहे बलोच, सिंधी और अफगान समुदाय के सदस्यों ने कई बांग्लादेशी और गिलगिट बाल्टिस्तान के शरणार्थियों के साथ मिलकर पाकिस्तान द्वारा उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और एक कार रैली निकाली.

बलोच राष्ट्रीय आंदोलन के नबी बख्श बलोच ने शनिवार को हुए प्रदर्शन के दौरान बताया कि पाकिस्तान से सभी उत्पीड़ित समुदाय पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अमेरिका से पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं.

पाकिस्तानी दूतावास के सामने हो रहे प्रदर्शन का आयोजन 'बेनकाब पाकिस्तान अभियान समिति' ने किया था जिसमें बलोच राष्ट्रीय आंदोलन, पश्तून तहाफुज आंदोलन- यूएसए, जिय सिंध आजादी आंदोलन, बांग्लादेशी अल्पसंख्यक और कश्मीर/ गिलगिट बाल्टिस्तान के लिए मानवाधिकार कांग्रेस भी हिस्सा हैं.

आयोजकों ने एक बयान में कहा कि 14 अगस्त आजादी का दिन नहीं है बल्कि वह दिन है जब पाकिस्तान ने बलोचिस्तान और गिलगिट बाल्टिस्तान पर कब्जा कर लिया था. यह वह दिन है जब सिंध में सांस्कृतिक नरसंहार और नस्ली इंजीनियरिंग की शुरुआत हुई थी. यह वह दिन है जब पश्तूनों और अफगानों की सांस्कृतिक पहचान को नष्ट करने के लिए उनपर इस्लामी आतंकवाद थोपा गया था.

पढ़ें : तालिबान का जलालाबाद और वार्दक पर भी कब्जा, पूर्वी हिस्से से कटा काबुल

उन्होंने कहा कि यह वह दिन है जब हिंदू नागरिकों ने अपनी धार्मिक स्वतंत्रता एवं जिंदगी का अधिकार खो दिया. साथ ही कहा कि प्रदर्शन का आयोजन पाकिस्तान की क्रूर घरेलू एवं विदेश नीते से सीधे तौर पर प्रभावित लोगों ने किया है. प्रतिभागियों ने कहा कि पाकिस्तान खुले तौर पर तालिबान को आर्थिक मदद दे रहा है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल है.

उन्होंने मांग की कि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस्लामाबाद को हथियारों एवं सैन्य साजोसामान की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. इसके अलावा, हमारी मांग है कि एफएटीएफ पाकिस्तान को काली सूची में डाले.

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) पेरिस स्थित निकाय है जो आतंकवाद को वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए धनशोधन को रोकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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