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अमेरिकी विश्वविद्यालय में होगी जैन धर्म की पढ़ाई, पीठ की स्थापना - american university

अमेरिकी विश्वविद्यालय ने दस लाख डालर का दान मिलने के बाद विश्वविद्यालय परिसर में जैन अध्य्यन पीठ की स्थापना की है. तीन भारतीय अमेरिकी दंपतियों ने इस पीठ की स्थापना के लिए दान दिया था.

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय
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Published : Nov 24, 2020, 4:37 PM IST

वॉशिंगटन : कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने तीन भारतीय-अमेरिकी दंपतियों की ओर से दस लाख डॉलर का दान मिलने के बाद विश्वविद्यालय में जैन अध्ययन की एक पीठ की स्थापना की है.

भगवान विमलनाथ एंडाउड चेयर इन जैन स्ट्डीज यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सांता बारबरा में जैन धर्म पर स्नातक कार्यक्रम विकसित किए जाएंगे और पढ़ाए जाएंगे.

विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि यहां जैन धर्म के सिद्धांत अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकतावाद के बारे में अध्ययन कराया जाएगा तथा आधुनिक समाज में इनके क्रियान्वयन पर ध्यान दिया जाएगा.

वक्तव्य के मुताबिक डॉ. मीरा और डॉ. जसवंत मोदी ने वर्धमान चेरिटेबल फाउंडेशन के जरिए दान दिया. रीता और डॉ. नरेंद्र पारसन ने नरेंद्र एंड रीता पारसन फैमिली ट्रस्ट और रक्षा तथा हर्षद शाह ने शाह फैमिली फाउंडेशन के जरिए दान दिया.

पढ़ें- अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल की घोषणा की

तीनों दंपतियों ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि मानव जाति और सभी रूपों में जीवन की मदद करने तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका अहिंसा के सिद्धांत को बढ़ावा देना तथा सभी मतों के लोगों के प्रति सम्मान दिखाना है.

जैन अध्ययन के लिए एक पीठ का समर्थन करना और उसकी स्थापना करना इस लक्ष्य की प्राप्ति का सबसे अच्छा तरीका है.

वॉशिंगटन : कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने तीन भारतीय-अमेरिकी दंपतियों की ओर से दस लाख डॉलर का दान मिलने के बाद विश्वविद्यालय में जैन अध्ययन की एक पीठ की स्थापना की है.

भगवान विमलनाथ एंडाउड चेयर इन जैन स्ट्डीज यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सांता बारबरा में जैन धर्म पर स्नातक कार्यक्रम विकसित किए जाएंगे और पढ़ाए जाएंगे.

विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि यहां जैन धर्म के सिद्धांत अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकतावाद के बारे में अध्ययन कराया जाएगा तथा आधुनिक समाज में इनके क्रियान्वयन पर ध्यान दिया जाएगा.

वक्तव्य के मुताबिक डॉ. मीरा और डॉ. जसवंत मोदी ने वर्धमान चेरिटेबल फाउंडेशन के जरिए दान दिया. रीता और डॉ. नरेंद्र पारसन ने नरेंद्र एंड रीता पारसन फैमिली ट्रस्ट और रक्षा तथा हर्षद शाह ने शाह फैमिली फाउंडेशन के जरिए दान दिया.

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तीनों दंपतियों ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि मानव जाति और सभी रूपों में जीवन की मदद करने तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका अहिंसा के सिद्धांत को बढ़ावा देना तथा सभी मतों के लोगों के प्रति सम्मान दिखाना है.

जैन अध्ययन के लिए एक पीठ का समर्थन करना और उसकी स्थापना करना इस लक्ष्य की प्राप्ति का सबसे अच्छा तरीका है.

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