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अमेरिकी हिंदू संस्था ने पाक, तुर्की व रूस के संयुक्त रूप से ड्रोन उत्पादन का किया विरोध

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने एक बयान में कांग्रेस सदस्यों की जांच की मांग का समर्थन करते हुए कहा, तुर्की-पाकिस्तान-रूस द्वारा संयुक्त रूप से लड़ाकू मानव रहित वाहन (UAV) उत्पादन करने से दुनिया भर के लोकतंत्रों को चिंतित होना चाहिए. साथ ही कहा, 26-27 जून को कश्मीर में हुए ड्रोन हमलों को उन चुनौतियों की याद दिलानी चाहिए, जिनका सामना अमेरिका का सहयोगी भारत करता है.

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Published : Jul 27, 2021, 3:13 PM IST

अमेरिकन फाउंडेशन
अमेरिकन फाउंडेशन

वॉशिंगटन : अमेरिका (America) में एक हिंदू संगठन (Hindu organization) ने रूस (Russia), पाकिस्तान (Pakistan) और तुर्की (Turkey) द्वारा संयुक्त रूप से ड्रोन उत्पादन के फैसले का विरोध (Opposition to the decision to produce drones) किया है. इसके साथ ही मामले की जांच की अमेरिकी सांसदों की मांग का समर्थन (US lawmakers support the demand) किया है.

पिछले हफ्ते, डेविड सिसिलिन (David Sicilin) और गस बिलिरकिस (Gus Bilirakis) समेत सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Foreign Minister Antony Blinken) से मांग की थी कि कॉकेशिया, दक्षिण एशिया, पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र तथा दुनिया भर के अन्य क्षेत्रों में अंकारा के ड्रोन कार्यक्रमों की अस्थिरकारी भूमिका की आधिकारिक जांच के लंबित रहने तक तुर्की को अमेरिकी ड्रोन प्रौद्योगिकी का निर्यात लाइसेंस निलंबित कर दिया जाए.

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने सोमवार को एक बयान में कांग्रेस सदस्यों की जांच की मांग का समर्थन करते हुए कहा, तुर्की-पाकिस्तान-रूस द्वारा संयुक्त रूप से लड़ाकू मानव रहित वाहन (UAV) उत्पादन करने से दुनिया भर के लोकतंत्रों को चिंतित होना चाहिए. साथ ही कहा, 26-27 जून को कश्मीर में हुए ड्रोन हमलों को उन चुनौतियों की याद दिलानी चाहिए, जिनका सामना अमेरिका का सहयोगी भारत करता है.

पढ़ें- बाइडेन ने इराक में अमेरिकी युद्ध मिशन खत्म करने के समझौते की घोषणा की

एचएएफ के सार्वजनिक नीति के निदेशक तनियल कौशाकजियान ने कहा, उत्तर अफ्रीका, पश्चिम एशिया, दक्षिण कॉकेशिया और दक्षिण एशिया तक तुर्की की तेजी से अस्थिर करने वाली भूमिका अमेरिका, हमारे हितों व हमारे सहयोगियों सहित भारत जैसे रणनीतिक भागीदारों के लिए एक स्पष्ट तथा प्रत्यक्ष खतरा है. उन्होंने कहा कि तुर्की के लड़ाकू यूएवी के साथ-साथ कश्मीर में मौजूदा जिहादी ताकतें भारत के लिए एक वास्तविक खतरा बन सकती हैं.

पिछले हफ्ते, अमेरिकी सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने कहा था, तुर्की ने पोलैंड और पाकिस्तान को ड्रोन बेचने के लिए समझौते किए हैं व रूस सहित पाकिस्तान के साथ सशस्त्र यूएवी तथा ड्रोन विरोधी रक्षा प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन पर चर्चा कर रहा है.

(भाषा)

वॉशिंगटन : अमेरिका (America) में एक हिंदू संगठन (Hindu organization) ने रूस (Russia), पाकिस्तान (Pakistan) और तुर्की (Turkey) द्वारा संयुक्त रूप से ड्रोन उत्पादन के फैसले का विरोध (Opposition to the decision to produce drones) किया है. इसके साथ ही मामले की जांच की अमेरिकी सांसदों की मांग का समर्थन (US lawmakers support the demand) किया है.

पिछले हफ्ते, डेविड सिसिलिन (David Sicilin) और गस बिलिरकिस (Gus Bilirakis) समेत सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Foreign Minister Antony Blinken) से मांग की थी कि कॉकेशिया, दक्षिण एशिया, पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र तथा दुनिया भर के अन्य क्षेत्रों में अंकारा के ड्रोन कार्यक्रमों की अस्थिरकारी भूमिका की आधिकारिक जांच के लंबित रहने तक तुर्की को अमेरिकी ड्रोन प्रौद्योगिकी का निर्यात लाइसेंस निलंबित कर दिया जाए.

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने सोमवार को एक बयान में कांग्रेस सदस्यों की जांच की मांग का समर्थन करते हुए कहा, तुर्की-पाकिस्तान-रूस द्वारा संयुक्त रूप से लड़ाकू मानव रहित वाहन (UAV) उत्पादन करने से दुनिया भर के लोकतंत्रों को चिंतित होना चाहिए. साथ ही कहा, 26-27 जून को कश्मीर में हुए ड्रोन हमलों को उन चुनौतियों की याद दिलानी चाहिए, जिनका सामना अमेरिका का सहयोगी भारत करता है.

पढ़ें- बाइडेन ने इराक में अमेरिकी युद्ध मिशन खत्म करने के समझौते की घोषणा की

एचएएफ के सार्वजनिक नीति के निदेशक तनियल कौशाकजियान ने कहा, उत्तर अफ्रीका, पश्चिम एशिया, दक्षिण कॉकेशिया और दक्षिण एशिया तक तुर्की की तेजी से अस्थिर करने वाली भूमिका अमेरिका, हमारे हितों व हमारे सहयोगियों सहित भारत जैसे रणनीतिक भागीदारों के लिए एक स्पष्ट तथा प्रत्यक्ष खतरा है. उन्होंने कहा कि तुर्की के लड़ाकू यूएवी के साथ-साथ कश्मीर में मौजूदा जिहादी ताकतें भारत के लिए एक वास्तविक खतरा बन सकती हैं.

पिछले हफ्ते, अमेरिकी सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने कहा था, तुर्की ने पोलैंड और पाकिस्तान को ड्रोन बेचने के लिए समझौते किए हैं व रूस सहित पाकिस्तान के साथ सशस्त्र यूएवी तथा ड्रोन विरोधी रक्षा प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन पर चर्चा कर रहा है.

(भाषा)

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