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अमेरिका ने संबंधित पक्षों से एलओसी पर शांति, स्थिरता बनाए रखने की अपील की - line of control

अमेरिका अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर की घटनाओं पर पैनी नजर देख रहा है. और कहा कि जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेश मामले को हमने संज्ञान में लिया है. पढ़ें क्या है 370 को लेकर क्या है अमेरिका की राय

कश्मीर में तैनात जवान
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Published : Aug 6, 2019, 10:51 AM IST

वॉशिंगटनः अमेरिका ने 5 अगस्त को कहा कि वह भारतीय संविधान से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है. साथ ही उसने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की.

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डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना से कहा, हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं.

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हम जम्मू-कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं. हमने जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में बदलाव की भारत की घोषणा और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की योजना को संज्ञान में लिया है.

पढ़ेंः आज लोकसभा में पेश होगा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल

उन्होंने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई को पूरी तरह से आंतरिक मामला बताया है.

हालांकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई.

प्रवक्ता ने कहा, हम हिरासत (जम्मू कश्मीर में) की खबरों पर चिंतित हैं और लोगों के अधिकारों के सम्मान तथा प्रभावित समुदायों से चर्चा की अपील करते हैं.

गौरलतब है कि भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव रखा.

इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान विदेश कार्यालय (एफओ) ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित क्षेत्र माना गया है.

वॉशिंगटनः अमेरिका ने 5 अगस्त को कहा कि वह भारतीय संविधान से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है. साथ ही उसने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की.

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डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना से कहा, हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं.

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हम जम्मू-कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं. हमने जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में बदलाव की भारत की घोषणा और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की योजना को संज्ञान में लिया है.

पढ़ेंः आज लोकसभा में पेश होगा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल

उन्होंने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई को पूरी तरह से आंतरिक मामला बताया है.

हालांकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई.

प्रवक्ता ने कहा, हम हिरासत (जम्मू कश्मीर में) की खबरों पर चिंतित हैं और लोगों के अधिकारों के सम्मान तथा प्रभावित समुदायों से चर्चा की अपील करते हैं.

गौरलतब है कि भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव रखा.

इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान विदेश कार्यालय (एफओ) ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित क्षेत्र माना गया है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 9:23 HRS IST




             
  • अमेरिका ने संबंधित पक्षों से एलओसी पर शांति, स्थिरता बनाए रखने की अपील की



(ललित के झा)



वॉशिंगटन, छह अगस्त (भाषा) अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारतीय संविधान से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। साथ ही उसने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की।



अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं।’’



जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम जम्मू-कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमने जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में तब्दीली की भारत की घोषणा और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने की योजना को संज्ञान में लिया है।’’



उन्होंने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई को ‘‘पूरी तरह से आंतरिक मामला’’ बताया है।



हालांकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई।



प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हम हिरासत (जम्मू कश्मीर में) की खबरों पर चिंतित हैं और लोगों के अधिकारों के सम्मान तथा प्रभावित समुदायों से चर्चा की अपील करते हैं।’’



गौरलतब है कि भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव रखा।



इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान विदेश कार्यालय (एफओ) ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित क्षेत्र माना गया है।

 


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