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जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे का 95 साल की उम्र में निधन

जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का शुक्रवार को निधन हो गया है. वह 95 साल के थे. देश के मौजूदा राष्ट्रपति एमर्सन म्नान्गवा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने 37 सालों तक जिम्बाब्वे का नेतृत्व किया.

जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे
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Published : Sep 6, 2019, 7:25 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 4:29 PM IST

हरारे: जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. मुगाबे लंबे समय से बिमार चल रहे थे और सिंगापुर के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.

मुगाबे के निधन की जानकारी जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन नांगाग्वा ने शुक्रवार को ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा, ‘मैं बहुत दुख के साथ यह घोषणा कर रहा हूं कि जिम्बाब्वे के जनक एवं पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का निधन हो गया है.'

उन्होंने कहा कि मुगाबे ,‘आजादी का प्रतीक थे. वह एक ऐसे अफ्रीकी नेता थे, जिन्होंने अपने लोगों की आजादी और सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. हमारे देश और उपमहाद्वीप के इतिहास में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.’

बढ़ते उग्रवाद और आर्थिक प्रतिबंधों के कारण रोडेशिया सरकार के वार्ता की मेज पर आने के लिए मजबूर होने के बाद 1980 के चुनावों में मुगाबे सत्ता में आए थे.

पढ़ें-अमेजन के जंगलों में भीषण आग, चिंता में डूबी दुनिया

मुगाबे 1980 से 1987 तक देश के प्रधानमंत्री और 1987 से 2017 तक राष्ट्रपति रहे. उन्होंने 37 सालों तक जिम्बाब्वे का नेतृत्व किया बाद में सैन्य तख्तापलट के कारण उन्हें 2017 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. 1980 से लेकर 2017 तक मुगाबे के शासनकाल को कठोर दौर माना जाता है.

मुगाबे ने जिम्बाब्वे की आर्थिक समस्याओं के लिए पश्चिमी प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया था.

हरारे: जिम्बाब्वे के पूर्व राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. मुगाबे लंबे समय से बिमार चल रहे थे और सिंगापुर के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.

मुगाबे के निधन की जानकारी जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन नांगाग्वा ने शुक्रवार को ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा, ‘मैं बहुत दुख के साथ यह घोषणा कर रहा हूं कि जिम्बाब्वे के जनक एवं पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का निधन हो गया है.'

उन्होंने कहा कि मुगाबे ,‘आजादी का प्रतीक थे. वह एक ऐसे अफ्रीकी नेता थे, जिन्होंने अपने लोगों की आजादी और सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. हमारे देश और उपमहाद्वीप के इतिहास में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.’

बढ़ते उग्रवाद और आर्थिक प्रतिबंधों के कारण रोडेशिया सरकार के वार्ता की मेज पर आने के लिए मजबूर होने के बाद 1980 के चुनावों में मुगाबे सत्ता में आए थे.

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मुगाबे 1980 से 1987 तक देश के प्रधानमंत्री और 1987 से 2017 तक राष्ट्रपति रहे. उन्होंने 37 सालों तक जिम्बाब्वे का नेतृत्व किया बाद में सैन्य तख्तापलट के कारण उन्हें 2017 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. 1980 से लेकर 2017 तक मुगाबे के शासनकाल को कठोर दौर माना जाता है.

मुगाबे ने जिम्बाब्वे की आर्थिक समस्याओं के लिए पश्चिमी प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया था.

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ZIMBABWE-2NDLD MUGABE
Zimbabwe ex-president Mugabe dies aged 95
         Harare, Sept 6 (AFP) Robert Mugabe, who led Zimbabwe with an iron fist from 1980 to 2017, has died aged 95, the country's president announced Friday.
         First heralded as a liberator who rid the former British colony of Rhodesia of white minority rule, Mugabe used repression and fear to hold on to power in Zimbabwe until he was finally ousted by his previously loyal military generals.
         "It is with the utmost sadness that I announce the passing on of Zimbabwe's founding father and former President... Robert Mugabe," Emmerson Mnangagwa said in a tweet.
         "Mugabe was an icon of liberation, a pan-Africanist who dedicated his life to the emancipation and empowerment of his people. His contribution to the history of our nation and continent will never be forgotten."
         Mugabe had been battling ill health, and his humiliating fall from office in November 2017, his stamina seeped away rapidly. He was hospitalised in Singapore for months for an undisclosed ailment, Mnangagwa had confirmed earlier this year.
         No further details were immediately available about the circumstances of his death, or where he died.
         The Mugabe years are widely remembered for his crushing of political dissent, and policies that ruined the economy.
         The former political prisoner turned guerrilla leader swept to power in the 1980 elections after a growing insurgency and economic sanctions forced the Rhodesian government to the negotiating table.
         In office, he initially won international plaudits for his declared policy of racial reconciliation and for extending improved education and health services to the black majority.
         But that faded as rapidly as he cracked down on opponents, including a campaign known as Gukurahundi that killed an estimated 20,000 dissidents.
         The violent seizure of white-owned farms turned Mugabe into an international pariah -- though his status as a liberation hero still resonates strongly in most of Africa.
         Aimed largely at placating angry war veterans who threatened to destabilise his rule, the land reform policy wrecked the crucial agricultural sector, caused foreign investors to flee and helped plunge the country into economic misery.
         All along, the Mugabe regime was widely accused of human rights violations and of rigging elections.
         The topic of his succession was virtually taboo during Mugabe's decades-long rule, and a vicious struggle to take over after his death became clear among the ruling elite as he reached his 90s and became visibly frail. (AFP)
SCY
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Last Updated : Sep 29, 2019, 4:29 PM IST
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