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रूढ़िवादी सोमालिया में राष्ट्रपति चुनाव में महिला उम्मीदवार - विदेश मंत्री एवं उपप्रधान

सोमालिया में प्रथम विदेश मंत्री एवं उपप्रधानमंत्री के रूप में पुरूष प्रधान समाज की बेड़ियां तोड़ने वाली महिला की नजर अब देश में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रपति चुनाव में शीर्ष पद पर है.

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Published : Sep 12, 2021, 8:10 PM IST

मोगादिशु : सांस्कृतिक रूप से रूढ़िवादी देश सोमालिया में प्रथम विदेश मंत्री एवं उपप्रधानमंत्री के रूप में पुरूष प्रधान समाज की बेड़ियां तोड़ने वाली महिला की नजर अब देश में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रपति चुनाव में शीर्ष पद पर है.

सांसद फावजिया युसूफ एच एडम एक ऐसे देश में चुनाव जीतने की चुनौतियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां अक्सर महिलाएं हाशिये पर रही हैं. समाचार एजेंसी एपी से एक साक्षात्कार में उन्होंने विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने में किये गये संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा, 'वे (पुरूष कर्मचारी) मेरे साथ सहयोग करने को अनिच्छुक थे क्योंकि मैं एक महिला हूं. '

तीन दशक बाद देश के पुनर्निर्माण के वास्ते विदशों से बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा हासिल कर महिलाएं लौटी हैं लेकिन इस चुनाव में एडम की जीत को लेकर उनमें से ज्यादातर के मन में संदेह है . एडम के मित्रों और सहयोगियों को भी लगता है कि महिला होने के नाते उनकी जीत तकीबन नामुमकीन है.

मोगादिशु मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टर अब्दिवाहिद मोहम्मद ने कहा, ' वह अच्छी है लेकिन दुर्भाग्य से वह महिला हैं.'

पढ़ें - कोविड-19: बांग्लादेश में 543 दिन बाद खुले स्कूल

तीन बच्चों की मां, विधवा एवं मृदुभाषी एडम ने कहा कि उनका विश्वास है कि राष्ट्रपति पद के लिए उनका चुनाव लड़ना व्यर्थ नहीं, बल्कि सार्थक है.

मोगादिशु : सांस्कृतिक रूप से रूढ़िवादी देश सोमालिया में प्रथम विदेश मंत्री एवं उपप्रधानमंत्री के रूप में पुरूष प्रधान समाज की बेड़ियां तोड़ने वाली महिला की नजर अब देश में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रपति चुनाव में शीर्ष पद पर है.

सांसद फावजिया युसूफ एच एडम एक ऐसे देश में चुनाव जीतने की चुनौतियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां अक्सर महिलाएं हाशिये पर रही हैं. समाचार एजेंसी एपी से एक साक्षात्कार में उन्होंने विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने में किये गये संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा, 'वे (पुरूष कर्मचारी) मेरे साथ सहयोग करने को अनिच्छुक थे क्योंकि मैं एक महिला हूं. '

तीन दशक बाद देश के पुनर्निर्माण के वास्ते विदशों से बड़ी संख्या में उच्च शिक्षा हासिल कर महिलाएं लौटी हैं लेकिन इस चुनाव में एडम की जीत को लेकर उनमें से ज्यादातर के मन में संदेह है . एडम के मित्रों और सहयोगियों को भी लगता है कि महिला होने के नाते उनकी जीत तकीबन नामुमकीन है.

मोगादिशु मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टर अब्दिवाहिद मोहम्मद ने कहा, ' वह अच्छी है लेकिन दुर्भाग्य से वह महिला हैं.'

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तीन बच्चों की मां, विधवा एवं मृदुभाषी एडम ने कहा कि उनका विश्वास है कि राष्ट्रपति पद के लिए उनका चुनाव लड़ना व्यर्थ नहीं, बल्कि सार्थक है.

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