जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका ने अपने स्वास्थ्य कर्मियों को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका देने पर रोक लगा दी है.
यह निर्णय एक नैदानिक परीक्षण के नतीजे आने के बाद लिया गया, जिसमें पाया गया कि टीका कोरोना वायरस के नए स्वरूप से उपजी बीमारी पर प्रभावी नहीं है.
दक्षिण अफ्रीका को एस्ट्राजेनेका टीके की पहली दस लाख खुराक पिछले सप्ताह प्राप्त हुई थी और फरवरी के मध्य से स्वास्थ्य कर्मियों को टीका देने की योजना थी.
शुरुआती नतीजों में सामने आया है कि एस्ट्राजेनेका का टीका प्रभावी नहीं है.
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एक छोटे अध्ययन से प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक एस्ट्राजेनेका का टीका, दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के नए प्रकार से उपजी कम तीव्रता की बीमारी से केवल न्यूनतम स्तर की सुरक्षा देता है.
स्वास्थ्य मंत्री ज्वेली मखिजे ने रविवार रात को कहा कि वायरस का यह प्रकार अधिक संक्रामक है और इससे देश में महामारी के प्रकोप में वृद्धि हो रही है.
उन्होंने कहा कि वायरस का यह प्रकार, संक्रमण के 90 प्रतिशत मामलों में सामने आया है.
मखिजे ने कहा, 'एस्ट्राजेनेका टीका, मौलिक वायरस के खिलाफ असरदार था लेकिन यह नए स्वरूप के लिए प्रभावी नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'हमने टीकाकरण को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया है. इस पर और काम किये जाने की आवश्यकता है.'
ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका टीके के प्रमुख अनुसंधानकर्ता ने रविवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका में पाए गए वायरस के नए स्वरूप के लिए संशोधित टीका सितंबर के आसपास आने की उम्मीद है.
ऑक्सफोर्ड के अनुसंधानकर्ता दल की प्रमुख सराह गिल्बर्ट ने रविवार को बीबीसी से कहा, 'हमें उम्मीद है कि टीके का नया प्रकार सितंबर तक तैयार हो जाएगा.'