बांजुलः गाम्बिया की संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारत और अफ्रीका को प्राकृतिक सहयोगी बुलाते हुए कहा कि, पिछले पांच वर्षों में संसाधन संपन्न महाद्वीपों के साथ भारत के राजनीतिक जुड़ाव में 'अभूतपूर्व परिवर्तन' हुआ है.
जानकारी के लिए बता दें गाम्बिया से पहले राष्ट्रपति कोविंद बेनिन गए थे और गाम्बिया से गिनी गणराज्य की यात्रा पर जाएंगे.
गौरतलब है कि किसी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा इन पश्चिम अफ्रीकी देशों की यह पहली यात्रा है.
इन देशों में भारत का अपना दूतावास नहीं है. हालांकि, भारत देश ने अफ्रीका में 18 नए दूतावास बनाने का फैसला लिया है, जिनमें से सात पश्चिम अफ्रीका में होंगे.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, भारत और अफ्रीका प्राकृतिक साझेदार हैं. 2015 में भारत में आयोजित तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में हमने 41 राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों का स्वागत करके खुद को सम्मानित महसूस किया. यह हमारा सौभाग्य था कि 2017 में अफ्रीकी विकास बैंक की वार्षिक बैठक को पहली बार हमने आयोजित किया था.
राष्ट्रपति कोविंद कहते हैं कि भारत और अफ्रीका विकास की समान चुनौतियों को साझा करते हैं. दोनों ही समान जरुरतों से प्रेरित हैं. अफ्रीका की आर्थिक स्तिथी और भारत का विकास एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं.
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आपको बता दें दक्षिण एशिया के बाद, अफ्रीकी महाद्वीप भारतीय विदेशी सहायता का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है.
उन्होंने कहा कि भारत की परियोजनाओं से अफ्रीकी महाद्वीप के लोगों के जीवन की गुणवत्ता पर बहुत फर्क पड़ा है.
राष्ट्रपति कहते हैं, 'अफ्रीका और भारत एक साथ एक तिहाई मानवता का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम वैश्विक स्तर पर युवाओं का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. दुनिया जलवायु परिवर्तन, शांति और सुरक्षा और वैश्विक शासन के सार्थक समाधान खोज रही है, उनकी आवाज को सुना जाना चाहिए. भारत-अफ्रीका की कहानी अभूतपूर्व उपलब्धियों मे से एक है.'
आपको बता दें कि गाम्बिया की नेशनल असेंबली की इमारत भारत द्वारा वित्तीय सहायता से बनाई गई है.
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत गाम्बिया की क्षमता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. इससे देश का विकास हो सकेगा और लोकतंत्र स्थापित किया जा सकेगा.
भारत ने गाम्बिया में ग्रामीण विकास, कृषि, पेयजल, स्वास्थ्य सेवा और भौतिक बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए 78.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता कर चुका है. इसमें 92 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी की गई है.