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माली : विद्रोही सैनिकों की तख्ता पलट की कोशिश, राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा

पश्चिम अफ्रीकी देश माली में तख्ता पलट की आशंका के बीच राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और संसद भंग कर दी. बता दें, कई मंत्रियों, नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी विद्रोही सैनिकों ने बंधक बना रखा है. पढ़ें क्या है पूरा मामला...

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पश्चिम अफ्रीकी देश माली
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Published : Aug 19, 2020, 6:40 AM IST

Updated : Aug 19, 2020, 8:40 AM IST

बमाको : पश्चिमी अफ्रीकी देश माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता के पद से हटने की मांग को लेकर कई महीने तक प्रदर्शन चलने के बाद विद्रोही सैनिकों ने बीते मंगलवार को उनके आवास का घेराव किया और तख्तापल्ट की संभावित कोशिश के तहत हवा में गोलीबारी करते हुए उन्हें और प्रधानमंत्री बौबोऊ सिस्से को बंधक बना लिया. ताजा जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और संसद भंग कर दी गई.

बमाको की सड़कों पर सैनिक मुक्त होकर घूमे जिससे ये और स्पष्ट हो गया कि, राजधानी शहर पर उनका नियंत्रण हो गया है. वैसे सैनिकों की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है. इस संबंध में एक क्षेत्रीय अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को बीते मंगलवार शाम बंधक बना लिया गया.

बताया जा रहा है कि, माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और जिसके बाद संसद भंग कर सैनिकों ने माली के राष्ट्रपति को बंदूक की नोक पर हिरासत में ले लिया.

माली में राजनीतिक संकट अचानक से बढ़ गया, जहां संयुक्त राष्ट्र और पूर्व उपनिवेश फ्रांस ने देश में स्थिरता का माहौल बनाने के प्रयास में सात साल से अधिक का समय बिताया है. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सैनिकों के कार्यों की सराहना की. कुछ ने एक इमारत में आग लगा दी, जो माली के न्याय मंत्री से संबंधित है.

सैनिकों से अपने हथियार डालने का किया आग्रह
प्रधानमंत्री बौबोऊ सिस्से ने सैनिकों से अपने हथियार डालने का आग्रह किया और उनसे सबसे पहले देश के हित में सोचने की अपील की. उन्होंने कहा कि, 'ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान बातचीत के जरिए नहीं किया जा सकता है.' इससे पूर्व दिन में सशस्त्र लोगों ने देश के वित्त मंत्री अब्दुलाय दफे समेत अधिकारियों को हिरासत में ले लिया और इसके बाद सरकारी कर्मी अपने कार्यालयों से भाग गए.

पश्चिमी सहयोगियों से व्यापक समर्थन प्राप्त
माली के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि, 'अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, इसे लेकर अभी संशय की स्थिति है.' माली के राष्ट्रपति को लोकतांत्रिक रूप से चुना गया था और उन्हें पूर्व उपनिवेशवादी फ्रांस और अन्य पश्चिमी सहयोगियों से व्यापक समर्थन प्राप्त है.

पढ़ें: ट्रंप अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरा, अर्थव्यवस्था भी दांव पर : बर्नी सैंडर्स

माली में बिगड़ती स्थिति को लेकर चिंतित अमेरिका
इस बीच, अमेरिका ने कहा है कि, वे माली में बिगड़ती स्थिति को लेकर चिंतित है. अमेरिकी विदेश विभाग के विशेष दूत जे पीटर फाम ने ट्वीट किया कि, 'अमेरिका सरकार सभी असंवैधानिक परिवर्तनों के विरोध में है चाहे वे सड़कों पर हो या सुरक्षा बलों द्वारा.'

बमाको : पश्चिमी अफ्रीकी देश माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता के पद से हटने की मांग को लेकर कई महीने तक प्रदर्शन चलने के बाद विद्रोही सैनिकों ने बीते मंगलवार को उनके आवास का घेराव किया और तख्तापल्ट की संभावित कोशिश के तहत हवा में गोलीबारी करते हुए उन्हें और प्रधानमंत्री बौबोऊ सिस्से को बंधक बना लिया. ताजा जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और संसद भंग कर दी गई.

बमाको की सड़कों पर सैनिक मुक्त होकर घूमे जिससे ये और स्पष्ट हो गया कि, राजधानी शहर पर उनका नियंत्रण हो गया है. वैसे सैनिकों की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है. इस संबंध में एक क्षेत्रीय अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को बीते मंगलवार शाम बंधक बना लिया गया.

बताया जा रहा है कि, माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और जिसके बाद संसद भंग कर सैनिकों ने माली के राष्ट्रपति को बंदूक की नोक पर हिरासत में ले लिया.

माली में राजनीतिक संकट अचानक से बढ़ गया, जहां संयुक्त राष्ट्र और पूर्व उपनिवेश फ्रांस ने देश में स्थिरता का माहौल बनाने के प्रयास में सात साल से अधिक का समय बिताया है. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सैनिकों के कार्यों की सराहना की. कुछ ने एक इमारत में आग लगा दी, जो माली के न्याय मंत्री से संबंधित है.

सैनिकों से अपने हथियार डालने का किया आग्रह
प्रधानमंत्री बौबोऊ सिस्से ने सैनिकों से अपने हथियार डालने का आग्रह किया और उनसे सबसे पहले देश के हित में सोचने की अपील की. उन्होंने कहा कि, 'ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान बातचीत के जरिए नहीं किया जा सकता है.' इससे पूर्व दिन में सशस्त्र लोगों ने देश के वित्त मंत्री अब्दुलाय दफे समेत अधिकारियों को हिरासत में ले लिया और इसके बाद सरकारी कर्मी अपने कार्यालयों से भाग गए.

पश्चिमी सहयोगियों से व्यापक समर्थन प्राप्त
माली के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि, 'अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, इसे लेकर अभी संशय की स्थिति है.' माली के राष्ट्रपति को लोकतांत्रिक रूप से चुना गया था और उन्हें पूर्व उपनिवेशवादी फ्रांस और अन्य पश्चिमी सहयोगियों से व्यापक समर्थन प्राप्त है.

पढ़ें: ट्रंप अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरा, अर्थव्यवस्था भी दांव पर : बर्नी सैंडर्स

माली में बिगड़ती स्थिति को लेकर चिंतित अमेरिका
इस बीच, अमेरिका ने कहा है कि, वे माली में बिगड़ती स्थिति को लेकर चिंतित है. अमेरिकी विदेश विभाग के विशेष दूत जे पीटर फाम ने ट्वीट किया कि, 'अमेरिका सरकार सभी असंवैधानिक परिवर्तनों के विरोध में है चाहे वे सड़कों पर हो या सुरक्षा बलों द्वारा.'

Last Updated : Aug 19, 2020, 8:40 AM IST
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