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पश्चिम अफ्रीका के नेताओं ने तख्तापलट के कारण माली को क्षेत्रीय गुट से निलंबित किया - Mali

घाना की विदेश मंत्री शर्ली अयकोर बॉटच्वे ने कहा कि पश्चिम अफ्रीकी देशों का आर्थिक समुदाय (ईसीओडब्ल्यूएएस) 'उस देश (माली) में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण पैदा हुई असुरक्षा के कारण पश्चिम अफ्रीका की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित है.'

पश्चिम अफ्रीका
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Published : May 31, 2021, 4:47 PM IST

अक्करा : पश्चिम अफ्रीका के नेताओं ने माली में पिछले सप्ताह हुए तख्तापलट के मद्देनजर देश को अपने क्षेत्रीय गुट से रविवार को निलंबित कर दिया. घाना की विदेश मंत्री ने माली में राजनीतिक संकट पर हुई एक आपात बैठक के बाद यह जानकारी.

घाना की विदेश मंत्री शर्ली अयकोर बॉटच्वे ने कहा कि पश्चिम अफ्रीकी देशों का आर्थिक समुदाय (ईसीओडब्ल्यूएएस) 'उस देश (माली) में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण पैदा हुई असुरक्षा के कारण पश्चिम अफ्रीका की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित है.'

ये भी पढे़ं : पाकिस्तान : नदी में गिरा यात्रियों से भरा वाहन, नौ लोगों की मौत

शिखर सम्मेलन के अंत में ईसीओडब्ल्यूएएस के राष्ट्राध्यक्षों ने मांग की कि माली प्राधिकारी अंतरिम राष्ट्रपति बाह नदाव और प्रधानमंत्री मैक्टर ओउने को तत्काल रिहा करें, जिन्हें नजरबंद रखा गया है.

नेताओं ने अपने बयान में माली में सेना द्वारा की गई गिरफ्तारियों की निंदा की. उन्होंने कहा कि सेना ने मध्यस्थता के कदमों को लेकर पिछले सितंबर में बनी सहमति का उल्लंघन किया है.

ईसीओडब्ल्यूएएस ने तत्काल नया असैन्य प्रधानमंत्री चुने जाने, एक नई समावेशी सरकार गठित किए जाने और फरवरी 2022 में चुनाव के लिए सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की और कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र बनाया जाएगा.

बयान में कहा गया कि अंतरिम सरकार के प्रमुख, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 27 फरवरी को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में उम्मीदवार नहीं बनाया जाना चाहिए.

ये भी पढे़ं : चीन ने बदली फैमली प्लानिंग पॉलिसी, तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति

ईसीओडब्ल्यूएएस ने अफ्रीकी संघ, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ सहित सभी अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से माली में सत्ता हस्तांतरण के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन का समर्थन जारी रखने की अपील की.

बयान के अनुसार, राष्ट्राध्यक्षों ने माली में कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच पैदा हुए संकट पर चिंता जताई.

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पदच्युत करने के बाद कर्नल असिमी गोइता का फिर से देश की सत्ता पर कब्जा हो गया है. गोइता ने वर्ष 2020 में माली में हुए तख्ता पलट का नेतृत्व किया था और वह पिछले साल सितंबर से ही देश के उप राष्ट्रपति पद पर काबिज थे.

(पीटीआई-भाषा)

अक्करा : पश्चिम अफ्रीका के नेताओं ने माली में पिछले सप्ताह हुए तख्तापलट के मद्देनजर देश को अपने क्षेत्रीय गुट से रविवार को निलंबित कर दिया. घाना की विदेश मंत्री ने माली में राजनीतिक संकट पर हुई एक आपात बैठक के बाद यह जानकारी.

घाना की विदेश मंत्री शर्ली अयकोर बॉटच्वे ने कहा कि पश्चिम अफ्रीकी देशों का आर्थिक समुदाय (ईसीओडब्ल्यूएएस) 'उस देश (माली) में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण पैदा हुई असुरक्षा के कारण पश्चिम अफ्रीका की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित है.'

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शिखर सम्मेलन के अंत में ईसीओडब्ल्यूएएस के राष्ट्राध्यक्षों ने मांग की कि माली प्राधिकारी अंतरिम राष्ट्रपति बाह नदाव और प्रधानमंत्री मैक्टर ओउने को तत्काल रिहा करें, जिन्हें नजरबंद रखा गया है.

नेताओं ने अपने बयान में माली में सेना द्वारा की गई गिरफ्तारियों की निंदा की. उन्होंने कहा कि सेना ने मध्यस्थता के कदमों को लेकर पिछले सितंबर में बनी सहमति का उल्लंघन किया है.

ईसीओडब्ल्यूएएस ने तत्काल नया असैन्य प्रधानमंत्री चुने जाने, एक नई समावेशी सरकार गठित किए जाने और फरवरी 2022 में चुनाव के लिए सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की और कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र बनाया जाएगा.

बयान में कहा गया कि अंतरिम सरकार के प्रमुख, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 27 फरवरी को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में उम्मीदवार नहीं बनाया जाना चाहिए.

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ईसीओडब्ल्यूएएस ने अफ्रीकी संघ, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ सहित सभी अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से माली में सत्ता हस्तांतरण के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन का समर्थन जारी रखने की अपील की.

बयान के अनुसार, राष्ट्राध्यक्षों ने माली में कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच पैदा हुए संकट पर चिंता जताई.

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पदच्युत करने के बाद कर्नल असिमी गोइता का फिर से देश की सत्ता पर कब्जा हो गया है. गोइता ने वर्ष 2020 में माली में हुए तख्ता पलट का नेतृत्व किया था और वह पिछले साल सितंबर से ही देश के उप राष्ट्रपति पद पर काबिज थे.

(पीटीआई-भाषा)

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