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Libya presidential election : संसदीय समिति ने किया सरेंडर, कहा- राष्ट्रपति चुनाव 'असंभव' - military commander Khalifa Hifter

उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया में राष्ट्रपति चुनाव (libya presidential election) पर आशंकाओं के बादल मंडरा रहे हैं. देश की संसद ने कहा है कि लीबिया में राष्ट्रपति चुनाव कराना 'असंभव' (libya presidential vote impossible) है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के बाद लीबिया में दिसंबर में चुनाव आयोजित कराए जाने की संभावना थी. चुनाव आयोग ने 24 जनवरी को चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन चुनाव स्थगित या रिशेड्यूल किए जाने के संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. जानिए क्या है पूरा मामला

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Published : Dec 23, 2021, 2:12 AM IST

Updated : Dec 23, 2021, 6:49 AM IST

काहिरा : लीबिया में राष्ट्रपति चुनाव (libya presidential election) कराना 'असंभव' हो गया है. एक संसदीय समिति ने कहा है कि निर्धारित समय के अनुसार लीबिया में दो दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना असंभव (libya presidential vote impossible) है. समिति के इस बयान से तेल संपन्न देश लीबिया में एक दशक से चली आ रही अराजकता को खत्म करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को एक बड़ा झटका लगा है.

बुधवार को संसद अध्यक्ष अगुइला सालेह (libya Parliament Speaker Aguila Saleh) को लिखे एक पत्र में, संसदीय समिति के प्रमुख अल-हादी अल-सघीर (al-Hadi al-Sagheir) ने कहा कि '24 दिसंबर को निर्धारित चुनाव कराना असंभव है.'

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या मतदान के लिए एक नई तारीख निर्धारित की गई है या इसे पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है. यह पहला आधिकारिक बयान है कि मतदान शुक्रवार को नहीं होगा. लीबिया में लगातार बढ़ती चुनौतियों और चुनाव में देरी के बावजूद व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही थी कि राष्ट्रपति चुनाव दिसंबर में संपन्न करा लिए जाएंगे.

जनता से सड़क पर आने की अपील

लीबिया के निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर के लिए 24 जनवरी का प्रस्ताव (libya presidential election January 24) दिया है. आयोग ने संसद से चुनावी प्रक्रिया के रास्ते में आ रही चुनौतियों का समाधान करने का आह्वान भी किया है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के बीच लीबिया के कई सांसद लामबंद हो गए हैं. इन सांसदों ने नागरिकों से चुनाव नहीं कराने के विरोध में सड़कों पर उतरने की अपील की है.

ऐसे बंट गया लीबिया

गद्दाफी के बाद तेल सम्पन्न राष्ट्र के रूप में पहचान रखने वाले लीबिया के पूर्वी क्षेत्र में सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्टर (military commander Khalifa Hifter) का शासन कायम हुआ. दूसरी ओर पश्चिमी इलाके में स्थित लीबिया की राजधानी त्रिपोली में संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रशासन प्रभावी हुआ था. दो क्षेत्र और प्रशासन के रूप में विभाजित होने के बाद प्रत्येक पक्ष को विभिन्न मिलीशिया और विदेशी ताकतों का समर्थन मिला.

यह भी पढ़ें- Libya presidential election : गद्दाफी के बेटे को अदालत से मिली चुनाव लड़ने की मंजूरी

गौरतलब है कि 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह में तानाशाह मोअम्मर गद्दाफी (dictator Moammar Gadhafi) को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसके बाद लीबिया में उथल-पुथल मच गई थी. बाद में गद्दाफी मारा गया था.

(पीटीआई-भाषा)

काहिरा : लीबिया में राष्ट्रपति चुनाव (libya presidential election) कराना 'असंभव' हो गया है. एक संसदीय समिति ने कहा है कि निर्धारित समय के अनुसार लीबिया में दो दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना असंभव (libya presidential vote impossible) है. समिति के इस बयान से तेल संपन्न देश लीबिया में एक दशक से चली आ रही अराजकता को खत्म करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को एक बड़ा झटका लगा है.

बुधवार को संसद अध्यक्ष अगुइला सालेह (libya Parliament Speaker Aguila Saleh) को लिखे एक पत्र में, संसदीय समिति के प्रमुख अल-हादी अल-सघीर (al-Hadi al-Sagheir) ने कहा कि '24 दिसंबर को निर्धारित चुनाव कराना असंभव है.'

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या मतदान के लिए एक नई तारीख निर्धारित की गई है या इसे पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है. यह पहला आधिकारिक बयान है कि मतदान शुक्रवार को नहीं होगा. लीबिया में लगातार बढ़ती चुनौतियों और चुनाव में देरी के बावजूद व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही थी कि राष्ट्रपति चुनाव दिसंबर में संपन्न करा लिए जाएंगे.

जनता से सड़क पर आने की अपील

लीबिया के निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर के लिए 24 जनवरी का प्रस्ताव (libya presidential election January 24) दिया है. आयोग ने संसद से चुनावी प्रक्रिया के रास्ते में आ रही चुनौतियों का समाधान करने का आह्वान भी किया है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के बीच लीबिया के कई सांसद लामबंद हो गए हैं. इन सांसदों ने नागरिकों से चुनाव नहीं कराने के विरोध में सड़कों पर उतरने की अपील की है.

ऐसे बंट गया लीबिया

गद्दाफी के बाद तेल सम्पन्न राष्ट्र के रूप में पहचान रखने वाले लीबिया के पूर्वी क्षेत्र में सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्टर (military commander Khalifa Hifter) का शासन कायम हुआ. दूसरी ओर पश्चिमी इलाके में स्थित लीबिया की राजधानी त्रिपोली में संयुक्त राष्ट्र समर्थित प्रशासन प्रभावी हुआ था. दो क्षेत्र और प्रशासन के रूप में विभाजित होने के बाद प्रत्येक पक्ष को विभिन्न मिलीशिया और विदेशी ताकतों का समर्थन मिला.

यह भी पढ़ें- Libya presidential election : गद्दाफी के बेटे को अदालत से मिली चुनाव लड़ने की मंजूरी

गौरतलब है कि 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह में तानाशाह मोअम्मर गद्दाफी (dictator Moammar Gadhafi) को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिसके बाद लीबिया में उथल-पुथल मच गई थी. बाद में गद्दाफी मारा गया था.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Dec 23, 2021, 6:49 AM IST
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