हरारे: जिम्बाव्बे में शनिवार को पूर्व नेता रॉबर्ट मुगाबे का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया और अफ्रीकी नेताओं ने श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें 'मुक्ति नायक' बताया. वैसे उनका 37 साल का शासन दमन और आर्थिक उथलपुथल को लेकर विशेष रूप से जाना जाता है.
मुगाबे की पिछले हफ्ते 95 साल की उम्र में सिंगापुर में मृत्यु हो गयी थी, जहां वह इलाज के लिए गए थे. उनका देश दशकों के संकट के बाद उच्च मुद्रास्फीति और संसाधनों की कमी से जूझ रहा है.
करीब दो साल पहले सेना के पूर्व निष्ठावानों ने उन्हें सत्ता से हटने के लिए बाध्य किया था. ऐसी धारणा बन गई थी कि वह अपनी पत्नी ग्रैस को अपना उत्तराधिकारी बनाने की कोशिश में हैं, जिसके बाद सत्तासंघर्ष और तख्तपलट हुआ था.
दक्षिण अफ्रीका के सीरिल रामफोसा और केन्या के उहुरू केन्याटा समेत अफ्रीका के पूर्व और वर्तमान नेता उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे. वैसे इस कार्यक्रम के दौरान नेशनल स्टेडियम की 60 हजार सीटों में से आधे से भी कम भरी थी.
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जिम्बाव्बे के हरे, काले और लाल रंग के झंडे में लिपटी मुगाबे की शवपेटिका स्टेडियम में लाई गई. उसके साथ एक मिलिट्री बैंड और अधिकारियों का एक दल था. उनकी पत्नी काले कपड़े में पीछे-पीछे चल रही थीं. इस मौके पर परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे.
अफ्रीकी नेताओं, क्यूबा, रूस और चीन के अधिकारियों ने मुगाबे के औपनिवेशक दौर के गुरिल्ला नेता के अतीत को लेकर अखिल अफ्रीकी नायक के रूप में याद किया.
जिम्बाव्बे के राष्ट्रपति इमर्सन मनाग्वा ने कहा, 'हम अफ्रीका के इस महत्वपूर्ण व्यक्ति का सम्मान करते हैं और याद करते हैं. उनके कई सहयोगी और अनुयायी थे.'
जानकारी के लिए बता दें, मुगाबे का पार्थिव शरीर बुधवार को सिंगापुर से जिम्बाव्बे लाया गया था.