औगाडोउगोउ: सरकारी टेलीविजन पर सोमवार को 10 से अधिक विद्रोही सैनिकों ने घोषणा की कि बुर्किना फासो पर अब जुंटा (सेना) का नियंत्रण है. इससे पहले बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे को बागी सैनिकों ने बंधक बना लिया था. यह पिछले 18 महीने में तीसरा पश्चिमी अफ्रीकी देश है, जहां इस्लामी चरमपंथ से सरकार के निपटने के तौर-तरीकों को लेकर सेना ने तख्तापलट किया है. कैप्टन सिदसोरे कबेर औएद्राओगो ने कहा कि सुरक्षा एवं बहाली के इस देशभक्ति आंदोलन (पैट्रियोटिक मूवमेंट) ने अपनी जिम्मेदारी निभाने का फैसला किया है. गहराते इस्लामी विद्रोह और संकट से निपटने में राष्ट्रपति की अक्षमता की वजह से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के कारण सैनिक काबोरे के राष्ट्रपति कार्यकाल को अब समाप्त कर रहे हैं.
नाम उजागर ना करने की शर्त पर विद्रोह में शामिल एक सैनिक ने बताया कि काबोरे ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. वहीं जुंटा के प्रवक्ता ने कहा कि,' केवल तख्तापलट किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों को किसी प्रकार की कोई चोट नहीं पहुंचाई गई है और उन सभी को सम्मान के साथ सुरक्षित स्थान पर रखा गया है.' हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि फिलहाल राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे कहां हैं. इसके साथ ही नए सैन्य शासन ने कहा कि बुर्किना फासो के संविधान और 'नेशनल असेंबली' को भंग कर दिया गया है और देश की सीमाएं भी बंद कर दी गई हैं. अब यहां रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा. औएद्राओगो ने यह भी कहा कि देश के नए नेता चुनाव कराने के लिए एक ऐसा समय का निर्धारण करेंगे, जो सभी को स्वीकार्य हो.
बता दें कि बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे के आवास के पास रविवार देर रात गोलियों की आवाजें सुनी गईं थी. इससे पहले विद्रोही सैनिकों ने दिन में एक सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया था. वहीं कुछ समय पहले काबोरे के राजनीतिक दल ने एक बयान में विद्रोही सैनिकों पर राष्ट्रपति और एक अन्य सरकारी मंत्री की हत्या करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा था राष्ट्रपति आवास 'भारी हथियारों से लैस लोगों' से घिरा हुआ है. काबोरे, वर्ष 2015 से ही राष्ट्रपति थे और नवंबर 2020 में एक बार फिर वह राष्ट्रपति चुने गए थे. लेकिन वह तभी से विरोध का सामना कर रहे हैं. कुछ समय पहले उन्होंने देश के प्रधानमंत्री को बर्खास्त कर दिया था और मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्यों को बदल दिया था. हाल के वर्षों की बात करें तो यहां अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के हमलों में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं और करीब 15 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
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