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दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को 15 महीने जेल की सजा - दक्षिण अफ्रीका पूर्व राष्ट्रपति न्यूज अपडेट

दक्षिण अफ्रीका के उच्चतम न्यायालय ने देश के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के लिए मंगलवार को 15 महीने कैद की सजा सुनाई है.

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Published : Jun 29, 2021, 5:31 PM IST

जोहानिसबर्ग : पिछले वर्ष नवंबर में स्टेट कैप्चर (state capture) में जांच आयोग के समक्ष सुनवाई का बहिष्कार करने और फिर इसमें शामिल होने से इनकार करने पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (Former South African President Jacob Zuma) को 15 महीने की सजा सुनाई गई है.

सजा निलंबित नहीं की जा सकती
अदालत ने यह भी कहा कि सजा निलंबित नहीं की जा सकती है. विभिन्न संस्थानों में भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों की जांच कर रहे आयोग ने कहा था कि जुमा को दो वर्ष कैद की सजा दी जाए. जुमा ने बार-बार कहा है कि आयोग के साथ सहयोग करने के बजाए वह जेल जाएंगे.
जुमा के बयानों को बताया 'विचित्र'
सांविधानिक अदालत की न्यायमूर्ति सिसी खाम्पेपे द्वारा मंगलवार की सुबह दिए गए फैसले में उन्होंने जुमा के बयानों को विचित्र एवं नहीं बर्दाश्त करने योग्य बताया. न्यायाधीश ने कहा कि संविधानिक अदालत (constitutional court) का मानना है कि जिस व्यक्ति (जुमा) ने दो बार गणतंत्र (दक्षिण अफ्रीका), इसके कानून एवं संविधान की शपथ ली, उसने कानून की उपेक्षा की, इसे कमतर आंका और कई तरह से इसे खत्म करने का प्रयास किया.

इसे भी पढ़ें : दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई शुरू

खाम्पेपे ने कहा कि पीठ के ज्यादातर न्यायाधीश (judge) यह मानते हैं कि कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए कि इस तरह से अवज्ञा और उल्लंघन गैर कानूनी है और दंडित किया जाएगा.
(पीटीआई-भाषा)

जोहानिसबर्ग : पिछले वर्ष नवंबर में स्टेट कैप्चर (state capture) में जांच आयोग के समक्ष सुनवाई का बहिष्कार करने और फिर इसमें शामिल होने से इनकार करने पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (Former South African President Jacob Zuma) को 15 महीने की सजा सुनाई गई है.

सजा निलंबित नहीं की जा सकती
अदालत ने यह भी कहा कि सजा निलंबित नहीं की जा सकती है. विभिन्न संस्थानों में भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों की जांच कर रहे आयोग ने कहा था कि जुमा को दो वर्ष कैद की सजा दी जाए. जुमा ने बार-बार कहा है कि आयोग के साथ सहयोग करने के बजाए वह जेल जाएंगे.
जुमा के बयानों को बताया 'विचित्र'
सांविधानिक अदालत की न्यायमूर्ति सिसी खाम्पेपे द्वारा मंगलवार की सुबह दिए गए फैसले में उन्होंने जुमा के बयानों को विचित्र एवं नहीं बर्दाश्त करने योग्य बताया. न्यायाधीश ने कहा कि संविधानिक अदालत (constitutional court) का मानना है कि जिस व्यक्ति (जुमा) ने दो बार गणतंत्र (दक्षिण अफ्रीका), इसके कानून एवं संविधान की शपथ ली, उसने कानून की उपेक्षा की, इसे कमतर आंका और कई तरह से इसे खत्म करने का प्रयास किया.

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खाम्पेपे ने कहा कि पीठ के ज्यादातर न्यायाधीश (judge) यह मानते हैं कि कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए कि इस तरह से अवज्ञा और उल्लंघन गैर कानूनी है और दंडित किया जाएगा.
(पीटीआई-भाषा)

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