काहिरा (मिस्र) : मिस्र ने इस्माइलिया के स्वेज नहर शहर में एक पुलिस अधिकारी की हत्या के दोषी सात लोगों को मौत की सजा सुनाई. एक अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों ने कहा कि गंभीर यातनाओं के आरोप में ट्रायल के बाद यह फैसला सुनाया गया है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि बचाव पक्ष पर नवंबर 2013 में लड़ाई के दौरान अधिकारी की हत्या करने और दूसरे व्यक्ति की हत्या का प्रयास करने का आरोप था. एक अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई और देश की सर्वोच्च आपराधिक अपील अदालत ने 2018 में फैसले को बरकरार रखा.
अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक इस्माइलिया में लड़ाई को रोकने की कोशिश के दौरान पुलिस अधिकारी को गोली मार दी गई थी. आरोपियों ने एक अन्य नागरिक को भी मारने की कोशिश की और भागने से पहले अधिकारी के हथियार छीन लिए.
हालांकि लंदन स्थित एमनेस्टी इंटरनेशनल ने फांसी देने के फैसले की निंदा की. उसने ट्वीट के जरिए कहा कि ट्रायल के दौरान कई कारणों से जांच की प्रक्रिया बाधित हुई थी. समूह ने कहा कि दोषी ठहराए गए लोगों में से तीन के चेहरे पर पुलिस अधिकारी की हत्या के पांच दिन बाद 26 नवंबर 2013 को चोट के निशान दिखाई दिए.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि वह बिना किसी अपवाद के सभी मामलों में मौत की सजा का विरोध करता है, इसे एक क्रूर और अमानवीय सजा कह जा सकता है.
समाचार पत्र अल-अहराम ने बताया कि सात आरोपियों को सोमवार को काहिरा की जेल में बंद किया गया था.
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वहीं एक स्थानीय समूह, इजिप्ट फ्रंट फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि मिस्र ने इस साल के पहले छह महीनों में 34 लोगों को मार डाला है. उनमें मिस्र के सबसे हाईप्रोफाइल उग्रवादी नेताओं में एक शामिल था. सुरक्षा बलों पर दर्जनों घातक हमलों की योजना बनाने में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद पूर्व सैन्य विशेष अधिकारी, हिशम अल-अश्मावी को मार्च में फांसी दी गई थी.
जून में, अधिकारियों ने लीबिया के एक आतंकवादी को 2017 में कम से कम 16 पुलिस अधिकारियों को मारने वाले हमले की साजिश रचने का दोषी पाया.
फरवरी में भूमध्यसागरीय शहर अलेक्जेंड्रिया में दो चर्चों और टांटा के नील डेल्टा शहर में हमलों में शामिल होने के दोषी पाए जाने के बाद आठ संदिग्ध आतंकवादियों को मार दिया गया था. अप्रैल 2017 में हुए बम विस्फोटों में कम से कम 44 लोग मारे गए थे.
2013 में अपने विभाजनकारी शासन के खिलाफ बड़े विरोध के बाद सैन्य आतंकवादियों ने एक निर्वाचित इस्लामी राष्ट्रपति को पद से हटा दिया, तब से इस्लामिक आतंकवादियों ने हमले तेज कर दिए हैं. उत्तरी सिनाई प्रायद्वीप में स्थित एक इस्लामिक स्टेट संबद्ध ने सुरक्षा बलों और ईसाई अल्पसंख्यकों को बार-बार निशाना बनाया है.