नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी आज (सोमवार) को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हो गए. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है. इस यात्रा के दौरान कई मुख्य क्षेत्रों पर चर्चा होगी, जिनमें ऊर्जा और वित्तीय क्षेत्र शामिल हैं.
मोदी, सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के निमंत्रण पर इस दौरे पर जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ बातचीत करेंगे और दो दिवसीय यात्रा के दौरान देश में RuPay कार्ड लॉन्च करेंगे.
पीएम मोदी प्रिंस सलमान के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके साथ ही वह एफआईआई के तीसरे सत्र में लोगों को संबोधित करेंगे.
वह रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) फोरम के तीसरे सत्र में भी भाग लेंगे, जहां वह लोगों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री सोमवार की रात रियाद पहुंचेंगे. मंगलवार को मोदी एफआईआई पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे और उसी रात नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
एफआईआई को 'दावोस इन द डेजर्ट' के रूप में भी जाना जाता है. इसे 2017 से रियाद द्वारा सऊदी अरब को संभावित निवेश केंद्र के रूप में प्रोजेक्ट करने के लिए होस्ट किया जाता है.
विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक मामलों), टीएस तिरुमूर्ति ने बाताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा का एक द्विपक्षीय खंड भी होगा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद से मिलेंगे और उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
उन्होंने आगे बताया, स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाएगा. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी होगी.
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गौरतलब है कि दोनों देश के बीच इस साल दिसंबर में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित किए जाने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले के बाद बढ़ते तनाव के बीच हो रही. आपको बता दें, इस्लामाबाद ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को एकतरफा घटा दिया है. इसके साथ ही कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने का प्रयास कर रहा है लेकिन पाकिस्तान को इसमें कोई सफलता नहीं मिली.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत ने 28 अक्टूबर को मोदी की सऊदी यात्रा के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग करने के लिए पाकिस्तान की अनुमति मांगी थी. लेकिन पाकिस्तान ने भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया.
भारत सरकार ने इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के समक्ष रखा है. सूत्रों के अनुसार, अन्य देशों द्वारा ओवरफ्लाइट की मंजूरी ICAO दिशानिर्देशों के अनुसार मांगी जाती है और दी जाती है.
इससे पहले सिंतबर में प्रधानमंत्री मोदी को संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका जाने के लिए पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी थी. यही नहीं, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को आधिकारिक यूरोप यात्रा के लिए पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.