न्यूयॉर्क : भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका में पहली महिला उपराष्ट्रपति होंगी. जानकारी के अनुसार हैरिस अपने प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन पार्टी के माइक पेन्स को चुनावी पटखनी दी है. वहीं जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनेंगे. बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी शिकस्त दी है. बाइडेन को 273 वोट मिले हैं, जबकि ट्रंप को 214 वोट मिले.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में अपनी पसंद बताया था. इस घोषणा के बाद 55 साल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद के लिए शीर्ष दावेदार थीं और उन्हें जमकर समर्थन मिल रहा था. अमेरिका के इतिहास में पहली बार अश्वेत-भारतीय अमेरिकी महिला उपराष्ट्रपति के चुनाव में उम्मीदवार बनीं. उपराष्ट्रपति चुनाव में हैरिस का मुकाबला रिपब्लिकन उम्मीदवार व वर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस से था.
कमला हैरिस के समर्थक सोशल मीडिया पर खुशी का इजहार किया था. नेताओं समेत कई लोगों ने निजी तौर पर खुशी जताई है.
द लिंकन प्रोजेक्ट के सह-संस्थापक स्टीव श्मिट ने हैरिस के चुने जाने को लेकर कहा, 'यह वह टीम है जो डोनाल्ड ट्रंप के जाने के बाद अमेरिका की बहाली का नेतृत्व करेगी. वह जबरदस्त हैं, वह चतुर हैं, वह तेजी से कदम उठाने वाली और मुखर हैं.'
हैरिस की बहन माया हैरिस ने अपनी मां की फोटो साझा करते हुए लिखा, 'आप तब तक यह नहीं जान सकते कि कमला हैरिस कौन हैं, जब तक आप यह न जान लें कि हमारी मां कौन थीं. उनकी बहुत याद आ रही है लेकिन जानती हूं कि आज वह और हमारे पूर्वज मुस्कुरा रहे हैं.'
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You can’t know who @KamalaHarris is without knowing who our mother was. Missing her terribly, but know she and the ancestors are smiling today. #BidenHarris2020 pic.twitter.com/nmWVj90pkA
— Maya Harris (@mayaharris_) August 12, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने भी कमला हैरिस के अमेरिकी उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित किए जाने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि हैरिस का उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित होना भारतीयों और खासकर तमिलनाडु के लिए गर्व का क्षण है. पनीरसेल्वम ने उनकी जड़ों को याद किया और उन्हें अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'यह भारतीयों और विशेष रूप से तमिलनाडु के लिए गर्व का क्षण है कि पहली भारतीय सीनेटर कमला हैरिस को अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी ने उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में नामित किया है, जिनकी मां तमिलनाडु से थीं. मेरी तरफ से उनको हार्दिक शुभकामनाएं.'
कौन हैं कमला हैरिस
कमला हैरिस अमेरिकी राजनीतिज्ञ और वकील हैं. वह डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य हैं और वर्तमान में कैलिफोर्निया से जूनियर सीनेटर हैं.
हैरिस ने 2010-2014 के बीच दो कार्यकाल के लिए कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया.
अमेरिका की राजनीति में कमला हैरिस का सफर
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में मशहूर होने के बाद, हैरिस ने नवंबर 2016 में अमेरिकी सीनेट का चुनाव लड़ा और लॉरेटा सैंशेज को हराकर कैलिफोर्निया की तीसरी महिला सीनेटर बनीं. वह अमेरिकी सीनेट में पहुंचने वाली पहली दक्षिण एशियाई-अमेरिकी हैं और दूसरी अफ्रीकी-अमेरिकी महिला हैं.
सीनेटर के रूप में हैरिस ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, अनिर्दिष्ट अप्रवासियों के लिए नागरिकता, DREAM अधिनियम, हथियारों पर प्रतिबंध और प्रगतिशील कर सुधार का समर्थन किया.
दिसंबर 2019 में, कमला हैरिस अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक नामांकन की दौड़ में शामिल हुई थीं. हालांकि, बाद में धन की कमी का हवाला देते हुए वह पीछे हट गई थीं.
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस से हटने के नौ महीने बाद, अगस्त 2020 में हैरिस डेमोक्रेट पार्टी की तीसरी महिला अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनीं. इससे पहले जेराल्डाइन फेरारो और सारा पॉलिन उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बन चुकी हैं.
हैरिस का वकील के रूप में सफर
हैरिस ने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, हेस्टिंग्स कॉलेज ऑफ लॉ से डिग्री हासिल की.
साल 1990 में, हैरिस ने अलमेडा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय में अपना करियर शुरू किया. बाद में उनकी सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय में नियुक्ति हुई और फिर सैन फ्रांसिस्को के सिटी अटॉर्नी के कार्यालय में काम किया.
ओकलैंड में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के रूप में हैरिस ने यौन अपराधों पर ध्यान केंद्रित किया. हैरिस ने अलमेडा में नाबालिग लड़कियों को वेश्यावृत्ति से बचाने के लिए कानून में सुधार किया.
2003 में, कमला हैरिस सैन फ्रांसिस्को की 27वीं डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चुनी गईं और 2011 तक इस पद पर कार्य किया.
हैरिस 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल चुनी गई थीं और 2014 में फिर से उन्हें इस पद के लिए चुना गया.
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में अपराध नीतियों में सुधारकों के लिए हैरिस को आलोचना का सामना करना पड़ा था.
हैरिस का भारत से रिश्ता
हैरिस का जन्म कैलिफोर्निया के ओकलैंड में हुआ. उनकी मां दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु से थीं और उनके पिता जमैका के हैं.
हालांकि वह खुद को अश्वेत समझती हैं, हैरिस अक्सर भारत से अपने रिश्तों पर बात करती हैं. जब वह युवा थीं तो गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए अपने नाना के साथ चेन्नई आई थीं. उनके दादा भारत सरकार में नौकरशाह थे.
कमला हैरिस ने साल 2009 में एक इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे नाना भारत में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, और बचपन से मेरी कुछ शौकीन यादें उनके साथ समुद्र तट पर घूमते हुए जुड़ी हैं, जब वह सेवानिवृत्त होने के बाद बेसेंट नगर (चेन्नई) में रहते थे. वह हर सुबह अपने दोस्तों के साथ समुद्र तट पर टहलते थे, जो सभी सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी थे और वे राजनीति के बारे में बात करते थे कि भ्रष्टाचार से कैसे लड़ा जाना चाहिए और न्याय के बारे में. वे हंसते थे और तर्क-वितर्क करते थे, और उन वार्तालापों से, यहां तक कि उनके कार्यों से अधिक, मुझ पर एक मजबूत प्रभाव पड़ा. मेरे अंदर जिम्मेदारी, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का भाव पैदा हुआ.
हैरिस की मां श्यामला गोपालन स्तन कैंसर शोधार्थी थीं, जो 1960 यूसी बर्कले में एंडोक्रिनोलॉजी में पीएचडी करने के लिए अमेरिका आई थीं. जहां उनकी मुलाकात जमैका के डोनाल्ड हैरिस से हुई, जो अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रहे थे.
कमला की बहन माया हैरिस भी राजनीतिक कार्यकर्ता हैं और हिलेरी क्लिंटन के राष्ट्रपति अभियान में काम कर चुकी हैं.
दोनों बहनों की परवरिश मां ने की थी, क्योंकि जब कमला सात साल की थीं तब उनके माता-पिता अलग हो गए थे. 2009 में उनकी मां का निधन हो गया था.
हैरिस की उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं और किसी प्रमुख पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुनी जाने वाली पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी हैं.
उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में हैरिस के नाम की घोषणा करते हुए जो बिडेन ने समर्थकों से कहा कि वह (हैरिस) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुकाबला करने के लिए सबसे अच्छी उम्मीदवार थीं, जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान में शालीनता को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई है.