नई दिल्ली : अभिनेता और डॉयरेक्टर सतीश कौशिक अब इस दुनिया में नहीं रहे. 66 वर्ष के सतीश कौशिक ने गुरुवार की सुबह अंतिम सांस ली है. लेकिन उनका अभिनय हमेशा दर्शकों के दिल में एक खास जगह रखेगा. खास तौर से गोविंदा और सतीश की जोड़ी ने ऐसी फिल्में दी जो 80 और 90 के दशक में दर्शकों को गुदगुदानें में कामयाब रहीं. यूं तो सतीश मे लगभग हर बड़े अभिनेता और निर्देशक के साथ काम किया लेकिन गोविंदा और सतीश की जोड़ी ने दर्शकों पर अलग ही छाप छोड़ी. दोनों ने अपने अभिनय और कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को अपना दिवाना बना दिया.
बात इस दौर की है जब गोविंदा अपनी ज्यादातर फिल्मों में 'संस्कारी बेटे' हुआ करते थे. संस्कार और अपने उसुलों के कारण गोविंदा अक्सर घर छोड़ दिया करते थे. तब जो शख्स गोविंदा को छत देता था वह थे सतिश कौशिक. राजा जी फिल्म में सतीश कौशिक गोविंदा के मामा का रोल निभा रहे थे. इस फिल्म में गोविंदा का किरदार चाहता था कि उसकी शादी एक अमीर लड़की से हो जाये जिसके पैसों पर वह अपनी जिंदगी गुजार सके. सतीश इस फिल्म में गोविंदा की मदद करते नजर आते हैं. फिल्म में दोनों की कॉमिक टाइमिंग ने दर्शकों को खूब हंसाया.
स्वर्ग अपने समय की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक रही. इस फिल्म में भी गोविंदा को उसके रिश्तेदार चोरी का आरोप लगा कर घर से निकाल देते है. गोविंदा भी हीरो बनने के लिए मुंबई पहुंच जाते हैं. जहां उनकी मुलाकात सतीश से होती है. एक बार फिर सतीश गोविंदा को रहने के लिए घर देते हैं और उन्हें हीरो बनने में मदद करते हैं.
साल 1996 में आई फिल्म साजन चले ससुराल दो पत्नियों के बीच में फंसे पति की कहानी है. जिसमें गोविंदा के साथ तब्बू और करिश्मा कपूर ने काम किया था. कहानी में करिश्मा गोविंदा की पहली पत्नी हैं. और मजबूरी में गोविंदा को तब्बू से दूसरी शादी करनी पड़ी. दोनों पत्नियों के बीच में तालमेल बिठाने में मदद करने वाला गोविंदा की मदद करने वाले शख्स थे सतीश कौशिक जिनके किरदार का नाम था मुत्तुस्वामी. इस फिल्म में सतीश के सहज अभिनय ने दर्शकों का मन मोह लिया था.
परदेसी बाबू फिल्म 1998 में आयी थी. इस फिल्म में भी सतीश कौशिक गोविंदा की काफी मदद करते नजर आते हैं. फिल्म में हैप्पी सिंह का किरदार निभाने वाले सतीश गोविंदा को पैसे कमाने में मदद करते हैं. क्योंकि गोविंदा को एक अमीर लड़की से प्यार हो जाता है. गोविंदा के होने वाले ससुर ने उनके सामने शर्त रखी कि उन्हें एक साल में एक करोड़ रुपये कमाने होंगे. इस फिल्म में हैप्पी सिंह गोविंदा को बिजनेस में मदद करते हैं.
2001 में एक बार फिर सतीश कौशिक गोविंदा को घर में पनाह देते हुए बड़े स्क्रीन पर नजर आते हैं. फिल्म थी 'क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता'. इस फिल्म में गोविंदा का किरदार एक वकील का है. जो एक छोटे शहर से मुंबई आते हैं. यहां उन्हें सतीश कौशिक अपने घर में पनाह देते हैं.
पढ़ें : Actor Satish Kaushik passes away : 66 वर्ष की उम्र में अभिनेता- निर्देशक सतीश कौशिक का निधन